अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
June 15, 2025 at 10:58 AM
*"अखिल विश्व अखण्ड सनातन सेवा फाउंडेशन"*(पंजीकृत) *द्वारा संचालित* *अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳* *क्रमांक~ १३* https://photos.app.goo.gl/qhBZpMvGbW8wYNNY7 🇮🇳🇮🇳 *_ऑपरेशन स्नो लेपर्ड : 15 जून 2020_* *_गलवान मुठभेड़ में शहीद भारतीय सेना के जवानों को श्रद्धांजलि और शत् शत् नमन।_* *[युनिट - 16 बिहार]* *पांच साल पहले 15 जून के दिन चीन को हमारी 16 बिहार रेजीमेंट ने कर्नल संतोष बाबू के नेतृत्व गलवान में सिखाया था सबक...* *गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई भीषण सैन्य झड़प को आज पांच साल पूरे हो गए हैं। पूरे देश में इस हिंसा के दौरान शहीद हुए भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जा रही है।* *चीन मामलों के जानकार और ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के रिसर्चर नाथन रुसर ने दावा किया है कि जियोलोकेटर की मदद से पता चलता है कि झड़प वाली जगह भारतीय सीमा के अंदर लगभग 50 मीटर अंदर थी। एक चट्टान पर पहुंचने और नदी पार करने से पहले भारतीय सेनाओं के फुटेज में घाटी के दक्षिण की ओर चलते देख सकते हैं।* *भारतीय सेना ने गलवान में चीनी सैनिकों को करारा जवाब दिया था। यही कारण है कि चीनी सेना को यहां भारी नुकसान उठाना पड़ा था।* *भारतीय सेना के कई उच्च अधिकारियों ने भी यह स्वीकार किया है कि इस झड़प में चीन के कम से कम 60 जवान हताहत हुए थे। रूस की सरकारी न्यूज़ एजेंसी तास ने तो कुछ दिन पहले ही लिखा था कि गलवान में चीन के 45 सैनिकों की मौत हुई थी। हालांकि, तब से लेकर कल तक चीन इस हमले में अपने सैनिकों के मारे जाने की बात को स्वीकार करने से डर रहा था।* *`कर्नल संतोष बाबू को अनुकरणीय नेतृत्व के लिए महावीर चक्र दिया गया था -----`* *जून 2020 के दौरान, कर्नल संतोष बाबू ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के हिस्से के रूप में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब पूर्वी लद्दाख में तैनात 16 बिहार बटालियन की कमान संभाल रहे थे। जून की शुरुआत से ही लेह से दौलत बेग ओल्डी जाने वाली सड़क के करीब गलवान घाटी में निर्माण कार्य के कारण LAC पर तनाव बढ़ रहा था। चीनियों को गलवान नदी पर अक्साई चिन क्षेत्र में एक पुल के निर्माण पर गंभीर आपत्ति थी। यह क्षेत्र भारत के साथ-साथ चीन के लिए भी सामरिक महत्व रखता था क्योंकि यह लेह से दौलत बेग ओल्डी तक की सड़क पर हावी था, जो भारत के लिए बहुत सैन्य महत्व की हवाई पट्टी है।* *तनाव को कम करने के लिए दोनों पक्षों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी थी। 15 जून 2020 की रात को, गलवान घाटी में पुल के पार चीनी गतिविधियां देखी गईं* *स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कर्नल संतोष बाबू ने खुद बातचीत का नेतृत्व करने का फैसला किया। हालांकि, चर्चा के दौरान हुई कहासुनी ने माहौल को और खराब कर दिया और हाथापाई शुरू हो गई। जल्द ही यह हाथापाई हिंसक झड़प में बदल गई और चीनी सैनिकों ने कर्नल संतोष बाबू और उनके साथियों पर जानलेवा डंडों और छड़ों से हमला कर दिया।* *भारतीय सैनिकों की संख्या बहुत कम थी और चीनी सैनिक हमले के लिए तैयार दिख रहे थे। झड़प बढ़ने पर 16 बिहार के कंपनी कमांडर भी अन्य सैनिकों के साथ चीनी सैनिकों से भिड़ गए। कई घंटों तक झड़पें चलीं, जिसमें कई भारतीय सैनिक गंभीर रूप से घायल हो गए। दुश्मन सैनिकों की भारी ताकत की हिंसक और आक्रामक कार्रवाई से घबराए बिना कर्नल संतोष बाबू ने भारतीय सैनिकों को पीछे धकेलने के दुश्मन के प्रयास का विरोध करना जारी रखा।* *गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद, उन्होंने एक सच्चे सैन्य नेता की तरह आगे बढ़कर दुश्मन के क्रूर हमले को रोका। उन्होंने अपनी आखिरी सांस तक दुश्मन के हमले का विरोध किया और सैनिकों को जमीन पर डटे रहने के लिए प्रेरित किया।* *कर्नल संतोष बाबू और 19 अन्य सैनिक बाद में अपनी चोटों के कारण शहीद हो गए। अन्य बहादुर जवानों में नायब सूबेदार नंदूराम सोरेन, नायब सूबेदार सतनाम सिंह, नायब सूबेदार मनदीप सिंह, हवलदार बिपुल रॉय, हवलदार सुनील कुमार, हवलदार के पलानी, नायक दीपक सिंह, सिपाही गणेश हांसदा, सिपाही चंदन कुमार, सिपाही सीके प्रधान, सिपाही अमन कुमार, सिपाही कुंदन कुमार, सिपाही राजेश ओरंग, सिपाही गणेश राम, सिपाही केके ओझा, सिपाही जय किशोर सिंह, सिपाही गुरतेज सिंह, सिपाही अंकुश और सिपाही गुरविंदर सिंह शामिल हैं।* *कर्नल संतोष बाबू एक वीर सैनिक और एक उत्कृष्ट अधिकारी थे, जिन्होंने भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपराओं का पालन करते हुए आगे बढ़कर नेतृत्व किया और अपने कर्तव्य का पालन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। कर्नल संतोष बाबू को उनके असाधारण साहस, नेतृत्व और सर्वोच्च बलिदान के लिए 26 जनवरी 2021 को देश का दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार, "महावीर चक्र" दिया गया।* 🕉️🌞🔥🔱🐚🔔🌷
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