Jaigurudevukm
June 7, 2025 at 03:28 AM
जयगुरुदेव
https://youtu.be/OMtRHuTmwTI?si=6q5evPidTlRjXVcl
समय का संदेश
06.06.2025 सायंकाल
बाबा जयगुरुदेव आश्रम, जयगुरुदेव नगर, उज्जैन, मध्य प्रदेश
5. *8 जून को 24 घंटे की साधना शिविर के समापन के बाद कोई नया आदेश मिल सकता है।*
17:05 - 25:00
*कल तो शुरुआत होगी, परसों आपको कोई नया आदेश मिल सकता है, नया संकेत आपको मिल सकता है, जब इसका समापन आप लोग करोगे। तो उस समय यहां भी 11 बजकर 11 मिनट पर समापन होगा, 8 तारीख को और दो चार पांच मिनट के बाद कुछ समझाया भी जाएगा, उसमें आपको दिशा मिल जाएगी, रास्ता मिल जाएगा, संदेश मिल जाएगा; उसके अंतर्गत फिर आप आगे बढ़ जाना।*
*देखो! अभी साधना शिविर लगाने का यह क्रम खत्म नहीं होगा। बराबर जब तक सब जगह साधना शिविर लग न जाए, बैठने की लोगों की आदत न बन जाए तब तक समझो चैन नहीं लेना है।* जितने भी साधक हो, संगत के कार्यकर्ता हो, जितने जिम्मेदार हो, ये आप लोग सोचो और दिल-दिमाग में सोच करके आप योजना बनाओ कि जहां-जहां नहीं लग पा रहा है, नहीं लग पाया है और सतसंगी हैं, वहां पर लगा दिया जाएगा जब आदेश मिलेगा।
आदेश तो जल्दी मिलेगा और यहां देखो आप समझो बैठे हो और *परसों इस 24 घंटे की साधना शिविर की समाप्ति हो जाएगी और फिर तुरंत बाद फिर लगाया जाएगा। तुरंत लगेगा। अब तुरंत लगाने के लिए व्यवस्था बनानी पड़ेगी क्योंकि आश्रम पर जब साधना शिविर लगेगी तब बहुत लोग चल पड़ेंगे।* साधना जब यहाँ किया, गुरु की दया का अनुभव किया तो बोले कि जैसे यहां साधना शिविर लगेगी तो फिर आएंगे। यहां मन रुकता है, यहां दया का अनुभव होता है तो वो चल पड़ेंगे। और अब यह देखना पड़ेगा कि यहां व्यवस्था कितने लोगों की हो जाएगी, बैठकर साधना करने की, उनके रहने की, खाने-पीने की, तपस्वी भंडारा में कुछ न कुछ खाना खिलाना रहता है। यह देख करके जिम्मेदार से और फिर मैं परसों बताऊंगा क्योंकि मैं भी यहां पर नहीं था। अभी अहमदाबाद गया हुआ था और वहीं से साधना शिविर का संदेश दिया गया है और कल अभी आया हूँ। हारा थका था दिन भर का, कल सुबह से ही चला और शाम को पहुंचा हूँ, आज तबियत नर्म रही।
*मैं अभी पता लगाऊंगा, इनसे पूछूंगा कि कितने आदमियों की व्यवस्था कर सकते हो। अब आप जो जिम्मेदार लोग हो, लगवाने वाले, साधना शिविर जो लगवा रहे हो, चाहे गांव के हो, जिला के हो, जोन के हो, प्रांत के हो, आप लोगों से यह कहना है कि जो लोग आवें, आने का मन बनावें, उनकी आप लोग अपने-अपने जिला वाइज, प्रांत वाइज लिस्ट बना लो ताकि बहुत ज्यादा लोग न आ जाएं।* बरसात का महीना है तो दिक्कत होगी उनको, लौटते और लौटाते भी नहीं बनेगा और बैठने की साधना करने की बरसात में जगह की कमी हो जाए, आराम करने की जगह की कमी हो जाए, बरसात में अव्यवस्था हो जाती है भोजन आदि बनाने में तो लिस्ट तैयार कर लो और पहले भेज दो उसको। आज से ही उसके लिए पता करो और लिस्ट भेजो और यहां पर जो लोग व्यवस्था कर रहे हैं, यह व्यवस्थापक लोग जब बता दें कि इतने आदमियों की व्यवस्था हम कर ले जाएंगे तो उसको देख करके बुलाया जाएगा तो फिर अच्छा रहेगा। इतने आदमियों को भेज दो और फिर इतने को भेजो और फिर उसके बाद फिर दोबारा मौका मिल जाएगा और अबकी बार जो यहां पर लगेगा, कई दिनों का लगेगा। कल जो शुरू होगा वो तो 24 घंटे का होगा लेकिन इसके बाद जो तुरंत लगेगा वह कई दिनों का लगेगा। लगातार चलेगा। तो जब लगातार रगड़ मारी जायेगी तब बात बनेगी। जब रोज पढ़ा जाता है, रोज रटा जाता है तब वो चीज याद हो पाती है। जब रोज किया जाएगा तभी बात बनेगी।
कई दिन यहां चलेगा, हमारे दिमाग में है, विचार में है। परसों आपको बता दूंगा; कब शुरू होगा और कितने दिन का होगा, यह परसों आपको बता दिया जाएगा। तो आप लोग, आश्रमवासी जितने भी जिम्मेदार हो और जो भी सेवादार हो, आप लोग हमको पता चला है कि तैयारी अपनी बना लिए हो 24 घंटे के साधना में बैठने की और जो जिस विभाग में सेवा करते हो, सेवा भी करते रहने की। तो आप लोग तो यहां बैठना ही बैठना लेकिन जो और यहां पर जिम्मेदार लोग हो, इस पर भी दिमाग दौड़ाओ, नजर दौड़ाओ कि भाई कहां, कितने लोगों की क्या व्यवस्था कर सकते हैं, क्योंकि लिस्ट और सूचना आनी शुरू हो जाएगी। गांव वाले अपने जिला और जिला वाले अपने प्रांत को भेज देंगे और प्रांत वाले केंद्र को भेज देंगे। तो सूचना तो आ जाएगी कि कितने आदमी तैयार हैं लेकिन दिक्कत हो जाएगी तब। यह भी नहीं है कि मान लो कोई आना चाहता है तो उसको मना भी है और यह भी नहीं है कि ज्यादा लोग आ जाएं। तो एक व्यवस्था बनानी पड़ेगी। व्यवस्था बना लो आप लोग। तो हम तो आपको बता देंगे समय और उस दिन समय बता देंगे और कितने दिन का रहेगा यह भी बता देंगे। और *हमको तो यह विश्वास है कि गुरु महाराज की दया उसमें मिलेगी। जो भी ये कई दिनों का लगेगा यहां पर उसमें दया मिलेगी।*
तो आज तो बस इतना ही, फिर बाद में आपको कुछ और होगा तो बता दिया जाएगा। आप आश्रमवासी अब लग जाओ। जो तैयारी आपकी हो गई, हो गई, जो तैयारी रह गई है, कर लो कल की। अपने यहां की व्यवस्था भी देखते हुए और मान लो लोग आते हैं, वो भी दिमाग में रहे कि उनकी व्यवस्था भई कैसे करेंगे? जैसे *अपने ही भोजन का हिस्सा हम उनको खिला देंगे, अपने ही स्थान पर उनको सुला देंगे; कैसे क्या करेंगे? कैसे क्या मदद उनकी कर पाएंगे, जो बाहर से आएंगे, ये भी अपने दिमाग में रखो।*
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