
Islamic Theology
June 21, 2025 at 06:23 AM
अल्लाह को याद, शुक्र और इबादत में मदद माँगने की दुआ
اللَّهُمَّ أَعِنِّي عَلَىٰ ذِكْرِكَ، وَشُكْرِكَ، وَحُسْنِ عِبَادَتِكَ
(अबू दाऊद: 1522)
"ऐ अल्लाह! मुझे अपनी याद करने, तेरा शुक्र अदा करने, और तेरी इबादत अच्छी तरह करने में मेरी मदद फरमा।"
अल्लाह को याद करना, उसका शुक्र अदा करना और उसकी इबादत अच्छे तरीके से करना सिर्फ अल्लाह की मदद से ही संभव है।
चाहे इंसान कितनी भी कोशिश कर ले, अपनी कमज़ोरियों की वजह से वह खुद से ठीक से अल्लाह को याद नहीं कर सकता, न सही से शुक्र अदा कर सकता है और न ही अच्छी तरह इबादत कर सकता है।
इसलिए यह ज़रूरी है कि हम अल्लाह से दुआ करें कि वह हमें नेक काम करने की तौफ़ीक़ दे और उन्हें सही तरीके से अदा करने में मदद करे।
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