
Bharat Jodo Abhiyaan
June 13, 2025 at 08:34 AM
आसमान को चीरकर हजारों मुसाफिरों को मंज़िल तक पहुंचाने वाले कैप्टन सुमित सभरवाल हमेशा-हमेशा के लिए खामोश हो गए।
मुंबई के पवई में अकेले रहने वाले 88 वर्षीय पिता बेटे की मौत की खबर सुनकर फूट-फूटकर रो पड़े।
अब तक बेटा आता रहता था, अब वो कभी नहीं आएगा।
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