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2/10/2025, 4:27:49 PM

*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞 *दिनांक - 11 फरवरी 2025 *दिन - मंगलवार *विक्रम संवत् - 2081 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शिशिर *मास - माघ *पक्ष - शुक्ल *तिथि - चतुर्दशी शाम 06:55 तक तत्पश्चात पूर्णिमा *नक्षत्र - पुष्य शाम 06:34 तक, तत्पश्चात अश्लेशा *योग - आयुष्मान प्रातः 09:06 तक, तत्पश्चात सौभाग्य *राहु काल - दोपहर 03:44 से शाम 05:09 तक, *सूर्योदय - 07:18 *सूर्यास्त - 06:29 *दिशा शूल - उत्तर दिशा में *ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:24 तक, *अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक, *निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 12 से रात्रि 01:19 फरवरी 12 तक, *व्रत पर्व विवरण - सर्वार्थसिद्धि योग (शाम 06:34 से प्रातः 07:14 फरवरी 12 तक), *विशेष - चतुर्दशी को तिल का तेल खाना व लगाना एवं स्त्री सहवास निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) *🔹कीर्तन में ताली क्यों ?🔹 *🔸आप जब भगवन्नाम-कीर्तन करते हैं तो ताली बजाते हैं । ताली बजाने से क्या लाभ होता है आपको पता है ? *आँख का मोतिया तक दूर हो सकता है ।* *🔸ताली बजाकर भगवन्नाम जपने से स्मरणशक्ति में तो थोड़ा बहुत लाभ होता है परंतु अनजाने में एक्यूप्रेशर का भी फायदा हो जाता है । *🔸आपके सिर, हाथ, पैर में शरीर की नाड़ियों के स्विचबोर्ड हैं । जैसे घर में कई जगह बिजली से चलनेवाले उपकरण होते हैं और स्विचबोर्ड १-२ जगह पर होते हैं, ऐसे ही तुम्हारी नाभि से लेकर कंधे तक ७२,००० नाड़ियाँ हैं; तुम्हारे पैरों के तलवों और हाथों में इन नाड़ियों के स्विचबोर्ड हैं । *🔸मानो किसीको सिरदर्द है तो एक्यूप्रेशर केन्द्र (Acupressure point) फलाना-फलाना दबाओ तो थोड़ी देर में सिरदर्द ठीक हो जाना चाहिए । ऐसे ही अलग-अलग तकलीफों के लिए अलग-अलग बिंदु हैं किंतु उनका पता नहीं है तो थोक में ताली बजाओ तो फायदा होगा । *🔸है हमारे भारत की विद्या लेकिन अब चीन से वह नाम बदलकर प्रचारित हो के आयी है तो अब यहाँ के डॉक्टर उसको बोलते हैं: "वंडरफुल! एक्यूप्रेशर इज वेरी गुड सिस्टम ।" परंतु है भारत की । 'आयोलाल, झूलेलाल, झूले-झूले-झूले झूलेलाल.... गाते और ताली बजाते हैं तो एक्यूप्रेशर हो रहा है, और क्या हो रहा है! अम्बाजी के आगे गरबा नृत्य कर रहे हैं यह क्या हो रहा है ? शरीर की तंदुरुस्ती, मन की प्रसन्नता और बुद्धि में भगवती के प्रति भाव प्रतिष्ठित हो रहे है । पाश्चात्य कल्चरवाले क्लबों में जाते हैं, डिस्को करते हैं, शराब पीते हैं और फिर ठुस्स हो जाते हैं । इससे तो भगवन्नाम जप के महान आत्मा बनना अच्छा है । *🔸एक साथ मिलकर प्रभु-वंदन और संकीर्तन करने से एक स्वर से उठी हुई तुमुल ध्वनियों वातावरण में पवित्र लहरें ऊत्पन्न करने में समर्थ होती है तथा उस समय मन ध्वनि पर एकाग्र होता है, जिससे स्मरणशक्ति तथा श्रवणशक्ति विकसित होती है । *🔹प्रेमपूर्वक ताली बजाना है विशेष लाभकारी🔹 *🔸जिनको कम अक्ल होती है वे ताली तेजी से (जोर से) बजाते हैं । जितनी तेजी से ताली बजाते हो उतनी ही ज्यादा ऊर्जा खर्च होती है । मूर्ख होते हैं वे, जो ज्यादा शक्ति खर्च करते हैं । प्रेम से ताली बजाते हुए 'हरि ॐ, हरि ॐ होंठों में बोलो । हरिनाम लेकर ताली बजाने से हाथ के सभी रक्तकण पवित्र होते हैं । हरिनाम सुनने से कान पवित्र होते हैं । हरि को प्रेम करने से मनुष्य परमात्मा को प्राप्त होता है । *🌹श्री रामकृष्ण परमहंस ने कहा है: "ताली बजाकर प्रातःकाल और सायंकाल हरिनाम भजा करो । ऐसा करने से सब पाप दूर हो जायेंगे । जैसे पेड़ के नीचे खड़े होकर ताली बजाने से पेड़ पर की सब चिड़ियाँ उड़ जाती हैं, वैसे ही ताली बजा के हरिनाम लेने से देहरूपी वृक्ष से सब अविद्यारूपी चिड़ियाँ उड़ जाती हैं । कलियुग में भगवन्नाम के समान दूसरा सरल साधन नहीं है । भगवन्नाम लेने से मनुष्य के मन और शरीर दोनों शुद्ध हो जाते हैं ।" Link-👇 https://t.me/PrachinSanatanSanskirti Link-👇 https://t.me/prachinakhandbharat प्राचीन अखंड भारत ग्रुप👇 https://t.me/prachinakhandbharat_Group WhatsApp👇प्राचीन अखंड भारत https://whatsapp.com/channel/0029Va9ocNkKrWQtEzFEXK3z WhatsApp👇प्राचीन सनातन संस्कृति https://whatsapp.com/channel/0029Va5EwvPJ3jutjymojz3P फैसबुक पेज लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://www.facebook.com/PrachinAkhandBharat यू ट्यूब लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://youtube.com/@prachinakhandbhara

