
Islamic Theology
June 7, 2025 at 06:29 AM
क्या क़ुर्बानी करने वाले के लिए कलेजी (जिगर) का खाना सुन्नत है?
सुन्नत है कि आदमी अपनी क़ुर्बानी में से ख़ुद भी खाए, और क़ुर्बानी के गोश्त से खाने पर किताब और सुन्नत से दलील मौजूद है।
अल्लाह तआला का फ़रमान है:
{فَكُلُوا مِنْهَا وَأَطْعِمُوا الْبَائِسَ الْفَقِيرَ}
"तो तुम भी उसमें से खाओ और मोहताज फ़क़ीर को भी खिलाओ।"
और नबी ﷺ ने क़ुर्बानी के गोश्त से खाने का हुक्म दिया, और ख़ुद भी अपनी क़ुर्बानी से खाया,
तो क़ौली और फ़ेअली दोनों सुन्नतें जमा हो गईं।
रहा ये मस्अला कि जिगर (कलेजी) से खाना बेहतर है तो ये फुक़्हा का पसन्दीदा अमल है,
इसलिए कि जिगर हल्की और जल्दी पकने वाली होती है,
ना कि इसमें कोई इबादत का पहलू मक़्सूद होता है।
(मजमू फ़तावा व रसाइल अश्-शैख़ इब्न उसैमीन रहिमहुल्लाह: 16/234)
