
Islamic Theology
June 21, 2025 at 03:55 PM
हुज़ूर ﷺ ने फ़रमाया,
*"तु सदक़ा करे इस हालत में जब तु जब सेहतमंद हो, माल का हरीस हो, जिंदगी की उम्मीद रखता हो और फ़क़ीर हो जाने का खटका लगा रहता हो, जो कुछ देने का इरादा हो इसमें ढील ना कर हत्ता की जान हथेली में आन अटके तो कहने लगे फ़लाँ के लिए इतना है, और फ़लाँ के लिए इतना, हालाँकि वह फ़लाँ हो चुका है (विरासत की बिना पर)"*
(अबु दाऊद 2865)
👍
2