अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
June 21, 2025 at 08:18 AM
*"अखिल विश्व अखण्ड सनातन सेवा फाउंडेशन"*(पंजीकृत) *द्वारा संचालित* *अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳* *क्रमांक~ १०* *_Debt on US: बुरे फंसे डोनाल्ड ट्रंप... संकट में अमेरिका, कर्ज 37,000,000,000,000 डॉलर के पार, भारत का भी है कर्जदार!_* https://www.google.com/amp/s/www.aajtak.in/amp/business/news/story/us-in-crisis-debt-crosses-37-trillion-dollars-india-is-also-a-debtor-tutd-dskc-2268130-2025-06-20 *अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज 37 ट्रिलियन डॉलर (करीब 32 लाख अरब रुपये) को पार कर गया है। इससे वित्तीय और नीति जगत में खतरे की घंटी बज गई है। कर्ज पर ब्याज चुकाने का खर्च हर साल लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच रहा है।* *अमेरिका पर राष्‍ट्रीय कर्ज* * 2011: 14.79 ट्रिलियन डॉलर * 2012: 16.06 ट्रिलियन डॉलर * 2013: 16.73 ट्रिलियन डॉलर * 2014: 17.82 ट्रिलियन डॉलर * 2015: 18.15 ट्रिलियन डॉलर * 2016: 19.57 ट्रिलियन डॉलर * 2017: 20.24 ट्रिलियन डॉलर * 2018: 21.51 ट्रिलियन डॉलर * 2019: 22.71 ट्रिलियन डॉलर * 2020: 26.94 ट्रिलियन डॉलर * 2021: 28.42 ट्रिलियन डॉलर * 2022: 30.92 ट्रिलियन डॉलर * 2023: 33.20 ट्रिलियन डॉलर * 2024: 36.06 ट्रिलियन डॉलर * *2025: 37.00 ट्रिलियन डॉलर* *कर्ज पर ब्याज चुकाने का खर्च हर साल लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच रहा है। यह स्तर जल्द ही संघीय बजट को पंगु बना सकता है। सरकार के जरूरी कामों को रोक सकता है।* *■ अगर कोई बड़ा सुधार नहीं हुआ तो 2055 तक कर्ज GDP का 156% तक पहुंच जाएगा। फिलहाल, 2 ट्रिलियन डॉलर का सालाना घाटा कर्ज को बढ़ा रहा है। यह खर्च में बढ़ोतरी और राजस्व में धीमी ग्रोथ के कारण हो रहा है।* *■ सबसे बड़ा खतरा ब्याज का बिल है। संघीय टैक्स इनकम का लगभग एक चौथाई हिस्सा अब कर्ज चुकाने में खर्च हो रहा है। इसका मतलब है कि सोशल सिक्योरिटी, मेडिकेयर, राष्ट्रीय रक्षा और बुनियादी ढांचे जैसे कार्यक्रमों के लिए कम पैसा बचेगा। इन कार्यक्रमों पर लाखों अमेरिकी निर्भर हैं।* *■ फिच रेटिंग्स और एसएंडपी के बाद मूडीज ने भी अमेरिका की परफेक्ट रेटिंग खत्म कर दी है। पिछले 108 साल में यह पहला मौका है जब मूडीज ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग को डाउनग्रेड किया है। इस फैसले से वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल हो सकती है और ब्याज दरें भी बढ़ सकती हैं।* *■ 37 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज कई मायनों में अमेरिका की बहुत बड़ी चिंता का विषय है। यह अमेरिका की आर्थिक नीतियों और वैश्विक संबंधों को प्रभावित करता है।* *■ सिर्फ बजट में कटौती का ही खतरा नहीं है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस कर्ज के रास्ते से निजी निवेश कम हो सकता है, उधार लेने की लागत बढ़ सकती है और आर्थिक विकास रुक सकता है।* *■ सीबीओ का अनुमान है कि अगर कर्ज को काबू नहीं किया गया तो अगले दशक में जीडीपी 340 अरब डॉलर तक कम हो सकती है। इससे 12 लाख नौकरियां जा सकती हैं और वेतन वृद्धि धीमी हो सकती है। ब्याज दरों में बढ़ोतरी से नुकसान और बढ़ जाएगा। जैसे ही वैश्विक कर्जदाता अमेरिकी घाटे को फाइनेंस करने के लिए अधिक रिटर्न मांगने लगेंगे, वैसे ही व्यवसायों, घर मालिकों और संघीय सरकार सभी के लिए उधार लेने की लागत बढ़ जाएगी।* *■ वित्तीय संकट का खतरा बढ़ता जा रहा है। अगर निवेशकों का सरकार की वित्तीय प्रबंधन करने की क्षमता पर से विश्वास उठ जाता है तो ब्याज दरों में तेज बढ़ोतरी या डॉलर का पतन हो सकता है। इससे आर्थिक स्थिरता कमजोर हो सकती है। वैश्विक स्तर पर झटके लग सकते हैं।* *दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क ने अमेरिका को कर्ज संकट की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, "अमेरिकी सरकार की कमाई का 25% हिस्सा तो कर्ज के ब्याज में ही जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो हालत ये होगी कि सरकार के पास सिर्फ ब्याज चुकाने के लिए पैसे होंगे। सोशल सिक्योरिटी, मेडिकल, डिफेंस जैसी जरूरी चीजों के लिए कुछ नहीं बचेगा।"* 🕉️🌞🔥🔱🐚🔔🌷

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