
District Collector & Magistrate Sikar
June 12, 2025 at 02:31 PM
उमंग-5 बालश्रम मुक्ति अभियान:
बालश्रम से आज़ादी की ओर एक और क़दम: सीकर में 14 वर्षीय बालक रेस्क्यू
सीकर 12 जून। राजस्थान के सीकर ज़िले में चल रहे 'उमंग-5 बालश्रम मुक्ति अभियान' के तहत गुरूवार को एक और सफल कार्रवाई को अंजाम दिया गया, जिसमें एक 14 वर्षीय बालक को बालश्रम से मुक्त कराया गया। यह बच्चा रोडवेज बस डिपो के सामने स्थित प्रतिभा बेकरी में पिछले कई दिनों से प्रात: 8 बजे से रात्रि 8 बजे तक यानी कुल 12 घंटे तक काम करने के लिए मजबूर था। बर्तन धोने, साफ-सफाई और अन्य मेहनत वाले कार्यों में लगे इस बालक के लिए यह बालपन नहीं, एक बोझ था।
संयुक्त कार्रवाई गायत्री सेवा संस्थान, मानव तस्करी विरोधी इकाई, श्रम विभाग, चाइल्डलाइन, उद्योग नगर थाना पुलिस और बाल कल्याण समिति की समन्वित टीम द्वारा की गई। बच्चे की वर्तमान स्थिति को देखते हुए उसे तुरंत रेस्क्यू कर सीकर की बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अंकुर बहड़ के समक्ष प्रस्तुत किया गया। पूछताछ और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया के बाद बच्चे को भदवासी स्थित कस्तूरबा सेवा संस्थान में आश्रय प्रदान किया गया, जहाँ उसे अब भोजन, चिकित्सा, परामर्श और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में प्रमुख रूप से गायत्री सेवा संस्थान से जिला समन्वयक नरेश कुमार सैनी और काउंसलर अभिषेक बगड़िया, मानव तस्करी इकाई से मनोज कुमार, श्रम विभाग से लेबर इंस्पेक्टर जागृति बनिया, चाइल्डलाइन से सुनीता कुमारी, मनीष और उद्योग नगर थाना से ए.एस.आई. रंगलाल मीणा शामिल रहें।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष अंकुर बहड ने बताया कि “बालश्रम के पीछे सिर्फ आर्थिक मजबूरी नहीं होती, बल्कि समाज की चुप्पी भी उतनी ही जिम्मेदार होती है।”यह कार्रवाई केवल एक बालक की ज़िंदगी बदलने की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक संदेश है उन सभी प्रतिष्ठानों और लोगों के लिए जो आज भी बच्चों को सस्ता श्रम समझते हैं। समाज को यह समझना होगा कि बचपन श्रम का नहीं, सपनों का समय है। अगर आप अपने आसपास किसी बच्चे को श्रमिक रूप में कार्य करते देखें, तो तुरंत 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें।
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