⛳सनातन धर्मरक्षक समिति⛳
June 17, 2025 at 02:32 AM
*┈┉सनातन धर्म की जय,हिंदू ही सनातनी है┉┈* *लेख क्र.-सधस/२०८२/आषाढ़/कृ./६-१८२४१* *┈┉══════❀((""ॐ""))❀══════┉┈* ⛳🚩🚩🛕 *जय श्रीराम* 🛕🚩🚩⛳ ************************************** 🙏 *श्रीराम – जय राम – जय जय राम* 🙏 ************************ 🌞 *श्रीरामचरितमानस* 🌞 🕉️ *सप्तम सोपान* 🕉️ ☸️ *उत्तर काण्ड*☸️ ⛳ *चौपाई १ से ४, दोहा ७५*⛳ *राम कृपा आपनि जड़ताई। कहउँ खगेस सुनहु मन लाई ॥ जब जब राम मनुज तनु धरहीं। भक्त हेतु लीला बहु करहीं ॥* हे पक्षिराज गरुड़जी ! श्रीरामजी की कृपा और अपनी जड़ता (मूर्खता) की बात कहता हूँ, मन लगाकर सुनिये। जब-जब श्रीरामचन्द्रजी मनुष्य शरीर धारण करते हैं और भक्तों के लिये बहुत-सी लीलाएँ करते हैं ॥ १॥ *तब तब अवधपुरी मैं जाऊँ । बालचरित बिलोकि हरषाऊँ ॥ जन्म महोत्सव देखउँ जाई । बरष पाँच तहँ रहउँ लोभाई ॥* तब-तब मैं अयोध्यापुरी जाता हूँ और उनकी बाललीला देखकर हर्षित होता हूँ। वहाँ जाकर मैं जन्ममहोत्सव देखता हूँ और [भगवान्‌ की शिशुलीला में] लुभाकर पाँच वर्ष तक वहीं रहता हूँ ॥ २ ॥ *इष्टदेव मम बालक रामा । सोभा बपुष कोटि सत कामा ॥ निज प्रभु बदन निहारि निहारी। लोचन सुफल करउँ उरगारी ॥* बालकरूप श्रीरामचन्द्रजी मेरे इष्टदेव हैं, जिनके शरीर में अरबों कामदेवों की शोभा है। हे गरुड़जी ! अपने प्रभु का मुख देख-देखकर मैं नेत्रों को सफल करता हूँ ॥ ३ ॥ *लघु बायस बपु धरि हरि संगा। देखउँ बालचरित बहु रंगा ॥* छोटे-से कौए का शरीर धरकर और भगवान् के साथ-साथ फिरकर मैं उनके भाँति-भाँति के बालचरित्रों को देखा करता हूँ ॥ ४॥ *दोहा* *लरिकाईं जहँ जहँ फिरहिं तहँ तहँ संग उड़ाउँ।* *जूठनि परइ अजिर महँ सो उठाइ करि खाउँ ॥ ७५ (क)॥* लड़कपन में वे जहाँ-जहाँ फिरते हैं, वहाँ-वहाँ मैं साथ-साथ उड़ता हूँ और आँगन में उनकी जो जूठन पड़ती है, वही उठाकर खाता हूँ ॥ ७५ (क) ॥ *एक बार अतिसय सब चरित किए रघुबीर।* *सुमिरत प्रभु लीला सोइ पुलकित भयउ सरीर ॥ ७५ (ख) ॥* एक बार श्रीरघुवीर ने सब चरित्र बहुत अधिकता से किये। प्रभु की उस लीला का स्मरण करते ही काकभुशुण्डिजी का शरीर [प्रेमानन्दवश] पुलकित हो गया ॥ ७५ (ख) ॥ 🙏 *श्रीराम – जय राम – जय जय राम* 🙏🚩⛳ *समिति के सभी संदेश नियमित पढ़ने हेतु निम्न व्हाट्सएप चैनल को फॉलो किजिए ॥🙏🚩⛳* https://whatsapp.com/channel/0029VaHUKkCHLHQSkqRYRH2a ▬▬▬▬▬▬๑⁂❋⁂๑▬▬▬▬▬▬ *जनजागृति हेतु लेख प्रसारण अवश्य करें* बीजं मां सर्वभूतानां विद्धि पार्थ सनातन बुद्धिर्बुद्धिमतामस्मि तेजस्तेजस्विनामहम् ॥ *वीर बजरंग भगवान जी की जय* *⛳⚜सनातन धर्मरक्षक समिति⚜⛳*
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