सुमनोहर__कहानियां
सुमनोहर__कहानियां
June 21, 2025 at 02:27 AM
।।राम_राम।। *✨✨सुप्रभात✨✨* https://whatsapp.com/channel/0029Va65K7RCHDynC3AjPI1d *🌳🦚आज की कहानी🦚🌳* *💐💐घण्टी रूपी घर💐💐* एक कथानुसार कुरुक्षेत्र के युद्धक्षेत्र को सेनाओं के आवागमन के लिए तैयार किया जा रहा था। उन्होंने हाथियों का इस्तेमाल पेड़ों को उखाड़ने और जमीन साफ करने के लिए किया। एक पेड़ पर एक गौरैया अपने चार बच्चों के साथ रहती थी जब उस पेड़ को उखाड़ा जा रहा था तो उसका घोंसला जमीन पर गिर गया, लेकिन वो और उसकी संताने अनहोनी से बच गई। लेकिन वो अभी बहुत छोटे होने के कारण उड़ने में असमर्थ थे। भयभीत गौरैया मदद के लिए यहाँ-वहाँ देखती रही। तभी उसने कृष्ण को अर्जुन के साथ आते देखा। उसने श्रीकृष्ण के रथ तक पहुँचने के लिए अपने छोटे पंख फड़फड़ाए और किसी प्रकार श्री कृष्ण के पास पहुंचकर कहा.... हे कृष्ण, कृपया मेरे बच्चों को बचाये क्योकि लड़ाई शुरू होने पर कल उन्हें कुचल दिया जायेगा। भगवन बोले मैं तुम्हारी बात सुन रहा हूं,लेकिन मैं प्रकृति के कानून में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। गौरैया ने कहा भगवन ! मै जानती हूँ कि आप मेरे उद्धारकर्ता हैं,मैं अपने बच्चों के भाग्य को आपके हाथ सौंपती हूँ अब यह आपके ऊपर है आप मारते हैं या उन्हें बचाते हैं! काल चक्र पर किसी का बस  नहीं  है श्री कृष्ण ने एक साधारण व्यक्ति की तरह उससे कहा। गौरैया ने विश्वास और श्रद्धा से कहा प्रभु, आप कैसे और क्या करते हैं मै नहीं जानती लेकिन आप स्वयं काल नियंता हैं मैं स्वयं को परिवार सहित आपको समर्पण करती हूँ। https://whatsapp.com/channel/0029Va65K7RCHDynC3AjPI1d भगवन बोले अपने घोंसले में तीन सप्ताह के लिए भोजन का संग्रह करो। गौरैया और श्रीकृष्ण के सवाद से अनभिज्ञ अर्जुन गौरैया को भगाने की कोशिश करते रहे। दो दिन बाद,शंख के उदघोष से युद्ध शुरू होने की घोषणा की गई। कृष्ण ने अर्जुन से कहा की अपने धनुष-बाण मुझे दो। अर्जुन चौंका, क्योंकि कृष्ण ने युद्ध में हथियार नहीं उठाने की शपथ ली थी।साथ ही अर्जुन मानता था कि वह ही सबसे अच्छा धनुर्धर है। मुझे आज्ञा दें, भगवन, अर्जुन ने दृढ़ विश्वास के साथ कहा, मेरे तीरों के लिए कुछ भी अभेद्य नहीं है। लेकिन अर्जुन से धनुष लेकर कृष्ण ने एक हाथी को निशाना बनाया तीर हाथी के गले की घंटी से टकराया और एक चिंगारी सी उड़ी अर्जुन ये देख कर अपनी हंसी नहीं रोक पाया कि कृष्ण एक आसान सा निशान चूक गए। क्या मैं प्रयास करू? उसने स्वयं को प्रस्तुत किया। उसकी प्रतिक्रिया को नजरअंदाज करते हुए, कृष्ण ने उन्हें धनुष वापस देकर कहा कि कोई और कार्रवाई आवश्यक नहीं है। लेकिन केशव तुमने हाथी को क्यों तीर मारा? अर्जुन ने पूछा।। क्योंकि इस हाथी ने उस गौरैया के आश्रय उसके घोंसले को जो कि एक पेड़ पर था उसको गिरा दिया था। कौन सी गौरैया?अर्जुन ने पूछा। इसके अतिरिक्त, हाथी तो अभी स्वस्थ और जीवित है केवल घंटी ही टूट कर गिरी है। श्री कृष्ण ने उसे शंख फूंकने का निर्देश दिया। युद्ध शुरू हुआ, अगले अठारह दिनों में कई जानें गईं और अंत में पांडवों की जीत हुई। एक बार फिर, कृष्ण अर्जुन को अपने साथ सुदूर क्षेत्र में भ्रमण करने के लिए ले गए। कई शव अभी भी वहाँ हैं जो उनके अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे थे। कृष्ण एक निश्चित स्थान पर रुके और एक घंटी जो कि हाथी पर बाँधी जाती थी उसे देख कर विचार करने लगे। अर्जुन, क्या मेरे लिए यह घंटी उठाकर एक तरफ रख दोगे। https://whatsapp.com/channel/0029Va65K7RCHDynC3AjPI1d निर्देश बिलकुल सरल था परन्तु अर्जुन के समझ में नहीं आया क्योंकि,विशाल मैदान में जहाँ बहुत सी अन्य चीज़ों को साफ़ करने की ज़रूरत थी, कृष्ण उसे धातु के एक टुकड़े को रास्ते से हटाने के लिए क्यों कहेंगे? उसने प्रश्नवाचक दृष्टि से उनकी ओर देखा। हाँ,यह घंटी श्रीकृष्ण ने दोहराया। वही घंटी है,जो हाथी की गर्दन पर पड़ी थी,और मैंने तीर मारा था। अर्जुन बिना किसी और सवाल के भारी घंटी उठाने के लिए झुका और जैसे ही उसे उठाया, तो देखा एक,दो,तीन,चार और पाँच। चार युवा पक्षी और एक गौरैया उस घंटी के नीचे से निकले। बाहर निकल के माँ और छोटे पक्षी श्री कृष्ण के इर्द-गिर्द मंडराते हुए बड़े आनन्द से उनकी परिक्रमा करने लगे।अठारह दिन पहले काटी गई एक घंटी ने पूरे परिवार की रक्षा की। मुझे क्षमा करें हे कृष्ण अर्जुन ने कहा, आपको मानव शरीर में देखकर और सामान्य मनुष्यों की तरह व्यवहार करते हुए,मैं भूल गया था कि आप वास्तव में कौन हैं? *हम भी तब तक इस घंटी रूपी घर मे परिवार के साथ अन्न जल ग्रहण करते हुए, प्रभु के प्रति आस्था रखते हुए विश्राम करें जब तक ये हमारे लिए उठाई न जाये..!!* https://whatsapp.com/channel/0029Va65K7RCHDynC3AjPI1d *जय जय श्री राम 🙏🏻* *जय हिन्द 🇮🇳* *सदैव प्रसन्न रहिए।।* *जो प्राप्त है, पर्याप्त है।।* ।।राम_राम।।
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