
श्रुति-युक्ति-अनुभूति
May 26, 2025 at 12:01 PM
सोलह वर्ष तक ब्राह्मण का काल अतीत नहीं होता है। बाईस वर्ष तक क्षत्रिय का उपनयन काल अतीत नहीं होता है। चौबीस वर्ष की आयु तक वैश्य के उपनयन संस्कार का समय अवतीत रहा करता है । इन बतायी हुई तीनों वर्णों की अवस्थाओं से ऊपर ये सब सावित्री के अधिकार से पतित हो जाया करते हैं। सावित्री से पतित हो जाने वाले इन लोगों का फिर उपनयन नहीं करना चाहिए। न इन लोगों का अध्यापन ही करना चाहिए। इन पतितों से याजन कर्म भी न करावें। इन पतित दशा मे पहुँच जाने वालों के साथ कोई व्यवहार भी नहीं रखना चाहिए।
— शाखायन गृह्यसूत्र
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