Manoj Ka Mood
Manoj Ka Mood
May 30, 2025 at 04:38 AM
जहां हारे मोदी...वहां रैली के मायने क्या हैं ? लोकसभा चुनाव के वक्त पिछले साल पीएम ने जिस काराकाट लोकसभा में जाकर उपेंद्र कुशवाहा के लिए प्रचार किया उसी काराकाट के विक्रमगंज में आज रैली कर रहे हैं। काराकाट लोकसभा में मोदी के प्रचार का असर नहीं हुआ था और nda का उम्मीदवार तीसरे नंबर पर चला गया। उपेंद्र कुशवाहा की हार हुई और तमाम तरह के भीतरघात के आरोप लगे। ये इलाका सामाजिक तौर पर कोइरी और राजपूत बहुल है। लोकसभा चुनाव में इस पूरे इलाके में बीजेपी गठबंधन की हार हुई। और इस हार की स्क्रिप्ट विधानसभा के वक्त लिखी जा चुकी थी। बावजूद इसके बीजेपी नहीं संभली और उसका प्रयोग फेल रहा। ये पूरा भोजपुर और मगध का आधा हिस्सा बीजेपी गठबंधन हार गया। सासाराम लोकसभा में बीजेपी ने उम्मीदवार बदला हार मिली। बक्सर में उम्मीदवार बदला हार मिली। काराकाट में समर्थक की भावना के खिलाफ उम्मीदवार दिया हार मिली। जमी जमाई आरा, औरंगाबाद, जहानाबाद और पाटलिपुत्र में भी nda को हार का मुंह देखना पड़ा। जबकि 2019 में सभी सीट nda ने जीती थी। 2024 में उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी के साथ होने के बाद भी nda को हार मिली जबकि इन दोनों का सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव ही इस इलाके में है। विधानसभा में काराकाट लोकसभा की सभी सीट nda हार गई थी। सासाराम लोकसभा के बड़े हिस्से में nda को नुकसान हुआ था। तब माना गया कि ये नुकसान चिराग पासवान की वजह से हुआ। लेकिन लोकसभा में सब साथ थे फिर में रणनीतिक भूल ने हरा दिया। अब आज पीएम पहुंचे हैं। उस हार को जीत में बदलने की कोशिश होगी। ये इलाका बीजेपी के सामाजिक समीकरण के हिसाब से फिट माना जाता रहा है। ऐसे में पीएम उस समीकरण को साधने की कोशिश करने वाले हैं। लेकिन ये आसान होगा ये दिखता नहीं। मौजूदा वक्त में रणनीतिक रूप से यह महागठबंधन को बड़ी बढ़त हासिल है। जब तक सामाजिक रूप से nda का कुनबा इसमें सेंध नहीं लगाता तब तक उसके लिए मुश्किल है। इस बार चुनौती प्रशांत किशोर भी है। पीके इसी इलाके से आते हैं। प्रशांत किशोर ने अति पिछड़ी जातियों के साथ ब्राह्मणों के वोट बैंक में सेंध लगाने की तैयारी की है। ये दोनों टूटे तो नुकसान बीजेपी गठबंधन को ही होगा। जिस इलाके में पीएम रैली करने जा रहे हैं वो इलाका औद्योगिक रूप से बिहार का संपन्न रहा है। यूपी, झारखंड की सीमा पास में है। खनिज संपदा, बालू के लिए संपन्न है। कोलकाता की तरफ जाने वाले तमाम रास्ते इधर से ही जाते हैं। पर्यटन के लिहाज से भी ये इलाका बेहद संपन्न है। कोशिश इन इलाकों को संवारने की हो और उसकी मार्केटिंग होती है तो बहुत चीजें हो सकती है।
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