Jaigurudevukm
May 29, 2025 at 04:56 AM
*जयगुरुदेव* https://www.youtube.com/live/HsEStXro_mM?si=3faWHSrfrfWSPFYK समय का संदेश 22.05.2025 बाबा जयगुरुदेव आश्रम, उज्जैन *1. 17 मई से 22 मई के अखण्ड साधना शिविर में लोगों को उम्मीद से ज्यादा मिला।* 0.47 - 2.16 आज 22 मई 2025, मध्याह्न की बेला, आश्रम उज्जैन पर अखण्ड साधना शिविर का समापन हो रहा है। यह 17 तारीख को लगभग 11.37 बजे पर शुरू हुआ था। थोड़ी देर और बैठाया गया और 12 बजे इसका समापन हो गया। इसमें बहुत तरह के अनुभव आए। *जिसका जैसा प्रेम और भाव-भक्ति रही, उसके हिसाब से दाता ने, गुरु महाराज ने देने में कोई कसर नहीं रखी और उम्मीद से ज्यादा लोगों को मिला।* और ये शिविर जो जगह-जगह लगाई गईं, उसमें भी दिया उन्होंने। दाता का बड़ा लंबा हाथ है, देने वाले का बड़ा लंबा हाथ है। "दाता केवल सतगुरु देत न माने हार"। प्रेमियों! हम लोग पामर जीव गुरु महाराज से ले नहीं पाते। 5.28 - 7.43 जिनको उम्मीद भी नहीं थे और दस-दस घंटा बैठे रहे, सोच नहीं पा रहे थे कि हम इतनी देर बैठ पाएंगे! दो घंटा बैठना मुश्किल होता था और वो लोग 24-24 घंटा बैठे गए। 53 घंटे की रिपोर्ट तो हमारे पास आई, अभी और रिपोर्ट जब दोगे आप; उससे भी ज्यादा एक आसान पर, एक जगह पर बैठने वाले आपको मिल जाएंगे, चाहे थोड़ी ही देर तक ज्यादा बैठे हों। तो इतनी देर न टट्टी, न पेशाब, इतनी देर बैठना और होश-हवास नहीं है। शरीर ही खाली जमीन पर है, आत्मा ऊपरी लोकों में घूम रही है तो जरूर कोई बात है। अब आपको इसलिए बता रहा हूं कि जिनको कुछ नहीं मिला, आप लोगों के अंदर तो इच्छा जगनी चाहिए कि मिल सकता है, ये कोई कोरी-कल्पना या गप नहीं है। ये चीज मिलती है, लेने और देने वाले पर निर्भर करती है। जो ले पाता है वो ले लेता है। *बरसात होती है तो जो ले लेता है, पानी इकट्ठा कर लेता है उसको मिल जाता है नहीं तो पानी बह जाता है।* प्रेमियों! ऐसे ही दया भी निकल जाती है। हम अपने लिए भी कह रहे हैं कि हम पामर जीव ले नहीं पाते हैं। *लेने की इच्छा लाओ, संकल्प शक्ति बनाओ। उस संकल्प को गुरु महाराज पूरा करते हैं* और इसी में मिल जाएंगे आपको और न होगा तो नाम बता दिया जाएगा कि सोच रहे थे कैसे बैठ रह गए। इसलिए बोल रहा हूं कि ये मत सोचो कि ये सब जानते हैं, अपना महत्व बढ़ाने के लिए कह रहे हैं, इसलिए कि आपको विश्वास हो जाए और आप करने लग जाओ और कराने लग जाओ। *2. साधक समाज बनाना पड़ेगा।* देखो प्रेमियों। साधक समाज बनाना पड़ेगा। बगैर साधक समाज बनाए हुए ये जो रोना धोना है, ये जो दुख तकलीफ है, ये जाने वाली नहीं है। ये जो घर का झगड़ा झंझट है, एक दूसरे का विरोध है, बात नहीं मानते हैं, शांति के लिए, सुख के लिए सब कुछ करते हैं लेकिन वह उनका बर्बाद जा रहा है, इसके लिए साधक समाज बनाने की जरूरत है। अगर साधक समाज बन जाएगा तो इसी से सब काम बन जाएगा। साधक समाज बनाओ। कैसे बनेगा? कौन बनाएगा? अकेला तो कोई नहीं बना सकता, दो चार पांच आदमी भी नहीं बना सकते। साधक समाज कौन बनाएगा, जितने लोग साधना किये सब मिलकर के बनाएंगे।
🙏 ❤️ 😂 🎉 🩷 27

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