
Ask Mufti Ashraf
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About Ask Mufti Ashraf
Qazi Mufti Ashraf Ali Dehelwi is a qualified Islamic scholar. He pursued an intensive full-time study of the classical disciplines of Islamic learning (known as Dars-e-Nizami) and was awarded formal certifications as an 'Alim' certifying him to teach the disciplines of Qur'an, Tafsir, Hadith, Arabic Grammar & Linguistics, Beliefs & Creed, and Islamic Law & Legal Theory (Fiqh & Usul). He completed his Takhasus fil Fiqh & Qaza from Waliullahi Darul Ifta Wal Qaza Wa Online Fatwa Delhi & Al Markazul Ilmi Liddirasiyaatil Ulya Under Arsh Educational Acadmy Hydrabad India and was formally certified as "Qazi wa Mufti" (Authorization to give Fatwah - (Legal Opinion))
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╭ *🕌﷽🕌* ╮ *▓ मसाइल- ए -क़ुर्बानी ▓* *✪ क़िस्त—02 ✪* *☞_ क़ुर्बानी किस पर वाजिब है और किस पर नहीं ?* *★चंद सूरतों में कुर्बानी करना वाजिब है और चंद में नहीं :-* *❂_१_किसी शख्स ने कुर्बानी की मन्नत मानी हो तो उस पर कुर्बानी करना वाजिब है ।* *❂_२_किसी शख्स ने मरने से पहले कुर्बानी की वसीयत की हो और इतना माल छोड़ा हो कि उसके तिहाई माल से उसकी तरफ से कुर्बानी की जा सके तो उसकी तरफ से कुर्बानी करना वाजिब है।* *❂_३_ जिस शख्स पर सदका़ ए फितर् वाजिब है उस पर कुर्बानी के दिनों में कुर्बानी करना भी वाजिब है ।* *❂_४_जिस शख्स के पास रिहायशी मकान ,खाने पीने का सामान, इस्तेमाल के कपड़ों और बाक़ी इस्तेमाल की दूसरी चीज़ों के अलावा साडे 52 तोला चांदी की मालियत का नक़द रूपया, माले तिजारत या दीगर सामान हो उस पर कुर्बानी करना वाजिब है।* *❂"_ मसलन एक शख्स के पास दो मकान है एक मकान उसकी रिहाइश का और दूसरा खाली है, तो उस पर कुर्बानी वाजिब है जबकि उसी खाली मकान की कीमत साडे 52 तोला चांदी की मालियत के बराबर हो।* *"_या मसलन एक मकान में वह खुद रहता है दूसरा मकान किराए पर उठाया हो तो उस पर भी कुर्बानी वाजिब है अलबत्ता अगर उसका ज़रिया ए मआ़श यही मकान का किराया है तो यह भी जरूरियाते जिंदगी में शुमार होगा और उस पर कुर्बानी करना वाजिब नहीं ।* *❂"_या मसलन किसी के पास दो गाड़ियां हैं एक आम इस्तेमाल की है और दूसरी जायद है तो उस पर भी कुर्बानी है । या मसलन किसी के पास दो प्लॉट है एक मकान बनाने के लिए हैं और दूसरा ज़ायद है तो अगर उसके दूसरे प्लॉट की क़ीमत साडे 52 तोला चांदी क़ीमत के बराबर हो तो उस पर कुर्बानी वाजिब है।* *📘 आप के मसाईल और उनका हल -जिल्द 4 सफा 164* ➖▫️➖▫️➖▫️➖▫️➖ #copy

कुरबानी करने वाले के लिए बाल नाखून काटने का हुक्म! रसूलुल्लाह ﷺ ने इर्शाद फ़रमाया: जिसके पास क़ुर्बानी का जानवर हो और वह उसे ईद के दिन ज़बह करने का इरादा रखता हो तो जब ज़िलहज का चांद निकल आए तो अपने बाल और नाखून न काटे जब तक कि क़ुर्बानी न कर ले। (अबु दावूद:386) इस हदीस में क़ुर्बानी करने वाले के लिए पहली ज़िलहज का चांद नज़र आने से लेकर अपने जानवर की क़ुर्बानी होने तक बदन के बाल,नाखून वगैरा न काटने की हिदायत है,उससे पहले पहले सफाई कटाई कर ले, लेकिन उसके बाद भी सफाई कर ली तो गुनाहगार न होगा, क्योंकि यह हुक्म मुस्तहब है, अलबत्ता 40 दिन बीत गए हो तो सफाई करना वाजिब है। #copy

