Jaigurudevukm
June 22, 2025 at 06:12 AM
*जयगुरुदेव*
सतसंग लिंक - https://youtu.be/x5Wh1sRGE2M?si=8ZbfhZKtHsKK4U58
समय का संदेश
20.06.2025 सायं 7.30 बजे
बाबा जयगुरुदेव आश्रम उज्जैन
*6. गुरु पूर्णिमा राजस्थान की राजधानी जयपुर में होगी।*
(19.37-21.39)
देखो प्रेमियों! गुरु पूर्णिमा कहां होगी? राजस्थान की राजधानी जयपुर में होगी। तीन दिन का कार्यक्रम मुख्य रूप से, घोषित रूप में यह चलेगा। एक दिन पहले लोग आ जाते, एक दिन बाद तक रहते हैं, तो *कुल मिलाकर के पांच दिन हो जाता है* । तो यह इस तरह की व्यवस्था वहां सब लोगों को करनी है। ये देखो अभी तक कुछ यह दिक्कत था कि भाई कहीं ऐसा ना हो कोई बात फंसे; पर्मिशन ना मिले, लेकिन परमिशन प्रेमियों आज मिल गई है। तो *अब यह गुरु महाराज की दया से निश्चित हो गया कि यह 2025 की जो गुरु पूर्णिमा है, वो जयपुर में होगी।* कहां पर होगी? जहां पिछले साल हुई थी; जयपुर से जो अजमेर को सड़क जाती है, मैन रोड है, उसी रोड पर अपना एक आश्रम है जो ठिकरिया मुकाम कहलाता है, उसी आश्रम के पास में ही जमीन है, काफी बड़ी जमीन है। वो जिनकी जमीन है उन्होंने भी लिखकर दे दिया, वो बेचारे निशुल्क दे देते हैं, उसका कोई सेवा भी नहीं लेते हैं और बड़े खुश रहते हैं कि हमारी जगह पर ये अच्छा काम हो रहा है। उसके बगल में भी पार्किंग और टेंट वगैरा लगाने की जगह है। अगल-बगल में है, वो लोग भी प्रेमी दे देते हैं। तो वो जगह की भी परमीशन मिल गई है और प्रशासनिक परमिशन, नियम-कानून के अंतर्गत जो हम काम करते हैं, उसके अंतर्गत वाली भी परमीशन मिल गई। अब यह निश्चित हो गया कि गुरु पूर्णिमा जयपुर में गुरु महाराज की दया से होगी।
*7. पिछले साल से ज्यादा भी भीड़ हो सकती है। तो इंतेज़ाम तो अब युद्ध स्तर पर करना होगा*
(21.39-23.15)
देखो प्रेमियों! *हमारा स्वस्थ खराब रहता था लेकिन अब हमारे स्वास्थ में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। तो अब तो हमारी भी उम्मीद बन गई, हिम्मत बढ़ गई कि हम भी वहां पहुंच जाएंगे। गुरु पूर्णिमा में हम भी पहुंच जाएंगे* और हम तो थोड़ा पहले भी पहुंच जाते हैं तो हम तो पहले भी वहां पहुंच सकते हैं। अब क्या करना चाहिए इनको? राजस्थान के प्रेमियों को, जयपुर के प्रेमियों को? तैयारी में दिन-रात एक कर देना चाहिए क्योंकि तैयारी के लिए इनके पास समय कम है इस बार में। और भीड़ का कुछ कहा नहीं जा सकता है। पिछले साल से ज्यादा भी भीड़ हो सकती है। तो इंतेज़ाम तो अब युद्ध स्तर पर जिसको कहते हैं, उस स्तर पर करना होगा। ये सब लोगों को समझ लेना है कि हमारे घर ने मेहमान आ रहे हैं, हमारे घर में शादी जैसा उत्सव होने वाला है तो हम जैसे शादी-ब्याह में, घर के किसी उत्सव/कार्यक्रम में, खुशी के मौके पर दौड़-दौड़ करके काम करते हैं कि हमारे यहां मेहमान आयेंगे, उनके रहने-खाने की व्यवस्था करनी है; उस तरह से अपना सब लोगों को जयपुर, आसपास के लोग और पूरे राजस्थान को समझ करके करने की जरूरत है।
*8. हमको महापुरुषों की उपस्थिति में गुरु की दया लेने का अवसर मिलेगा*
(23.16-25.11)
अब कहा गया है *जो जितना गुड डालेगा, उतना ही मीठा होगा* । अपनी जिम्मेदारी समझनी है, अपनी व्यवस्था बनानी है और देश-विदेश के जो संगत के लोग हो, आपको क्या सोचना है? कि भाई हमारे गुरु महाराज की गुरु पूर्णिमा है। हमको गुरु महाराज का पूजन का मौका मिलेगा। *हमको महापुरुषों की उपस्थिति में गुरु की दया लेने का अवसर मिलेगा। हमको भजन-ध्यान करके गुरु का दर्शन, पिछले दिनों में जो महापुरुष आए, जिनका आवाहन किया जाएगा, हमको विश्वास है, वे वहां आयेंगे; उनका दर्शन अंतर में करने का मौका मिलेगा।* तो आप लोग तैयारी करो। अपना समझ करके और यह भी सोचो कि भाई अपना कार्यक्रम है और अपने लोगों को चलना है और अपने परिवार को लेकर चलना है, अपने गांव, अपने जिला, अपने प्रदेश के लोगों को लेकर चलना है तो वहां हमको पहले पहुंच करके लोगों को लेकर के, सेवादार को लेकर के, पहुंचकर के व्यवस्था बनानी है। पहले क्या होता रहा है, हर बड़े कार्यक्रम में? प्रदेश के लोग जिम्मेदारी लेते हैं, विभागों की। तो वो आप जिम्मेदारी पूछ लो उनसे, आप निभाओ उसको। इसके अलावा भी आप और भी सोचे रहे कि पिछले साल हमारे यहां से दस हजार आदमी गए थे तो अबकी पंद्रह हो जाएं; उसको भी सोचे रहो।
🙏
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