Muhammad Azharuddin
Muhammad Azharuddin
June 15, 2025 at 03:16 PM
घर की बुनियादें दीवारें बाम-ओ-दर थे अब्बू सब को बाँध के रखने वाला ख़ास हुनर थे अब्बू वालिद मोहतरम को विदा किये हुए आज 68 दिन हो गए है। मेरे वालिद मोहतरम का यौमे विलादत 7 अप्रैल थी और वो इंतेक़ाल 8 अप्रैल हो हुए। 'लेकिन आज भी उनकी यादो के साथ साथ मेरे जीवन में उनका अनुशासन मेरे अंतर्मन में रहता है। मुझे ऐसा लगता है कि बहुत कुछ ऐसा रहा जो जाते जाते उन्होंने मेरे साथ छोड़ा।' मेरे वालिद एक समाजसेवी व्यक्तित्व थे, वो अपना अधिक समय समाज एवं लोगों में बिताते थे, हालांकि समय के साथ साथ जीवन के कई पहलुओं में अत्यंत अनुशासित थे। उन्हें लोगों से मिलना, उनके लिए प्रयास करना, उनके सुख दुख में उपस्थित रहना सबसे अधिक पसंद था। साथ ही वे अत्यंत कर्मठ एवं निष्ठावान व्यक्तित्व थे। असल में मेरे ज़िन्दगी का आधार मेरे वालिद ही थे। आज पिता दिवस मनाया जा रहा है, बैठे बैठे मुझे उनकी कई स्मृतियां याद आ रहीं थीं, उनसे जुड़े लोग आज भी मिलते हैं मुझे बच्चे सा स्नेह देते हैं, बहुत अच्छा लगता है। अब्बू, आपकी याद, आपकी मोहब्बत और आपकी सीख आज भी मेरे हर क़दम की रहनुमा है। आप मेरी ताक़त थे, हैं और रहेंगे... सभी को पिता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! हमारी कोशिश हो कि हम पिता का सम्मान एवं उनके आदर्शों का अनुसरण करें। हमारे साथ एक अदृश्य छांव जो पिता के रूप में है, उसे संजोएं रखें, और पिता की मौजूदगी या मौजूदगी नही में भी उनके आदर्शों व उनके द्वारा बनाये गए मूल्यों को बचाए रखें। #abbujaan #abduljabbar #happyfathersday #fathersday #md_azhar
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