काम की राजनीति
June 20, 2025 at 03:18 PM
दिल्ली के अधिकारी बीजेपी विधायकों की भी नहीं सुन रहे हैं!! डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कमेटी और जन सुनवाई से भी अक्सर ग़ायब रहते हैं कई अधिकारी! डीडीसी का पुनर्गठन बीजेपी सरकार ने किया था ताकि जनता से जुड़े लोकल मुद्दों और विकास का काम डिसेंट्रलाइज हो सके। 11 में से 8 डीडीसी के अध्यक्ष बीजेपी विधायक हैं। वैसे अगर अधिकारी जनता के प्रतिनिधियों को सीरियसली नहीं ले रहे हैं तो इसमें इन बेचारों का क्या दोष? आख़िर बीजेपी के मार्गदर्शन और एलजी साहेब के संरक्षण में दिल्ली के अधिकारियों की आदत सी हो गई थी जन प्रतिनिधियों को नज़रअंदाज़ करने की! अब सालों पुरानी आदत सिर्फ़ सरकार बदलने से तो नहीं बदल जाएगी!! वैसे भी जब बीजेपी की सरकार को अभी और वक्त चाहिए: -बारिश में दिल्ली को डूबने से बचाने के लिए, -फ़िर से चौबीस घंटे बिजली देने के लिए, -यमुना को रोज़ दूषित होने से रोकने के लिए, -महिलाओं को ₹2500 की मासिक राशि देने के लिए तो ठीक उसी तरह दिल्ली के अधिकारी भी अपना वक्त ले रहे हैं विधायकों की मीटिंग में आने और जनता की समस्या सुनने और सुलझाने की आदत डालने के लिए!! तो फ़िलहाल हालात ये हैं कि अधिकारी न तो जनता के प्रति जवाबदेह हैं, न ही उनके प्रतिनिधियों के प्रति! शायद इसीलिए बीजेपी के बिना ड्राइवर वाले सारे इंजन सिर्फ़ खड़े खड़े शोर मचाते रहते हैं क्योंकि चल तो ये रहे नहीं…
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