
Prachin Akhand Bharat (प्राचीन अखंड भारत)
June 14, 2025 at 02:46 PM
🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅️ दिनांक:- 15 जून 2025
⛅️ दिन:- रविवार
⛅️ विक्रम संवत्:- 2082
⛅️ शक संवत्:- 1947
⛅️ अयन:- उत्तरायण
⛅️ ऋतु:- ग्रीष्म
⛅️ मास:- आषाढ़
⛅️ पक्ष:- कृष्ण
⛅️ तिथि:- चतुर्थी (रात 12:21 बजे तक, उपरांत पंचमी)
⛅️ नक्षत्र:- श्रवण (सुबह 5:45 बजे तक, उपरांत धनिष्ठा)
⛅️ योग:- सौभाग्य (सुबह 7:32 बजे तक, उपरांत शोभन)
⛅️ व्यतिपात (मिति पात):- नहीं है
⛅️ करण:- बव (दोपहर 12:05 बजे तक, उपरांत बालव)
⛅️ भद्रा:- नहीं है
⛅️ पंचक:- नहीं है
⛅️ राहुकाल:- शाम 5:30 बजे से 7:00 बजे तक
☀️ सूर्योदय:- सुबह 5:27 बजे
☀️ सूर्यास्त:- शाम 7:25 बजे
🌙 चन्द्रोदय:- रात 9:45 बजे
🌙 चन्द्रास्त:- सुबह 8:30 बजे
⛅️ दिशा शूल:- पश्चिम
⛅️ ब्राह्ममुहूर्त:- सुबह 4:03 बजे से 4:45 बजे तक
⛅️ अभिजीत मुहूर्त:- दोपहर 12:00 बजे से 12:48 बजे तक
⛅️ निशिता मुहूर्त:- रात 11:56 बजे से 12:39 बजे तक
⛅️ शुभ वेला:- सुबह 6:00 बजे से 7:30 बजे तक
⛅️ चंचल वेला:- दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक
⛅️ लाभ वेला:- सुबह 9:00 बजे से 10:30 बजे तक
⛅️ अमृत वेला:- सुबह 7:30 बजे से 9:00 बजे तक
⛅️ सर्वार्थ सिद्धि योग:- रात 12:21 बजे से सुबह 5:45 बजे तक (श्रवण नक्षत्र और रविवार)
☀️ सूर्य:- मिथुन राशि में (सुबह 6:43 बजे से)
🌙 चन्द्रमा:- मकर राशि में (पूरा दिन-रात)
⛅️ व्रत पर्व विवरण:- षडशीति संक्रांति (पुण्यकाल सुबह 06:53 बजे से दोपहर 02:07 बजे तक)
⛅️ विशेष:- शुभ कार्यों के लिए राहुकाल, गुलिक काल (दोपहर 3:00 बजे से 4:30 बजे तक), और यमगण्ड काल (दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक) से बचें।
⚠️नोट:- सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, और चन्द्रास्त के समय में स्थानीय भौगोलिक स्थिति के आधार पर कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है।
🔹व्यापार में वृद्धि हेतु🔹
🔸रविवार को गंगाजल लेकर उसमें निहारते हुए २१ बार गुरुमंत्र जपें, गुरुमंत्र नहीं लिया हो तो गायत्री मंत्र जपें । फिर इस जल को व्यापार-स्थल पर जमीन एवं सभी दीवारों पर छिड़क दें । ऐसा लगातार ७ रविवार करें, व्यापार में वृद्धि होगी ।
🔹स्वस्थ रहने के सरल सूत्र🔹
🔸प्रतिदिन योगासन करें, सम्भव न हो तो खुले हवादार स्थान में टहलें । सुबह की ताजी व शुद्ध वायु से शरीर में स्फूर्ति आती है तथा जीवनीशक्ति का विकास होता है ।
🔸रोज सुबह खाली पेट नीम की १५-२० पत्तियाँ खाने से उनमें विद्यमान जीवाणुनाशक 'इजेडिरेक्टिन' रसायन यकृत (लीवर) को स्वस्थ व मजबूत बनाता है । यह प्रयोग मोटापा घटाकर शरीर को सुडौल बनाता है ।
🔸भोजन में तेल, नमक व गर्म मसालों की मात्रा अधिक नहीं होनी चाहिए । ये कई रोगों की जड़ हैं ।
🔸आँवला, नींबू, अदरक, हरड़ का उपयोग किसी-न-किसी रूप में प्रतिदिन करना चाहिए । ( रविवार और शुक्रवार को आँवला नहीं खाना चाहिए ।)
🔸 सौंफ को चबाकर खाने से या उसका रस चूसने से अथवा ४-५ ग्राम सौंफ का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से अफरा में लाभ होता है ।
🔸गुनगुना पानी ३-३ घंटे के अंतराल पर पीने से अपच में राहत मिलती है ।
🔹उपयोगी बातें🔹
🔸आरती के समय कपूर जलाने का विधान है । घर में नित्य कपूर जलाने से घर का वातावरण शुद्ध रहता है, शरीर पर बीमारियों का आक्रमण आसानी से नहीं होता, दुःस्वप्न नहीं आते और देवदोष तथा पितृदोषों का शमन होता है ।
🔸कपूर मसलकर घर में (खासकर कर ध्यान-भजन की जगह पर) थोड़ा छिड़काल कर देना भी हितावह है ।
🔸दीपज्योति अपने से पूर्व या उत्तर की ओर प्रगटानी चाहिए । ज्योति की संख्या 1,3,5 या 7 होनी चाहिए ।
दिन में नौ बार की हुई किसी भी वक्त वाली प्रार्थना अंतर्यामी तक पहुँच ही जाती है ।
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