प्राचीन सनातन संस्कृति
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2/16/2025, 3:12:08 PM

*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞 *दिनांक - 17 फरवरी 2025 *दिन - सोमवार *विक्रम संवत् - 2081 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शिशिर *मास - फाल्गुन *पक्ष - कृष्ण *तिथि - पञ्चमी प्रातः 04:53 फ़रवरी 18 तक तत्पश्चात षष्ठी *नक्षत्र - चित्रा पूर्ण रात्रि तक, *योग - शूल प्रातः 08:55 तक, तत्पश्चात गण्ड *राहु काल - सुबह 08:36 से सुबह 10:02 तक, *सूर्योदय - 07:14 *सूर्यास्त - 06:32 *दिशा शूल - पूर्व दिशा में *ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:30 से 06:20 तक, *अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक, *निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 18 से रात्रि 01:19 फरवरी 18 तक, *विशेष - पञ्चमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) *🔹बीमारी क्या खबर देती हैं ?🔹 *🔹जो भी बिमारी आती है वह खबर देती है कि तुम खान-पान में संयम करो । पेट बाहर है तो हफ्ते में एकाध उपवास करो अथवा १५ दिन में एकादशी का व्रत रखो । कुछ नही खाओ, केवल नीबूं पानी अथवा गुनगुना पानी पियो । लड़्घनं परमौषधम ।.....अर्धरोगहरि निद्रा सर्वरोगहरि क्षुधा । उपवास और आराम बीमारियों को खा जायेगा । व्यक्ति दवाई से इतना जल्दी ठीक नहीं होता जितना उपवास से ठीक होता है । *🔹उपवास में कमजोरी लगे तो १५ से २५ ग्राम किशमिश धो के खा लो, बस हो गया । सारी बीमारी निकल जाती है | द्राक्ष, किशमिश लोग ऐसे ही खा लेते है । इन पर जंतुनाशक दवा डालते हैं, जो कि जहरी, हानिकारक होती है । इन्हें ३-४ बार अच्छी तरह धोकर ही खाना चाहिए । कभी गोमूत्र (या गोमूत्र अर्क) की कुछ बूँदे पानी में डाल के उससे भी धो सकते हैं । *🔹प्राणायाम करो, सूर्यनारायण को अर्ध्य दो और नाभि पर सूर्यनारायण का ध्यान करो । इससे आरोग्य प्राप्त होता है । *ऋषि प्रसाद – जून २०२० से Link-👇 https://t.me/PrachinSanatanSanskirti Link-👇 https://t.me/prachinakhandbharat प्राचीन अखंड भारत ग्रुप👇 https://t.me/prachinakhandbharat_Group WhatsApp👇प्राचीन अखंड भारत https://whatsapp.com/channel/0029Va9ocNkKrWQtEzFEXK3z WhatsApp👇प्राचीन सनातन संस्कृति https://whatsapp.com/channel/0029Va5EwvPJ3jutjymojz3P फैसबुक पेज लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://www.facebook.com/PrachinAkhandBharat यू ट्यूब लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://youtube.com/@prachinakhandbhara