╭ *🕌﷽🕌* ╮ *▓ मसाइल- ए -क़ुर्बानी ▓* *✪ क़िस्त—01 ✪* *☞ क़ुर्बानी के फजा़इल ❂* *★_ हज़रत ज़ैद बिन अरक़म रज़ियल्लाहु अ़न्हु फरमाते हैं की हुजूर सल्लल्लाहु अ़लेहि वसल्लम से सहा़बा किराम रज़ियल्लाहु अ़न्हुम ने दरयाफ्त किया यह कुर्बानी क्या है ?* *"_आप सल्लल्लाहु अ़लेहि वसल्लम ने इरशाद फरमाया: कुर्बानी तुम्हारे बाप ह़ज़रत इब्राहीम अ़लैहिस्सलाम की सुन्नत है।* *"_ सहा़बा रज़ियल्लाहु अ़न्हुम ने पूछा -हमारे लिए इसमें क्या सवाब है ?* *"आप सल्लल्लाहू अ़लेहि वसल्लम ने फ़रमाया: एक बाल के बदले एक नेकी है।* *"_ ऊन के मुताल्लिक फरमाया- इसके एक बाल के बदले भी एक नेकी है । (मिश्कात शरीफ 129)* *★_ ह़ज़रत इब्ने अ़ब्बास रज़ियल्लाहु अ़न्हु फरमाते हैं:- कुर्बानी से ज़्यादा कोई दूसरा अ़मल नहीं है इल्ला ये कि रिश्तेदारी का पास ( अच्छा सुलूक) किया जाए_,"* *( तबरानी )* *★_ कुर्बानी के दिनों में कुर्बानी करना बहुत बड़ा अ़मल है । ह़दीस शरीफ़ में है कि कुर्बानी के दिनों में कुर्बानी से ज़्यादा कोई चीज़ अल्लाह तआ़ला को मह़बूब नहीं और कुर्बानी करते वक़्त खून का जो क़तरा ज़मीन पर गिरता है वह गिरने से पहले अल्लाह तआ़ला के यहां मक़बूल हो जाता है_,"* *( मिश्कात 123 )* 📘आपके मसाल और उनका ह़ल -जिल्द 4 सफा 163 #copy

╭ *🕌﷽🕌* ╮ *▓ मसाइल- ए -क़ुर्बानी ▓* *✪ क़िस्त—03 ✪* *☞_ क़ुर्बानी किस पर वाजिब है और किस पर नहीं- २ ❂* *★_औरत का महरे मुअ़ज्जल अगर इतनी मालियत का हो तो उस पर भी कुर्बानी वाजिब है , या सिर्फ वालदेन की तरफ से दिया गया ज़ेवर और इस्तेमाल से ज़ायद कपड़े निसाब की मालियत को पहुंचते हो तो उस पर भी कुर्बानी वाजिब है ।* *★_एक शख्स मुलाजिम है उसकी माहाना तनख़ाह से उसके अहलो अयाल की गुज़र बसर हो सकती है उस पर कुर्बानी वाजिब नहीं जबकि उसके पास कोई और मालियात ना हो ।* *★_ एक शख्स के पास पैदावार की जमीन है जिसकी पैदावार से उसकी गुज़र बसर होती है वो ज़मीन उसकी जरूरियात में समझी जाएगी ।* *★_एक शख्स के पास हल जोतने के लिए बेल और दूधारी गाय भैंस के अलावा और मवेशी इतने हैं कि उनकी मालियात निसाब को पहुंच जाए तो उस पर कुर्बानी करना वाजिब है ।* *★_५_ एक शख्स साहिबे निसाब नहीं ना कुर्बानी उस पर वाजिब है लेकिन उसने शौक से कुर्बानी का जानवर खरीद लिया तो कुर्बानी वाजिब है।* *"_सही क़ौल के मुताबिक बच्चे और मजनून पर कुर्बानी वाजिब नहीं चाहे वह मालदार हो।* आपके मसाइल और उनका हल जिल्द 4 सफा १६५, #copy

