Bihar Congress
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May 26, 2025 at 03:28 PM
*पहलगाम हमले का बदला कब लेंगे मोदी...ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर मोदी और BJP का बेशर्म प्रचार क्यों* 👉आज 1 महीने से ज्यादा हो गए पहलगाम आतंकी हमले के.....मगर आज तक इस हमले के एक भी दोषी को जिंदा या मुर्दा ये सरकार नहीं पकड़ पाई है। आज 1 महीने बाद भी पहलगाम सहित पूरे कश्मीर घाटी में दहशत का माहौल है। *आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में खुलेआम बेखौफ घूम रहे हैं और सरकार के मंत्री-नेता विदेश घूम कर फर्जी माहौल बना रहे हैं।* देश का प्रधानमंत्री नीचता और निर्लज्जता की सारी सीमा पार कर ऑपरेशन सिंदूर के नाम पर चुनावी रैलियां कर रहा है। शौर्य और शहादत सेना की, मगर PR मोदी का हो रहा है। आखिर 27 बेटियों के सिंदूर उजड़ने की शाबाशी क्यों चाहिए मोदी को ? *अगर हम ये सवाल पूछे कि आपरेशन सिंदूर से क्या हासिल हुआ तो इसका जवाब है- कुछ नहीं....क्योंकि न आतंकवादी सुधरें, न आतंकी घटनाएं कम हुई। न ही हम पहलगाम का बदला ले पाए, हम एक के बदले 10 सिर लाने की बात करते थे, मगर एक के बदले एक सिर भी नहीं ला पाए।* ➡️पुलवामा के बाद पहलगाम के शहीदों के नाम पर वोट मांगने वाले मोदी को न जवानों के जान की कोई फिक्र है, न ही नागरिकों की। इन्हें तो सिर्फ सेना की वर्दी पहनकर फोटो खिंचवाना है, वोट मांगना है। यही कारण है कि आतंक खत्म होने की बजाय तेज रफ्तार से बढ़ता जा रहा है। सरकार की नाकामियों की कीमत देश के बेकसूर लोग अपनी जान देकर चुका रहे हैं। 👉आज भी हर रोज कश्मीर घाटी से आतंकी घटनाओं की खबरें आ रही हैं, हमारे जवानों को अपनी शहादत देनी पड़ रही है। ऐसा लग रहा है कि जब तक BJP और मोदी है, तब तक देश पर खतरा बना रहेगा। इस सरकार और प्रधानमंत्री को सिर्फ सेना के नाम की क्रेडिट खानी है, जनता को बेवकूफ बनाना है। 👉आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले प्रधानमंत्री से देश बिल्कुल नहीं संभल रहा है। देश की सीमा में घुसकर आतंकी भारत के लोगों को मारकर आसानी से निकल जा रहे हैं, और मोदी- अमित शाह को चुनावी रैलियों से फुर्सत ही नहीं है। ➡️मोदी ने आतंकवादियों की कमर तोड़ने के नाम पर नोटबंदी की। मोदी ने आतंकवाद को खत्म करने के नाम पर कश्मीर से 370 हटाया गया। मगर कोई हल नहीं निकला। J&K में आतंकवाद ट्यूमर से कैंसर की शक्ल ले चुका है। ➡️अगर आंकड़ों की बात करें तो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में रियासी से लेकर पहलगाम तक करीब 11 महीने के भीतर 50 से अधिक बड़ी आतंकी घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में 45 जवानों की शहादत हुई है, जबकि 60 से अधिक जवान घायल हुए हैं। इसके अलावा 39 नागरिकों की मौत हुई है, जबकि 60 नागरिक घायल हुए हैं। *आप लिखकर ले लीजिए...आतंकवाद को खत्म करना इस डरपोक प्रधानमंत्री और इस निकम्मी सरकार के बूते की बात नहीं है। ये सिर्फ नेहरू जी को गाली दे सकते हैं, मंचो से बड़े-बड़े जुमले फेंक सकते हैं...असलियत में इस क्रेडिटखोर,बेशर्म और कायर के बस का कुछ नहीं है।*

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