CSR Rules- 2022 & Regular-Contract Employees News Group
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June 19, 2025 at 05:02 PM
*उपचुनावों में निर्वाचन आयोग की कई नई पहलें: मोबाइल डिपॉजिट सुविधा, उन्नत मतदाता टर्नआउट रिपोर्टिंग प्रक्रिया, 100% वेबकास्टिंग* सीकर 19 जून। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) द्वारा आज आयोजित पांच विधानसभा क्षेत्रों में हुए उपचुनावों में आयोग द्वारा बीते चार महीनों में शुरू की गई कई प्रमुख नई पहलों का सफल कार्यान्वयन देखने को मिला। यह पहलें मुख्य निर्वाचन आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार तथा निर्वाचन आयुक्तगण डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी की पहल पर लागू की गईं। ये उपचुनाव गुजरात के 24-कड़ी (अनुसूचित जाति) और 87-विश्वदर, केरल के 35-नीलांबूर, पंजाब के 64-लुधियाना पश्चिम और पश्चिम बंगाल के 80-कालीगंज विधानसभा क्षेत्रों में कराए गए। इन उपचुनावों में कुल 1354 मतदान केंद्रों पर मतदान संपन्न हुआ। नई पहलें इस प्रकार थीं: • सभी मतदान केंद्रों पर मोबाइल डिपॉजिट सुविधा की व्यवस्था • मतदाता टर्नआउट रिपोर्टिंग (VTR) की उन्नत प्रणाली, जिससे मतदान समाप्ति के तुरंत बाद पीठासीन अधिकारी द्वारा मतदान डेटा अपडेट किया जा सके • सभी मतदान केंद्रों पर 100% वेबकास्टिंग, जिससे पूरे मतदान प्रक्रिया की निरंतर निगरानी सुनिश्चित हो • सभी पीठासीन अधिकारियों का व्यक्तिगत मॉक पोल प्रशिक्षण • लगभग दो दशकों में पहली बार उपचुनावों से पूर्व विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (SSR) भी किया गया इन पहलों की सफलता से आगामी बिहार विधानसभा चुनावों में इनके पूर्ण कार्यान्वयन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। *मोबाइल डिपॉजिट सुविधा की खासियत:* पहली बार मतदाताओं को मतदान केंद्रों के प्रवेश द्वार पर मोबाइल फोन जमा करने की सुविधा प्रदान की गई। यह सुविधा विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं और दिव्यांग मतदाताओं को ध्यान में रखते हुए दी गई, ताकि उन्हें मोबाइल फोन रखने की चिंता न हो। इसके लिए प्रवेश द्वार पर बॉक्स या जूट बैग्स रखे गए और स्वयंसेवकों को तैनात किया गया। *उन्नत VTR प्रक्रिया:* अब प्रत्येक मतदान केंद्र पर पीठासीन अधिकारी द्वारा हर दो घंटे में ECINET ऐप के माध्यम से मतदाता टर्नआउट दर्ज किया गया। यह जानकारी स्वतः विधानसभा स्तर पर एकत्रित होती रही और हर दो घंटे में मतदान प्रतिशत का अनुमान प्रकाशित होता रहा। मतदान समाप्ति के बाद, मतदान केंद्र छोड़ने से पहले ही पीठासीन अधिकारी द्वारा अंतिम डेटा दर्ज कर दिया गया। जहां नेटवर्क उपलब्ध नहीं था, वहां डेटा ऑफलाइन दर्ज कर सिंक किया जा सका। पहले यह कार्य सेक्टर अधिकारी द्वारा फोन या SMS से किया जाता था, जिससे मतदाता टर्नआउट रिपोर्ट रात 10-11 बजे तक ही अपडेट हो पाती थी। अब यह प्रक्रिया तेज और अधिक सटीक हो गई है। *100% वेबकास्टिंग:* पांचों विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्येक मतदान केंद्र (एक को छोड़कर) पर मतदान दिवस की गतिविधियों की 100% वेबकास्टिंग की गई। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि प्रत्येक महत्वपूर्ण गतिविधि सुचारू रूप से संपन्न हो और किसी भी प्रकार का उल्लंघन न हो। RO, DEO और CEO स्तर पर समर्पित निगरानी टीमें तैनात की गई थीं, जिन्होंने पूरे मतदान कार्य की बारीकी से निगरानी की। सनद रहे कि राजस्थान में भी उपचुनाव संभावित है और ये सारे नवाचार आगामी उपचुनावों में राजस्थान में भी लागू होंगे।
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