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2/4/2025, 5:09:03 PM

*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞 *दिनांक - 05 फरवरी 2025 *दिन - बुधवार *विक्रम संवत् - 2081 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शिशिर *मास - माघ *पक्ष - शुक्ल *तिथि - अष्टमी रात्रि 12:35 फरवरी 06 तक तत्पश्चात नवमी *नक्षत्र - भरणी रात्रि 08:33 तक, तत्पश्चात कृत्तिका *योग - शुक्ल रात्रि 09:19 तक, तत्पश्चात ब्रह्म *राहु काल - दोपहर 12:54 से दोपहर 02:18 तक, *सूर्योदय - 07:21 *सूर्यास्त - 06:25 *दिशा शूल - उत्तर दिशा में *ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:26 तक, *अभिजीत मुहूर्त - कोई नही *निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 06 से रात्रि 01:19 फरवरी 06 तक, *व्रत पर्व विवरण - भीम अष्टमी, मासिक दुर्गाष्टमी, बुधवारी अष्टमी (सूर्योदय से रात्रि 12:35 फरवरी 06 तक), *विशेष - अष्टमी को नारियल खाने से बुद्धि का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) *🔹कठोर या चंचल स्वभाव बदलने की कुंजी🔹 *🔸स्वभाव कठोर है तो कमल का ध्यान करें, स्वभाव कोमल हो जायेगा । चंचल स्वभाव है तो ऐसा चिंतन करें कि “मैं शांत आत्मा हूँ, चिद्घन आत्मा हूँ, चैतन्य आत्मा हूँ... चंचलता मन में है, उसको जाननेवाला, चल मन को जाननेवाला अचल मेरा आत्मा-परमात्मा है । ॐ ॐ ॐ....”  थोड़े दिन में स्वभाव ठीक हो जायेगा । *📖 ऋषि प्रसाद – जनवरी २०१९ से *🔹मनुष्य कितना भी पतित हो वह महान बन सकता है🔹 *🔸‘ॐऽऽऽ...’ उच्चारण किया और जितनी देर उच्चारण किया उतनी देर शांत हो जाय, ध्यान में डूबता जाय । अगर ऐसा १०-१५ मिनट सुबह-शाम करे, गुरुगीता का पाठ करे, युवाधन-सुरक्षा के नियमों पर अमल करे और भगवान् को, सदगुरु को एकटक देखे, उनसे बातें करे, प्रेरणा ले फिर अंतर में डुबकी मारे तो कितना भी पतित, कैसा भी गिरा हुआ व्यक्ति हो, उसका पतन बंद होने लगेगा, मन पवित्र होने लगेगा । वह मंगल के रास्ते चल पड़ेगा ।*         *🌹- पूज्य बापूजी *📖 ऋषि प्रसाद – जनवरी २०१९ से *🔹लक्ष्मीप्राप्ति व घर में सुख-शांति हेतु🔹 *🔸तुलसी-गमले की प्रतिदिन एक प्रदक्षिणा करने से लक्ष्मीप्राप्ति में सहायता मिलती है । *🔸तुलसी के थोड़े पत्ते पानी में डाल के उसे सामने रखकर भगवद्गीता का पाठ करे । फिर घर के सभी लोग मिल के भगवन्नाम - कीर्तन करके हास्य - प्रयोग करे और वह पवित्र जल सब लोग ग्रहण करे । यह प्रयोग करने से घर के झगड़े मिटते है, शराबी की शराब छुटती है और घर में सुख शांति का वास होता है । *- 📖 ऋषि प्रसाद : जनवरी २०१८ *🔹ह्रदय के लिए हितकर पेय🔹 *रात को भिगोये हुए ४ बादाम सुबह छिलका उतारकर १० तुलसी पत्तों और ४ काली मिर्च के साथ अच्छी तरह पीस लें । फिर आधा कप पानी में इनका घोल बना के पीने से विभिन्न प्रकार के ह्रदयरोगों में लाभ होता है । इससे मस्तिष्क को पोषण मिलता है एवं रक्त की वृद्धि भी होती हैं । *- 📖 ऋषि प्रसाद – फरवरी २०१५ से          Link-👇 https://t.me/PrachinSanatanSanskirti Link-👇 https://t.me/prachinakhandbharat प्राचीन अखंड भारत ग्रुप👇 https://t.me/prachinakhandbharat_Group WhatsApp👇प्राचीन अखंड भारत https://whatsapp.com/channel/0029Va9ocNkKrWQtEzFEXK3z WhatsApp👇प्राचीन सनातन संस्कृति https://whatsapp.com/channel/0029Va5EwvPJ3jutjymojz3P फैसबुक पेज लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://www.facebook.com/PrachinAkhandBharat यू ट्यूब लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://youtube.com/@prachinakhandbhara

