Jaigurudevukm
May 30, 2025 at 05:54 AM
*जयगुरुदेव*
https://www.youtube.com/live/HsEStXro_mM?si=3faWHSrfrfWSPFYK
समय का संदेश
22.05.2025
बाबा जयगुरुदेव आश्रम, उज्जैन
*1. साधकों की गोष्ठी करो और योजना बनाओ कि साधना शिविर कैसे लगाएंगे।*
8.45 - 11.19
साधक लोग जितने हो, उतने उसमें बैठ जाओ और देखो कि कौन-कौन प्रांत के, कौन-कौन जिले के लोग आए हैं इसमें, जो शरीक हुए हैं, साधना में बैठे हैं; वो लोग इकट्ठा बैठो, और वहां पर आप योजना बनाओ और एक योजना सब लोगों की मिलाकर बन जाए और एक योजना चाहे आपकी बाद में बन जाएगी, क्या योजना बन जाएगी? कि हम अपने जिले में जगह-जगह पर साधना शिविर लगाएंगे, कैसे लगाएंगे और पांच-पांच दिन का कैसे कहां लगाएंगे, हमको किस चीज की जरूरत पड़ेगी, किससे हमको कहना रहेगा कि आपके पास जमीन है, आपके पास घर है, आपके पास बगीचा है; आप हमको दे दीजिए थोड़े समय के लिए, पांच दिन के लिए छ: दिन के लिए, आठ दिन के लिए दे दीजिए और हम यहां पूजा-भजन करेंगे, आपका जैसे का तैसा छोड़ कर चले जाएंगे, सफाई भी आपकी करके जाएंगे तो इसकी योजना बन जाए। मान लो जिले का एक जगह पर बनता है, पहली बार एक जगह पर लगता है तो वहां जो बाहर से आ जाएंगे, उनकी व्यवस्था भोजन आदि की कैसी रहेगी, देखो! सब विस्तार में बता रहा हूं इसीलिए। और एक जगह सबको इकट्ठा कर लो पहले और वहीं से जितने भी साधक हैं, पहले जो साधना शिविर लगा है, उसमें भी साधक निकल आएंगे, उसमें भी ज्यादा देर तक बैठने वाले निकल आएंगे, वे कहां के होंगे? उन्हीं गांव के होंगे जहां संगत ज्यादा है और जहां-जहां सबसे ज्यादा जैसे उत्तर प्रदेश में साधना शिविर लगी तो वहीं के मिल जाएंगे आपको और फिर उनके जिम्मेदारी में वह चीज कर दो, कि भाई आप यहां-यहां लगाओ, काम बांट दो वहीं पर, जो जिला के जिम्मेदार साधना शिविर के, यहां पर जो आए हुए हो, उन्हीं में से आप टीम बना लो और आप लोग उनको काम सौंप दो। जरूरत समझो तो आप भी चले जाओ, उन दिनों में और सब के साथ बैठो और सबको सिखाओ, सबको बताओ।
*2. प्रार्थना, सुमिरन, ध्यान, भजन, गुरु भक्ति, आदि के बारे में अपनी-अपनी भाषा में लोगों को बताओ।*
11.20 - 14.05
देखो आपको पहले भी बताया गया है कि सन्तमत में प्रार्थना, सुमिरन, ध्यान और भजन ये प्रमुख होता है, गुरु भक्ति प्रमुख होती है। इस मानव मंदिर को अंदर से साफ सुथरा रखना ये जरूरी होता है। यह भी बताया गया कि कर्म छुआछूत की बीमारी से भी तेजी गति से आते हैं और पर्दा डाल देते हैं, आगे बढ़ने नहीं देते हैं जिसका इस समय हमको बहुत कुछ अनुभव है जो काम में हमारे बराबर बाधा डाल रहा है। तो प्रेमियों ये चीज़ें बराबर याद रखा जाए और वहां भी बताया जाए और यहां पर जो लोग आए हैं, अब यहां का काम अभी बताता हूं आपको। यहां भी उनको बताया जाए तो वहां पर जो साधक लोग हो, आप साधना अंदर की भले ना बताओ, जो देखा सुना आपने लेकिन उनको जाकर के यह बात तो बताओ, अपनी-अपनी भाषा में बताओ, अपने गांव के लिहाजे में बताओ क्योंकि हम लोगों की बात जो होती है, वह हजारों लाखों के बीच की होती है तो हर कोई नहीं समझता है तो यह जो मैं बता रहा हूं इसी में कई ऐसे लोग होंगे जो गांव के कमाने खाने वाले सीधे-साधे चाहे यह बच्चियां हो, माताएं हो, नहीं समझ पा रही होंगी तो आप उनको समझाओ यह सब बात कि गुरु से प्रेम करो, गुरु को याद करो, गुरु से दया मांगो, उनके लिए प्रार्थना बोलो, प्रार्थना की छंटी छंटी लाइन आप उनको लिख कर दे दो जो पढ़े हैं तो पढ़ ले, नहीं तो वह जब कोई बोलने लगेगा तो सुनते-सुनते याद हो जाता है। *प्रार्थना बोलें और सुमिरन का तरीका बताओ, सुमिरन भी जरूरी है। ध्यान का तरीका बताओ और भजन का तरीका बताओ।*
*तो मान लो अगर आप मास्टर नहीं बने हो आध्यात्म में तो मॉनिटर तो बन ही गए हो। अगर गुरु की दया हो गई है, कुछ अंदर में आपको मिल गया है और यही विश्वास आपको हो गया कि हमको मान लो कुछ भी नहीं मिला लेकिन गुरु से दया मांगा और गुरु ने हमको इतनी देर बैठने की शक्ति दिया तो मान लो कि मॉनिटरिंग का काम कर सकते हो। तो आप लोगों को समझाओ, उनको बताओ, तौर-तरीका बताओ और जगह-जगह साधना शिविर लगाओ।*
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