Prachin Akhand Bharat (प्राचीन अखंड भारत)
Prachin Akhand Bharat (प्राचीन अखंड भारत)
June 17, 2025 at 06:12 PM
🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞 ⛅️ दिनांक:- 18 जून 2025 ⛅️ दिन:- बुधवार ⛅️ विक्रम संवत्:- 2082 ⛅️ शक संवत्:- 1947 ⛅️ अयन:- उत्तरायण ⛅️ ऋतु:- ग्रीष्म ⛅️ मास:- आषाढ़ ⛅️ पक्ष:- कृष्ण ⛅️ तिथि:- सप्तमी (दोपहर 1:36 बजे तक, उपरांत अष्टमी) ⛅️ नक्षत्र:- पूर्व भाद्रपद (रात 12:23 बजे तक, उपरांत उत्तर भाद्रपद) ⛅️ योग:- प्रीति (सुबह 7:41 बजे तक, उपरांत आयुष्मान) ⛅️ व्यतिपात (मिति पात):- नहीं है ⛅️ करण:- बव (दोपहर 1:31 बजे तक, उपरांत बालव) ⛅️ भद्रा:- नहीं है ⛅️ पंचक:- नहीं है ⛅️ राहुकाल:- दोपहर 12:22 बजे से दोपहर 2:05 बजे तक ☀️ सूर्योदय:- सुबह 5:23 बजे ☀️ सूर्यास्त:- शाम 7:21 बजे 🌙 चन्द्रोदय:- रात 12:00 बजे 🌙 चन्द्रास्त:- दोपहर 12:00 बजे ⛅️ दिशा शूल:- उत्तर ⛅️ ब्राह्ममुहूर्त:- सुबह 4:03 बजे से सुबह 4:43 बजे तक ⛅️ अभिजीत मुहूर्त:- दोपहर 11:58 बजे से दोपहर 12:46 बजे तक ⛅️ निशिता मुहूर्त:- रात 11:58 बजे से रात 12:38 बजे तक ⛅️ शुभ वेला:- सुबह 7:06 बजे से सुबह 8:49 बजे तक ⛅️ चंचल वेला:- सुबह 10:32 बजे से दोपहर 12:15 बजे तक ⛅️ लाभ वेला:- दोपहर 2:05 बजे से दोपहर 3:48 बजे तक ⛅️ अमृत वेला:- सुबह 5:23 बजे से सुबह 7:06 बजे तक ⛅️ सर्वार्थ सिद्धि योग:- नहीं है ☀️ सूर्य:- मिथुन राशि में 🌙 चन्द्रमा:- कुम्भ राशि में (शाम 6:35 बजे तक, उपरांत मीन राशि में) ⛅️ व्रत पर्व विवरण:- बुधवारी अष्टमी (दोपहर 01:34 बजे से सूर्योदय 19 जून तक), कालाष्टमी ⛅️ विशेष:- सप्तमी तिथि धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुभ मानी जाती है। इस दिन भगवान सूर्य की उपासना और जल अर्पण करना लाभकारी होगा। ⚠️नोट:- सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, और चन्द्रास्त के समय में स्थानीय भौगोलिक स्थिति के आधार पर कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है। 🔹दुकान है माल बिकता नहीं हो तो..🔹 दुकान है माल पड़ा रहता है । बिकता भी नहीं , पड़ा रहता है तो जो माल पड़ा रहता है , उसे दुकान में उत्तर और पश्चिम दिशा के बीच वायव्य कोण पड़ता है उधर रख दो । तो वायव्य दिशा यानी वायु भगवान् की दिशा है , तो माल वायु वेग से बिकेगा । 🔹निरोगी व श्री सम्पन्न होने के लिये🔹 "ॐ हुं विष्णवे नमः" निरोगी व श्री सम्पन्न होने के लिये इस मन्त्र की एक माला रोज जप करें, तो आरोग्यता और सम्पदा आती है । 🔹बेटी की शादी🔹 अगर कोई कष्ट है तो ऐसा नहीं सोचना की ये कष्ट सदा रहेगा … बेटी की शादी नहीं हो रही तो पिता गुड़ मिश्रित जल से सूर्य नारायण को अर्घ्य दें, बेटी की शादी जल्दी हो जायेगी…। उत्तर दिशा में मुख करके “ॐ ह्रीं गौरियाय नमः” ये मन्त्र का जप करें तो शादी जल्दी होगी…घर वर अच्छा मिलेगा॥ 🔹वायु के सर्वरोग🔹 🔸 काली मिर्च का 1 से 2 ग्राम पाउडर एवं 5 से 10 ग्राम लहसुन को बारीक पीसकर भोजन के समय घी-भात के प्रथम ग्रास में हमेशा सेवन करने से वायु रोग नहीं होता। 🔸 5 ग्राम सोंठ एवं 15 ग्राम मेथी का चूर्ण 5 चम्मच गुडुच (गिलोय) के रस में मिश्रित करके सुबह एवं रात्रि को लेने से अधिकांश वायु रोग समाप्त हो जाते हैं। 🔸यदि वायु के कारण मरीज का मुँह टेढ़ा हो गया हो तो अच्छी किस्म के लहसुन की 2 से 10 कलियों को तेल में तलकर शुद्ध मक्खन के साथ मिलाकर, बाजरे की रोटी के साथ थोड़ा नमक डालकर खाने से मरीज का मुँह ठीक हो जाता है। #prachinsanatansanskirti

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