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2/9/2025, 4:34:34 PM

*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞 *दिनांक - 10 फरवरी 2025 *दिन - सोमवार *विक्रम संवत् - 2081 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शिशिर *मास - माघ *पक्ष - शुक्ल *तिथि - त्रयोदशी शाम 06:57 तक तत्पश्चात चतुर्दशी *नक्षत्र - पुनर्वसु शाम 06:01 तक, तत्पश्चात पुष्य *योग - प्रीति प्रातः 10:27 तक, तत्पश्चात आयुष्मान *राहु काल - प्रातः 08:40 से प्रातः 10:05 तक, *सूर्योदय - 07:18 *सूर्यास्त - 06:28 *दिशा शूल - पूर्व दिशा में *ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:33 से 06:24 तक *अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:17 तक, *निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 11 से रात्रि 01:19 फरवरी 11 तक, *व्रत पर्व विवरण - सर्वार्थसिद्धि योग (शाम 06:01 से प्रातः 07:14 फरवरी 11 तक), *विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) *🔹पढ़ाई में आगे बढ़े विद्यार्थी, ऐसे...🔹 *🔸सभी विद्यार्थी पढ़ाई में आगे बढ़ना चाहते हैं किंतु अनेक विद्यार्थी ऐसे होते हैं जो मेहनत तो बहुत करते हैं परंतु उनको सफलता नहीं मिलती । यहाँ पर कुछ युक्तियाँ दी जा रही हैं जिनके द्वारा विद्यार्थी सफलता के शिखरों को छू सकते हैं : *👉 (१) आगे रहो । यानी कक्षा में आगे बैठने, शिक्षक की नजरों में रहने से शिक्षक द्वारा बतायी जा रहीं बातों पर ध्यान रहता है और आपसी बातचीत व चंचलता से भी बचे रहते हैं । सभी आगे नहीं बैठ सकते किंतु आगे बढ़ने का दृढ संकल्प तो सभी कर सकते हैं । *👉 (२) पहले पढ़ के जाना । जो पाठ पढ़ाया जाना है उस विषय को विद्यार्थी पहले ही थोड़ा पढ़ के जायें तो कक्षा में वह जल्दी समझ आ जाता है । *👉 (३) सूत्रात्मक ढंग से याद करें । महत्त्वपूर्ण अथवा जटिल विषय को बिंदुओं के रूप में (पॉईंट वाइज) याद करने से वह जल्दी याद होता है और लम्बे समय तक स्मृति में रहता है । इस प्रकार लिखने से शिक्षक भी अच्छे अंक देते हैं । *👉 (४) समझने व ज्ञान के लिए पढ़ें। किसी बात को समझकर उसके बारे में अपनी जानकारी बढ़ाने के लिए पढ़ें, रट्टा लगाकर नहीं । समझकर याद किया हुआ लम्बे समय तक याद रहता है । *👉 (५) कठिन विषयों को रिकॉर्ड करके सुनें । जो प्रसंग, विषय कठिन लगे उनको अपनी आवाज में रिकॉर्ड करके ध्यान से सुनने से भी जल्दी याद हो जाता है । *👉 (६) अनजानी बातों को जानी बातों से जोड़कर याद करना । यह भी याद रखने का सुंदर तरीका है । *👉 (७) सार ग्रहण । विषय के मूल सिद्धांत को या सार बात को ध्यान में रखें । *👉 (८) ) प्रश्न करें । जो पाठ याद किया है उसके बारे में स्वयं अलग-अलग ढंग से कई प्रश्न बनायें, इससे पाठ सहज में याद रह जाता है । *👉 (९) लेखन की गति तेज व अक्षरों की बनावट अच्छी हो । इसके लिए लिखने का अभ्यास न छोड़ें । साथ ही पढ़ने की गलि भी बढ़ायें । *👉 (१०) कठिन लगनेवाले विषय की पुस्तक स्वच्छ कपड़े में लपेटकर तकिये के नीचे रखकर सोयें । इससे भी लाभ होता है । *👉 (११) पूज्य बापूजी द्वारा बतायी गयीं निम्नलिखित युक्तियाँ विद्यार्थियों के लिए वरदानस्वरूप है : *(क) रात को ७ से ९ के बीच पढ़ाई पूरी करके जल्दी सो जाना और सुबह सूर्योदय से पहले उठना । *(ख) पढ़ाई के लिए बैठने से पहले अपने सद्‌गुरुदेव तथा विद्या की देवी माँ सरस्वतीजी को प्रणाम करना, प्रार्थना करना । *(ग) प्रतिदिन कुछ समय आज्ञाचक्र