⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
June 11, 2025 at 02:37 AM
*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈*
*लेख क्र.-सधस/२०८२/ज्येष्ठ/शु./पू-१८१८५*
*┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈*
🔱 *व्यस्त जीवनशैली में से कुछ मिनट लगा कर अपने शास्त्र, पुराण अवश्य पढ़े,जीवन सरल हो जाएगा।*🔱
*🙏🏻ब्रह्मसूत्र🙏🏻*
🕉️ *१. पहला अध्याय* 🕉️
♦️ *चौथा पाद*♦️
✡️ *वेदान्त दर्शन* ✡️
♦️ *सूत्र १२ :प्राणादयो वाक्यशेषात् ।'*
👉भावार्थ : बाद वाले मंत्र में कहे हुए वाक्य से यहां प्राण और इन्द्रियाँ ही ग्रहण करने योग्य हैं।
🔅 *व्याख्या -* इसी उपनिषद् का मन्त्र (४/४/१८) में प्राण, चक्षु, श्रोत तथा मन के ऊपर के पुराण पुरुष का वर्णन है जिसमें पाँच प्राण, पाँच ज्ञानेन्द्रियाँ, पाँच कर्मेन्द्रियाँ, मन तथा बुद्धि आदि परमेश्वर की कार्य शक्तियों का वर्णन है जो ब्रह्म की ही शक्तियाँ हैं। उन्हीं का वर्णन है।
*क्रमश:________*
🕉️ *सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःखभाग् भवेत्।* 🕉️
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भूमिरापोऽनलो वायुः खं मनो बुद्धिरेव च।
अहङ्कार इतीयं मे भिन्ना प्रकृतिरष्टधा ॥
*भगवान गणेश जी की जय*
*⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*
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