
प्राचीन सनातन संस्कृति
May 27, 2025 at 05:24 PM
🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅️ दिनांक:- 28 मई 2025
⛅️ दिन:- बुधवार
⛅️ विक्रम संवत्:- 2082 (कालयुक्त संवत्सर)
⛅️ शक संवत्:- 1947 (विश्वावसु संवत्सर)
⛅️ अयन:- उत्तरायण
⛅️ ऋतु:- ग्रीष्म
⛅️ मास:- ज्येष्ठ
⛅️ पक्ष:- शुक्ल पक्ष
⛅️ तिथि:- द्वितीया (01:54 बजे सुबह तक, उपरांत तृतीया)
⛅️ नक्षत्र:- मृगशिरा (12:29 बजे सुबह तक, उपरांत आर्द्रा)
⛅️ योग:- धृति (07:08 बजे शाम तक, उपरांत शूल)
⛅️ व्यतिपात (मिति पात):- नहीं है
⛅️ करण:- बालव (03:25 बजे दोपहर तक, उपरांत कौलव, फिर तैतिल)
⛅️ भद्रा:- नहीं है
⛅️ पंचक:- नहीं है
⛅️ राहुकाल:- 12:24 बजे दोपहर से 02:03 बजे दोपहर तक
☀️ सूर्योदय:- 05:25 बजे सुबह
☀️ सूर्यास्त:- 07:12 बजे शाम
🌙 चन्द्रोदय:- 07:05 बजे सुबह
🌙 चन्द्रास्त:- 09:36 बजे रात
⛅️ दिशा शूल:- उत्तर
⛅️ ब्रह्म मुहूर्त:- 04:03 बजे सुबह से 04:44 बजे सुबह
⛅️ अभिजीत मुहूर्त:- नहीं है
⛅️ निशिता मुहूर्त:- 11:58 बजे रात से 12:39 बजे रात (29 मई)
⛅️ शुभ वेला:- 05:25 बजे सुबह से 07:08 बजे सुबह
⛅️ चंचल वेला:- 02:02 बजे दोपहर से 03:45 बजे दोपहर
⛅️ लाभ वेला:- 10:35 बजे सुबह से 12:19 बजे दोपहर
⛅️ अमृत वेला:- 04:33 बजे दोपहर से 05:59 बजे शाम
⛅️ सर्वार्थ सिद्धि योग:- 05:45 बजे सुबह से 12:29 बजे सुबह (29 मई)
☀️ सूर्य:- वृषभ राशि में
🌙 चन्द्रमा:- वृषभ राशि में (01:36 बजे दोपहर तक, उपरांत मिथुन राशि में)
⛅️ व्रत पर्व विवरण:- चन्द्र दर्शन, अग्नि नक्षत्र समाप्त
⛅️ विशेष:- आज बुधवार का व्रत गणेश जी को समर्पित है। चन्द्र दर्शन अत्यंत शुभ माना जाता है; चन्द्रमा को अर्घ्य देकर प्रार्थना करने से मानसिक शांति और चन्द्र दोष की शांति होती है। अग्नि नक्षत्र के समाप्त होने पर शांतिपाठ, व्रत, जलदान और पवित्र स्नान श्रेष्ठ हैं।
⚠️नोट:- सूर्योदय, सूर्यास्त, चन्द्रोदय, और चन्द्रास्त के समय में स्थानीय भौगोलिक स्थिति के आधार पर कुछ मिनटों का अंतर हो सकता है।
@PrachinSanatanSanskirti