पर ध्यान करना । *(घ) नियमित रूप से भ्रामरी प्राणायाम, सारस्वत्य मंत्र का जप करना व सूर्य को अर्घ्य देना । *(ङ) रोज ॐ, दीपक या गुरुदेव के श्रीचित्र पर १०-१५ मिनट त्राटक करना । *(च) पढ़ते समय जीभ तालू में लगाकर रखना । जिह्वा तालू में लगा के पढ़ें, फिर किताब हटाकर याद करें । यह अति प्रभावशाली तरीका है । *🔸उपरोक्त बातों को जीवन में लाने से एकाग्रता बढ़ती है, चंचलता दूर होती है और विद्यार्थी पढ़ाई में तो सफल होता ही है, साथ ही ओजस्वी-तेजस्वी होकर परमात्मा को भी पा सकता है । परमात्मा को पाकर २१ पीढ़ियों को तार सकता है व नाम रोशन कर सकता है । Link-👇 https://t.me/PrachinSanatanSanskirti Link-👇 https://t.me/prachinakhandbharat प्राचीन अखंड भारत ग्रुप👇 https://t.me/prachinakhandbharat_Group WhatsApp👇प्राचीन अखंड भारत https://whatsapp.com/channel/0029Va9ocNkKrWQtEzFEXK3z WhatsApp👇प्राचीन सनातन संस्कृति https://whatsapp.com/channel/0029Va5EwvPJ3jutjymojz3P फैसबुक पेज लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://www.facebook.com/PrachinAkhandBharat यू ट्यूब लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://youtube.com/@prachinakhandbhara

प्राचीन सनातन संस्कृति
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2/5/2025, 4:12:25 PM

🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞 *दिनांक - 06 फरवरी 2025 *दिन - गुरुवार *विक्रम संवत् - 2081 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शिशिर *मास - माघ *पक्ष - शुक्ल *तिथि - नवमी रात्रि 10:53 तक तत्पश्चात दशमी *नक्षत्र - कृत्तिका शाम 07:29 तक, तत्पश्चात रोहिणी *योग - ब्रह्म शाम 06:42 तक, तत्पश्चात इंद्र *राहु काल - दोपहर 02:18 से दोपहर 03:42 तक, *सूर्योदय - 07:20 *सूर्यास्त - 06:26 *दिशा शूल - दक्षिण दिशा में *ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:26 तक, *अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक, *निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 07 से रात्रि 01:19 फरवरी 07 तक, *विशेष - नवमी को लौकी खाना गौमाँस के समान त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) 🔹गुरुवार विशेष 🔹 🔸हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है । 🔸गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें : 🔸एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।   ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः । 🌹 फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें । ( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ ) 🔸गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है । 🔸गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा । Link-👇 https://t.me/PrachinSanatanSanskirti Link-👇 https://t.me/prachinakhandbharat प्राचीन अखंड भारत ग्रुप👇 https://t.me/prachinakhandbharat_Group WhatsApp👇प्राचीन अखंड भारत https://whatsapp.com/channel/0029Va9ocNkKrWQtEzFEXK3z WhatsApp👇प्राचीन सनातन संस्कृति https://whatsapp.com/channel/0029Va5EwvPJ3jutjymojz3P फैसबुक पेज लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://www.facebook.com/PrachinAkhandBharat यू ट्यूब लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://youtube.com/@prachinakhandbhara

