
अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳
June 21, 2025 at 09:02 AM
*"अखिल विश्व अखण्ड सनातन सेवा फाउंडेशन"*(पंजीकृत) *द्वारा संचालित*
*अखण्ड सनातन समिति🚩🇮🇳*
*क्रमांक~ ११*
*_ईरान के हमले का खौफ, अमेरिका ने मध्य पूर्व के सबसे बड़े सैन्य अड्डे से हटाए 40 मिलिट्री जेट, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा..._*
https://www.google.com/amp/s/navbharattimes.indiatimes.com/world/uae/us-army-secretly-shifts-military-jets-from-middle-east-biggest-air-base-amid-fear-of-iran-attack/amp_articleshow/121965532.cms
*ईरान ने इजरायल के ऊपर लगातार मिसाइल हमले जारी रखे हैं, जिसमें तेल अवीव और हाइफा समेत कई जगहों पर भारी नुकसान हुआ है। तेहरान ने धमकी दी है कि अगर अमेरिका युद्ध में कूदा तो वह उसके ठिकानों पर हमला करेगा।*
*अमेरिका की आर्थिक स्थिति अब ऐसी नहीं है कि वह अनावश्यक तरीके से किसी भी युद्ध में खुद को उलझा दे.*
*ईरान पर हमले का फैसला क्यों नहीं ले पा रहे ट्रंप?*
*ट्रंप को पता है कि ईरान से अगर युद्ध में फंसे तो वहां से निकलना मुश्किल होगा.*
*अफगानिस्तान और इराक में अमेरिका ने काफी कुछ गंवाया है.*
*दूसरे ट्रंप खुद को शांति के मसीहा के रूप में स्थापित करना चाहते हैं.*
*उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार की तलब हो गई है.*
*यही कारण है कि भारत-पाक में सीजफायर का श्रेय लेने के लिए करीब बीसियों बार बयान दे चुके हैं. फिर भी दुनिया उन्हें घास नहीं डाल रही है.*
*इजरायल पर ईरान के मिसाइल हमलों के बाद अब अमेरिका को मध्य पूर्व में अपने सैन्य अड्डों की सुरक्षा का डर सताने लगा है।*
*■ कतर के एक प्रमुख अमेरिकी एयरबेस से पिछले दो सप्ताह में करीब 40 अमेरिकी मिलिट्री एयरक्राफ्ट गायब हो गए हैं। उन्हें ईरानी हमलों से बचाने के लिए हटाया गया है।*
*■ प्लैनेट लैब्स पीबीसी की 5 जून से 19 जून के बीच की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि कभी खचाखच भरा मध्य पूर्व में अमेरिका का सबसे बड़ा एयरबेस पर लगभग पूरी तरह खाली हो गया है।*
*■ कतर के अल उदीद एयरबेस पर 5 जून को C-130 हरक्यूलिस परिवहन विमानों और उन्नत टोही जेट समेत लगभग 40 विमान खुलेआम खड़े थे। 19 जून की सैटेलाइट तस्वीरों में केवल तीन ही बचे दिखाई दे रहे हैं।*
*■ इजरायल और ईरान के बीच जंग शुरू होने के एक सप्ताह बाद भी अमेरिका इसमें शामिल नहीं हुआ है। 19 जून को वॉइट हाउस ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप अगले दो सप्ताह में इस बारे में फैसला लेंगे।*
*■ विमानों पर नजर रखने वाले ओपेन-सोर्स डेटा के विश्लेषण से बताया है कि कम से कम 27 सैन्य ईंधन भरने वाले विमान- केसी-46ए पेगासस और केसी-135 स्ट्रेटोटैंकर विमान- 15 से 18 जून के बीच अमेरिका से यूरोप की यात्रा पर गए।*
*■ उनमें से केवल दो विमान ही अमेरिका लौटे, जबकि 25 विमान बुधवार देर रात तक यूरोप में थे। हवा में ईंधन भरने वाले विमान लंबी दूरी के हवाई अभियानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और यह इस बात का संकेत हो सकता है कि अमेरिका लंबे मिशनों के लिए तैयारी कर रहा है।*
*■ दुनिया भर को ऐसा लग रहा था अमेरिका बहुत जल्द खुलकर इस युद्ध में शामिल हो जाएगा. पर ऐसा होता दिख नहीं रहा है. जाहिर है कि सवाल उठ रहे हैं कि क्या मध्य एशिया में अमेरिका कमजोर पड़ रहा है?*
*■ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियां और बयानबाजी हमेशा से अनिश्चितता और विरोधाभास से भरी रहती हैं. अब ईरान पर हमले को लेकर ट्रंप की नीतियों में अनिश्चितता और विरोधाभास कई कारणों से उभरकर सामने आए हैं.*
*■ पूर्व में ट्रंप बार-बार ईरान के साथ कूटनीतिक समाधान की वकालत करते रहे हैं. ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने ईरान को परमाणु समझौते के लिए 60 दिन का समय दिया था, जो 13 जून को समाप्त हुआ. लेकिन इजरायल के हमले के बाद, ट्रंप ने इसे समर्थन दिया, यह कहते हुए कि वह हमले की योजना से पूरी तरह वाकिफ थे.*
*■ एक तरफ तो वे ईरान के साथ बातचीत कर रहे थे, समझौते की वकालत कर रहे थे तो दूसरी तरफ सैन्य कार्रवाई का समर्थन भी .इस तरह की बातों के चलते ट्रंप ने खुद को बहुत जटिल बना दिया है.*
*ट्रंप खुद को शांति के मसीहा के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार की तलब हो गई है. यही कारण है कि भारत-पाक में सीजफायर का श्रेय लेने के लिए करीब बीसियों बार बयान दे चुके हैं. फिर भी दुनिया उन्हें घास नहीं डाल रही है. चुनावों में उन्होंने वादा किया था कि गद्दी पर बैठते ही एक दिन में वो रूस यूक्रेन युद्ध बंद करवा देंगे. दुर्भाग्य से उन्हें यह भी सफलता नहीं मिली. अब अमेरिका अगर ईरान में फंस जाता है तो फिर वो देश की जनता को क्या जवाब देंगे?*
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