Jeevan Ki Anmol Nidhi
Jeevan Ki Anmol Nidhi
June 17, 2025 at 12:53 AM
🌹* *गुरु पारस हम लौह*🌹 एक गुरू ने अपने शिष्य को तलवार बाज़ी की सारी विद्या सीखा दी। गुरू बूढ़े हो चले थे , शिष्य जवान। किसी ज़माने में गुरू का लोहा पूरा गांव मानता था, पर आज शिष्य ही उन्हें चैलेंज करने लगा था। वो जगह-जगह घूम कर लोगों से कहता था कि उनका गुरू तो कुछ भी नहीं। आज इस गांव में क्या, आस-पास के कई गांवों में उस से बड़ा कोई तलवारबाज़ नहीं। लोगों से इतना कहने तक में कोई बड़ी बात नहीं थी। पर  अहंकार इतना सिर चढ़ गया  जब शिष्य ने खुलेआम गुरु को चैलेंज कर दिया कि या तो मैदान में आकर मुकाबला करो या फिर गुरूअई छोड़ो। सबने बहुत समझाया कि गुरू से ऐसा व्यवहार ठीक नहीं। पर किसका अहंकार समझा है, जो उस शिष्य का समझता। पुत्र रूपी जिस शिष्य को उन्होंने सबकुछ सिखाया, आज वही चैलेंज कर रहा है। न चाहते हुए भी आख़िर गुरू को अपने शिष्य के साथ तलवारबाज़ी के उस चैलेंज को स्वीकार करना पड़ा। ⭐️ Join on Whatsapp https://whatsapp.com/channel/0029Va5GBzR3LdQRNbVAAl3j https://chat.whatsapp.com/Gd2tRkmNLXtDOnYe5Up6AH पूरा गांव जानता था गुरू बूढ़े हो गए हैं और शिष्य की ताकत के आगे वो मिनट भर भी नहीं टिकेंगे। पर गुरू ने चुनौती को स्वीकार कर लिया तो कर लिया। शिष्य का माथा ठनका कि ये बुड्ढा गुरू चैलेंज स्वीकार कर चुका है, मतलब उसने कोई न कोई विद्या छिपा कर रखी होगी। शिष्य ने गुरू पर नज़र रखनी शुरू कर दी । शिष्य ने देखा कि गुरूने  एक लोहार से  पंद्रह फीट लंबी एक म्यान बनवाई। शिष्य  समझ गया कि गुरू ने उसे यही विद्या नहीं सिखाई थी। पंद्रह फीट लंबी म्यान, मतलब पंद्रह फीट लंबी तलवार, मतलब वो पंद्रह फीट दूर से ही उसकी गर्दन उड़ा देगा। शिष्य ने दूसरे लोहार से सोलह फीट लंबी तलवार और म्यान बना ली। शिष्य ने समझ लिया था कि जब गुरू पंद्रह फीट दूर से तलवार निकालेगा, उससे एक फीट लंबी तलवार से वो उन पर हमला कर देगा। तलवारबाज़ी शुरू हुई। सबने देखा कि गुरू के हाथ में पंद्रह फीट लंबी म्यान थी और शिष्य के हाथ में सोलह फीट लंबी म्यान। सीटी बजी और खेल शुरू। ये क्या? गुरू ने पंद्रह फीट लंबी म्यान से अपनी छोटी सी तलवार सटाक से बाहर निकाली। शिष्य अभी अपनी सोलह फीट की म्यान से सोलह फीट की तलवार चौथाई भी नहीं निकाल पाया था कि उसकी गर्दन पर गुरू की तलवार तन गई। शिष्य समझ गया कि गुरू ने सिर्फ म्यान ही बड़ी बनवाई थी, तलवार नहीं। शिष्य ने म्यान और तलवार दोनों बड़ी बनवाई थी। गुरू चाहते तो  अपनी तलवार से शिष्य का गला एक ही झटके में उड़ा सकते थे। पर  गुरू ने शिष्य को पूरे गांव की मौजूदगी में सबक सिखा दिया था। गुरु तो गुरु ही होते हैं। उन्हें किन्ही परिस्थिति में आंखें नहीं दिखाई जातीं। सभी गुरुओं को मनोज का प्रणाम। 🙏🙏 *जो प्राप्त है-पर्याप्त है* *जिसका मन मस्त है* *उसके पास समस्त है!!* ° मानव ही सबसे बड़ी जाति ° ° मानवता ही सबसे बड़ा धर्म ° ⭐️ Join the telegram group https://t.me/+0qiDzhylk9g5MGE9 ⭐️  Join on Facebook https://www.facebook.com/JeevanKiAnmolNidhi ⭐️  Subscribe on YouTube https://www.youtube.com/@devchandel.goojdex ⭐️  Follow on Instagram https://www.instagram.com/devchandel.goojdex आप भी अपने जानकर , दोस्त और परिवार के सदस्यों को add कर सकते है जिससे सभी को कहानी से प्रेरणा मिल सके  और ज्यादा से ज्यादा लाभ हो धन्यवाद। संकलन कर्ता-         Dev Chandel CEO & Founder GoojDex ⭐️*हमारा आदर्श : सत्यम्-सरलम्-स्पष्टम्*⭐️ https://onlinestoremarkets.blogspot.com https://goojdex.blogspot.com https://devchandel.blogspot.com

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