प्राचीन सनातन संस्कृति
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2/4/2025, 4:46:18 AM

यही हैं प्राचीन सनातन संस्कृति महाकुंभ से घर वापस आने पर स्वागत....✨💕

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2/2/2025, 4:23:56 PM

*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞 *दिनांक - 03 फरवरी 2025 *दिन - सोमवार *विक्रम संवत् - 2081 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शिशिर *मास - माघ *पक्ष - शुक्ल *तिथि - पञ्चमी प्रातः 06:52 तक तत्पश्चात षष्ठी प्रातः 04:37 फरवरी 04 तक, तत्पश्चात सप्तमी *नक्षत्र - रेवती रात्रि 11:16 तक, तत्पश्चात अश्विनी *योग - साध्य रात्रि 03:03 फरवरी 04 तक, तत्पश्चात शुभ *राहु काल - प्रातः 08:42 से प्रातः 10:06 तक, *सूर्योदय - 07:22 *सूर्यास्त - 06:24 *दिशा शूल - पूर्व दिशा में *ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:27 तक, *अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक, *निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 04 से रात्रि 01:19 फरवरी 04 तक, *व्रत पर्व विवरण - स्कन्द षष्ठी *विशेष - षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह मे डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) *🔹यज्ञ के समय ध्यान रखने योग्य बातें🔹 *🔸यज्ञ करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है : *१] याजक को यज्ञ करते समय सिले हुए चुस्त कपड़े नहीं पहनने चाहिए, खुले कपड़े पहनने चाहिए ताकि यज्ञ का जो वातावरण या सात्त्विक धुआँ है वह रोमकूपों पर सीधा असर करे । *२] अग्नि की ज्वाला सीधी आकाश की तरफ जाती है अत: यज्ञमंडप के ऊपर छप्पर होना चाहिए ताकि यज्ञ की सामग्री का जो प्रभाव है वह सीधा ऊपर न जाय, आसपास में फैले । *३] यज्ञ में जो वस्तुएँ डाली जाती हैं उनके लाभकारी रासायनिक प्रभाव को उत्पन्न करने में जो लकड़ी मदद करती है वैसी ही लकड़ी होनी चाहिए । इसलिए कहा गया है : ‘अमुक यज्ञ में पीपल की लकड़ी हो.... अमुक यज्ञ में आम की लकड़ी हो....’ ताकि लकड़ियों का एवं यज्ञ की वस्तुओं का रासायनिक प्रभाव वातावरण पर पड़े । *लोक कल्याण सेतु – दिसम्बर २०१९ से Link-👇 https://t.me/PrachinSanatanSanskirti Link-👇 https://t.me/prachinakhandbharat प्राचीन अखंड भारत ग्रुप👇 https://t.me/prachinakhandbharat_Group WhatsApp👇प्राचीन अखंड भारत https://whatsapp.com/channel/0029Va9ocNkKrWQtEzFEXK3z WhatsApp👇प्राचीन सनातन संस्कृति https://whatsapp.com/channel/0029Va5EwvPJ3jutjymojz3P फैसबुक पेज लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://www.facebook.com/PrachinAkhandBharat यू ट्यूब लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://youtube.com/@prachinakhandbhara

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प्राचीन सनातन संस्कृति
1/31/2025, 2:52:00 PM

