Indore Help Service
June 20, 2025 at 01:35 PM
*घर की कलह, नशे की लत या डिप्रेशन, सिर्फ एक कॉल से मिलेगी राहत, हर ग्रुप में शेयर करें यह जरूरी जानकारी*💁🏻‍♀️📞 केंद्र सरकार ने 2022 में टेली मानस सेवा शुरू की है। इसके लिए *टोल फ्री नंबर 14416 और 18008914416* जारी किए। मानसिक तनाव या अन्य समस्या से जूझ रहे पीड़ित इस पर कॉल कर मनोचिकित्सकों से सलाह लेते हैं। मप्र में इंदौर के बाणगंगा मेंटल हॉस्पिटल और ग्वालियर में इसके मुख्य केंद्र खोले गए हैं। बाणगंगा मेंटल हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ. वीएस पाल ने बताया कि 2022 से अब तक एक लाख 20 हजार 87 लोगों के कॉल इस सेंटर पर आए। पीड़ितों से उनकी समस्या जानकार समाधान किया जा रहा है। *तनाव भी एक बीमारी, इसे पहचानें* डॉक्टरों का मानना है कि आज लगभग हर व्यक्ति को किसी न किसी तरह का मानसिक तनाव है। चाहे वह कार्यस्थल की परेशानी हो या घर की समस्या। इसके बावजूद लोग तनाव, नशे की लत या इससे जुड़ी परेशानियों को बीमारी मानने को तैयार नहीं होते। यही कारण है कि अधिकांश लोग समय रहते इलाज नहीं कराते और समस्या गंभीर रूप ले लेती है। यदि लोग मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हो जाएं तो उनके जीवन की आधे से अधिक समस्याएं दूर हो सकती हैं। *व्यापारी को शराब की लत छुड़वाई* ऐसे ही एक कपड़ा व्यापारी को कारोबार में घाटा हो गया। वह डिप्रेशन में रहने लगा। दोस्त ने सलाह दी कि शराब पीया करो। नींद अच्छी आएगी। दोस्त के कहने पर व्यापारी ने शराब पीना शुरू कर दिया। फिर तो उसे लत लग गई। इसे चक्कर में कर्ज लेने लगा। इसके बाद किसी ने कहा कि मनोचिकित्सक से सलाह लो। तब व्यापारी ने बाणगंगा स्थित टेली मानस में कॉल किया। यहां के डॉक्टर ने करीब 45 मिनट जानकारी ली। इसके बाद उसे अस्पताल बुलाया और काउंसलिंग की। जैसे ही व्यापारी को शराब की तलब लगती, उसे कुछ दवा दी जाती। धीरे-धीरे उसकी शराब की लत छूट गई। अब उसका जीवन अच्छा चल रहा है। इस तरह के हजारों परिवारों को बाणगंगा मेंटल हॉस्पिटल से इसी तरह की मदद मिली। *परिवार में लौटी सुख शांति* इंदौर का एक और उदाहरण यहां पर दिया गया। बताया कि एक परिवार में आठ साल की बेटी और पांच साल का बेटा है। दोनों ने स्कूल जाना बंद कर दिया था। कारण था कि बेटी को स्कूल में चिढ़ाया जाता था। इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर पड़ने लगा और वो गुमसुम रहने लगे। बच्चों को संभालने और अन्य प्रेशर में मां की तबीयत खराब होने लगी। घर के पास रहने वाले डॉक्टर ने टेली मानस हेल्पलाइन के बारे में बताया। परिजनों ने इस पर कॉल किया तो बाणगंगा मेंटल हॉस्पिटल के मनोचिकित्सकों से बात हुई। डॉक्टरों ने बेटा-बेटी, परिजन और स्कूल के स्टाफ को अस्पताल बुलाया। वहां सारे पहलुओं को जाना। काउंसलिंग की। इसके बाद सभी से अपडेट लेते रहे। इसका असर यह हुआ कि दोनों बच्चे स्कूल जाने लगे और बाद में मां का स्वास्थ्य भी ठीक हो गया। *मेडिटेशन से खुद को तैयार करते हैं मनोचिकित्सक, ताकि मरीजों की समस्याएं सुन पाएं* टेली मानस विभाग के हेड डॉ. कृष्णा मिश्रा ने बताया कि लोगों की समस्या को हल करने से पहले मनोचिकित्सक खुद को तैयार करते हैं। इसके लिए वह मेडिटेशन, योग और फिजिकल एक्टिवटी भी करते हैं ताकि लोगों की बातों को ध्यान से सुन पाएं और उसका सही से जवाब दे पाएं। मनोचिकित्सक के लिए डिप्लोमा कोर्स और डिग्री भी होती है। *24 घंटे चालू रहता है सेंटर* डॉ. कृष्णा मिश्रा ने बताया कि लोगों की सुविधा के लिए यह सेंटर 24 घंटे चालू रहता है। विभाग में 23 लोगों की टीम है, जो अलग-अलग शिफ्ट में काम करती है। सुबह पांच से आठत, शाम तीन से चार और रात में दो काउंसलर रहते हैं। इनके अलावा सीनियर मनोचिकित्सक, दो मनोचिकित्सक, प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, ऑफिस अटेंडर रहते हैं। *इंदौर की जरूरी जानकारियों के लिए INDORE HELP SERVICE के वाट्सएप ग्रुप से जुड़ें। हमें 9522902253 नंबर पर Hello लिखकर भेजें।* 🙂🙏🏻 *सोशल मीडिया पर जुड़ें।* Whatsapp Group https://chat.whatsapp.com/BEtkvrKaOOcGpZb89Nnk91 Youtube https://www.youtube.com/@indorehelpservice Instagram https://www.instagram.com/indorehelpservice/ Facebook https://www.facebook.com/indorehelpservice
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