╭ *🕌﷽🕌* ╮ *मसाइले क़ुर्बानी* *✪ क़िस्त—04 ✪* *☞_ क़ुर्बानी किस पर वाजिब है और किस पर नहीं -3 ❂* *★_ चांदी के निसाब भर मालिक हो जाने पर कुर्बानी वाजिब है ।* *★_कुर्बानी साहिबे निसाब पर हर साल वाजिब है, ज़कात में निसाब पर साल गुज़रना शर्त है लेकिन कुर्बानी के वाजिब होने के लिए साल गुज़रना शर्त नहीं बल्कि कोई शख़्स कुर्बानी के दिन साहिबे निसाब हो गया तो उस पर कुर्बानी वाजिब होगी ।* *★_बर सरे रोज़गार साहिबे निसाब बालिग लड़के लड़कियां सब पर कुर्बानी वाजिब है चाहे अभी उनकी शादी ना हुई हो ।* *★_एक ही घर में बाप बेटे बेटियां बीवी अगर साहिबे निसाब हो तो हर एक पर अलग-अलग कुर्बानी वाजिब है ।* *★_मक़रूज़ अगर क़र्ज अदा करने के बाद साढ़े 52 तोला चांदी की मालियत हाजते असलिया से ज़ायद मौजूद हो तो कुर्बानी वाजिब है ।* *★_अगर कुर्बानी के दिन गुज़र गए तो गफलत या किसी और उजर् से कुर्बानी ना कर सका तो कुर्बानी की क़ीमत फु-क़रा मसाकीन पर सदका़ करना वाजिब है लेकिन कुर्बानी के ३ दिनों में जानवर की क़ीमत सदका़ कर देने से यह वाजिब अदा ना होगा ।* *★_साहिबे निसाब गुज़िश्ता जितने सालों की (जबकि साहिबे निसाब था और कुर्बानी नहीं की) कुर्बानी वाजिब थी और अदा नहीं की तो उन सालों का हिसाब करके (एक मुनासिब बकरे की कीमत जितनी बनती है) वो रक़म सदका़ करना वाजिब है ।* *★_गुंजाइश हो तो अपने मरहूम बुजुर्गों की तरफ से और हुजूर सल्लल्लाहु अ़लैहि वसल्लम की तरफ से ज़रूर कुर्बानी की जाए।* *"_ लेकिन अगर साहिबे निसाब है पहले अपनी तरफ से कुर्बानी करें और दूसरी कुर्बानी मरहूम बुजुर्गों और हुजूर सल्लल्लाहु अ़लेहि वसल्लम की तरफ से अलग करें।* *★_ जिस पर कुर्बानी वाजिब नहीं अगर वह भी कुर्बानी करे तो उसे भी पूरा सवाब होगा ।* *"_अगर किसी आदमी ने कुर्बानी की नियत से बकरा लिया और फिर कुर्बानी से पहले ही बेच दिया तो इस्तिग़फ़ार करते हुए उस रक़म का सदका करना वाजिब है, और अगर कुर्बानी उस पर वाजिब थी (साहिबे निसाब था) तो दूसरा जानवर खरीदकर कुर्बानी के दिनों में कुर्बानी करें ।* *📘 आपके मसाइल और उनका हल जिल्द 4 सफा-१७३ _,* #deenirahnumayi #copy

*✂️✂️बाल/नाखून✂️✂️* *मसअला* *उर्दू महिने की पहली तारीख चाँद के दिखने पर तय होती है इस लिहाज़ से 28 मई 2025 की मग़रिब से पहले तक नाखून और बाल काटें तो बेहतर है। अगर महीना 30 दिन का हुआ तो 29 मई 2025 की मग़रिब से पहले तक...* क़यूँके जिस पर क़ुर्बानी वाजिब है तो उसे चाहिये के ज़िलहिज्जा की पहली तारीख़ से क़ुर्बानी ज़ुबह होने तक जिस्म के किसी हिस्से के बाल और नाखून न काटे। *और यह मुस्तहब अमल है, वाजिब नहीं।* *📚 फतावा रहीमिया 10/31* *⛔ नोट:- 40 दिन से ज़्यादा तक नाफ के निचे के बाल साफ न करना मकरूहे तहरीमी और गुनाह में शामिल है। अगर किसी की क़ुर्बानी भी हो तो वो मुस्तहब को छोड़ कर अपने बाल साफ करें।* ➖➖➖➖➖➖ #copy