*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞 *दिनांक - 01 फरवरी 2025 *दिन - शनिवार *विक्रम संवत् - 2081 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शिशिर *मास - माघ *पक्ष - शुक्ल *तिथि - तृतीया सुबह 11:38 तक तत्पश्चात चतुर्थी *नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद रात्रि 02:33 फरवरी 02 तक, तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद *योग - परिघ दोपहर 12:25 तक, तत्पश्चात शिव *राहु काल - प्रातः 10:06 से प्रातः 11:30 तक, *सूर्योदय - 07:24 *सूर्यास्त - 06:21 *दिशा शूल - पूर्व दिशा में *ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:36 से 06:28 तक, *अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक, *निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 फरवरी 02 से रात्रि 01:10 फरवरी 02 तक, *व्रत पर्व विवरण - गणेश जयंती, विनायक चतुर्थी *विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है व चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) *🔹तिल के औषधीय प्रयोग🔹 *🔸काले तिल चबाकर खाने व शीतल जल पीने से शरीर की पर्याप्त पुष्टि हो जाती है। दाँत मृत्युपर्यन्त दृढ़ बने रहते हैं। *🔸एक भाग सोंठ चूर्ण में दस भाग तिल का चूर्ण मिलाकर 5 से 10 ग्राम मिश्रण सुबह शाम लेने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। *🔸तिल का तेल पीने से अति स्थूल (मोटे) व्यक्तियों का वजन घटने लगता है व कृश (पतले) व्यक्तियों का वजन बढ़ने लगता है। यह कार्य तेल के द्वारा सप्तधातुओं के प्राकृत निर्माण से होता है। *🔹तैलपान विधिः सुबह 20 से 50 मि.ली. गुनगुना तेल पीकर,गुनगुना पानी पियें। बाद में जब तक खुलकर भूख न लगे तब तक कुछ न खायें। *🔸अत्यन्त प्यास लगती हो तो तिल की खली को सिरके में पीसकर समग्र शरीर पर लेप करें। *🔸वार्धक्यजन्य हड्डियों की कमजोरी  उससे होने वाले दर्द में दर्दवाले स्थान पर 15 मिनट तक तिल के तेल की धारा करें। *🔸पैर में फटने या सूई चुभने जैसी पीड़ा हो तो तिल के तेल से मालिश कर रात को गर्म पानी से सेंक करें। *🔸पेट मे वायु के कारण दर्द हो रहा हो तो तिल को पीसकर, गोला बनाकर पेट पर घुमायें। *🔹वातजनित रोगों में तिल में पुराना गुड़ मिलाकर खायें। *🔸एक भाग गोखरू चूर्ण में दस भाग तिल का चूर्ण मिलाके 5 से 10 ग्राम मिश्रण बकरी के दूध में उबाल कर, मिश्री मिला के पीने से षढंता∕नपुंसकता (Impotency) नष्ट होती है। *🔸काले तिल के चूर्ण में मक्खन मिलाकर खाने से रक्तार्श (खूनी बवासीर) नष्ट हो जाती है। *🔹तिल की मात्राः 10 से 25 ग्राम । *🔹विशेषः देश, काल, ऋतु, प्रकृति, आयु आदि के अनुसार मात्रा बदलती है। उष्ण प्रकृति के व्यक्ति, गर्भिणी स्त्रियाँ तिल का सेवन अल्प मात्रा में करें। अधिक मासिक-स्राव में तिल न खायें। *स्रोतः ऋषि प्रसाद, जनवरी 2011 Link-👇 https://t.me/PrachinSanatanSanskirti Link-👇 https://t.me/prachinakhandbharat प्राचीन अखंड भारत ग्रुप👇 https://t.me/prachinakhandbharat_Group WhatsApp👇प्राचीन अखंड भारत https://whatsapp.com/channel/0029Va9ocNkKrWQtEzFEXK3z WhatsApp👇प्राचीन सनातन संस्कृति https://whatsapp.com/channel/0029Va5EwvPJ3jutjymojz3P फैसबुक पेज लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://www.facebook.com/PrachinAkhandBharat यू ट्यूब लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://youtube.com/@prachinakhandbhara

प्राचीन सनातन संस्कृति
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2/3/2025, 3:38:22 AM

जय मां शारदे ❣️ बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनायें 🙏 मातारानी की कृपा आप सब पर बनी रहे 🚩 #बसंत_पंचमी

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प्राचीन सनातन संस्कृति
2/6/2025, 6:17:13 PM

