
Bihar Congress
May 26, 2025 at 03:28 PM
रगों में सिंदूर बहे या व्यापार, मुझे कोई फड़क नई पड़ता।
लेकिन, भारत की आर्थिक बदहाली से फड़क पड़ता है।
इकोनॉमिक टाइम्स ने आज छापा है कि 96% विदेशी निवेशक अपना बोरिया–बिस्तर लपेटकर निकल चुके हैं।
भारत के बाजार में विदेशी निवेश सिर्फ 353 मिलियन रह गया है। कोई नहीं जानता कि ये पैसा भी कब तक रहेगा।
कभी विदेशी निवेश जीडीपी का 2.5% हुआ करता था। अब 1% से भी कम है।
सिंदूर की ही बात करें तो कल मुकेश अंबानी ने जर्मनी की Rheinmetall AG के साथ गोला–बारूद का समझौता किया है।
राजनाथ के रक्षा मंत्रालय ने इस कंपनी को भ्रष्टाचार के लिए बैन किया हुआ है। यानी ये देशद्रोही कंपनी है।
लेकिन अंबानी तो कानून से ऊपर है। देशद्रोह का आरोप उस पर लग ही नहीं सकता, जब तक बापजी कुर्सी पर है।
फिर भारत में पैसा किसने लगाना?