*🌞~ हिन्दू पंचांग ~🌞 *दिनांक - 07 फरवरी 2025 *दिन - शुक्रवार *विक्रम संवत् - 2081 *अयन - उत्तरायण *ऋतु - शिशिर *मास - माघ *पक्ष - शुक्ल *तिथि - दशमी रात्रि 09:26 तक तत्पश्चात एकादशी *नक्षत्र - रोहिणी शाम 06:40 तक, तत्पश्चात मृगशिरा *योग - इंद्र शाम 04:17 तक, तत्पश्चात वैधृति *राहु काल - सुबह 11:30 से दोपहर 12:54 तक, *सूर्योदय - 07:20 *सूर्यास्त - 06:26 *दिशा शूल - पश्चिम दिशा में *ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:35 से 06:26 तक, *अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:31 से दोपहर 01:16 तक, *निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:28 फरवरी 08 से रात्रि 01:19 फरवरी 08 तक, *व्रत पर्व विवरण - रोहिणी व्रत *विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34) *🔹मानसिक रोग एवं चिकित्सा🔹 *🔸आज के अशांति एवं कोलाहल भरे वातावरण में दिन-प्रतिदिन मनुष्य का जीवन तनाव, चिंता एवं परेशानियों से ग्रस्त होता जा रहा है । इसी वजह से वह थोड़ी-थोड़ी बात पर चिढ़ने-कुढ़ने लगता है एवं क्रोधित हो जाता है । यहाँ क्रोध, अनिद्रा एवं अतिनिद्रा पर नियंत्रण पाने के लिए कुछ उपचार दिये जा रहे हैं :- *🔸क्रोध की अधिकता में 🔸 *एक नग आँवले का मुरब्बा प्रतिदिन प्रातःकाल खायें और शाम को एक चम्मच गुलकंद खाकर ऊपर से दूध पी लें । इससे क्रोध पर नियंत्रण पाने में सहायता मिलेगी । *🔸सहायक उपचार🔸 *(१) भोजन २० से २५ मिनट तक चबा- चबाकर शांति से खायें । *(२) क्रोध आए उस वक्त अपना विकृत चेहरा आइने में देखने से भी लज्जावश क्रोध भाग जाएगा । *(३) 'ॐ शांति... शांति... शांति... ॐ.... एक कटोरी में जल लेकर उस जल में देखकर इस मंत्र का २१ बार जप करके और बाद में वही जल पी लेने से क्रोधी स्वभाव में बदलाहट आएगी । *🔹14 फरवरी : मातृ-पितृ पूजन दिवस क्यों ?🔹 *🔸माता-पिता ने हमसे अधिक वर्ष दुनिया में गुजारे हैं, उनका अनुभव हमसे अधिक है और सदगुरु ने जो महान अनुभव किया है उसकी तो हमारे छोटे अनुभव से तुलना ही नहीं हो सकती । इन तीनों के आदर से उनका अनुभव हमें सहज में ही मिलता है। अतः जो भी व्यक्ति अपनी उन्नति चाहता है, उस सज्जन को माता-पिता और सदगुरु का आदर पूजन आज्ञापालन तो करना चाहिए, चाहिए और चाहिए ही ! *🔸१४ फरवरी को 'वेलेंटाइन डे' मनाकर युवक-युवतियाँ प्रेमी-प्रेमिका के संबंध में फँसते है। वासना के कारण उनका ओज-तेज दिन दहाड़े नीचे के केन्द्रों में आकर नष्ट होता है । उस दिन 'मातृ-पितृ पूजन' काम-विकार की बुराई व दुश्चरित्रता की दलदल से ऊपर उठाकर उज्जवल भविष्य, सच्चरित्रा, सदाचारी जीवन की ओर ले जायेगा । Link-👇 https://t.me/PrachinSanatanSanskirti Link-👇 https://t.me/prachinakhandbharat प्राचीन अखंड भारत ग्रुप👇 https://t.me/prachinakhandbharat_Group WhatsApp👇प्राचीन अखंड भारत https://whatsapp.com/channel/0029Va9ocNkKrWQtEzFEXK3z WhatsApp👇प्राचीन सनातन संस्कृति https://whatsapp.com/channel/0029Va5EwvPJ3jutjymojz3P फैसबुक पेज लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://www.facebook.com/PrachinAkhandBharat यू ट्यूब लिंक👇प्राचीन अखंड भारत https://youtube.com/@prachinakhandbhara

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