
Shrinathji nitya darshan
23.5K subscribers
About Shrinathji nitya darshan
नाथद्वारा श्रीनाथजी मंदिर के नित्य दर्शन, प्रसाद व अद्भुत परंपराओं की विशिष्ट जानकारी Exclusive information about daily Darshan, Mahaprasad and amazing traditions of Shrinathji Temple, Nathdwara
Similar Channels
Swipe to see more
Posts

*श्रीनाथजी मंदिर, श्रीनाथद्वारा* 📆 मंगलवार, 17 जून 2025 प्रातः समां के दर्शन - मंगला दर्शन - *6:15 am* श्रृंगार दर्शन - *7:15 am* ग्वाल दर्शन - *9:00 am* राजभोग दर्शन - *11:15 am* 🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷🪷

व्रज – आषाढ़ कृष्ण षष्ठी Tuesday, 17 June 2025 मंगला दर्शन (मंगला समय सुबह 6:15 बजे) आड़बंद अंगूरी मलमल पर लाल छापा का कीर्तन –मंगला दर्शन (राग : मल्हार ) आये माई बरखाके अगवानी 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 Facebook Page: https://m.facebook.com/Shreenathjinitydarshan/ Instagram Account https://instagram.com/shreenathji__nity_darshan YouTube channel https://youtube.com/@shreenathji_nitya_darshan?si=Q-O_OOLKDovsuK2S WhatsApp channel https://whatsapp.com/channel/0029Va9SrMw3AzNUdJyRmS2V 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸   

व्रज – आषाढ़ कृष्ण षष्ठी Tuesday, 17 June 2025 खसखसी मलमल का आड़बंद एवं श्रीमस्तक पर छज्जेदार पाग पर क़तरा के शृंगार 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 Facebook Page: https://m.facebook.com/Shreenathjinitydarshan/ Instagram Account https://instagram.com/shreenathji__nity_darshan YouTube channel https://youtube.com/@shreenathji_nitya_darshan?si=Q-O_OOLKDovsuK2S WhatsApp channel https://whatsapp.com/channel/0029Va9SrMw3AzNUdJyRmS2V 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 राजभोग दर्शन कीर्तन – (राग : सारंग) तनक प्याय दे पानी याहि मिस गए वाके घर l समझ बूझ के जल भर लाई पीवन लागे ओक ढीली करि तब ग्वालिन मंद मंद मुसिकानी ll 1 ll वेही जल वैसे ही गयो ओर जल भर लाई तब ग्वालिन बोली मधुर सी बानी l ‘चतुरबिहारी’ प्यारे प्यासे हो तो पीजिये नातर सिधारो रावरे जु प्यास मैं जानी ll 2 ll साज – आज श्रीजी में खसखसी मलमल की पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफ़ेद बिछावट की गयी है. वस्त्र – आज श्रीजी को खसखसी मलमल का आड़बंद धराया जाता है. श्रृंगार – आज प्रभु को छोटा (कमर तक) ऊष्णकालीन हल्का श्रृंगार धराया जाता है. मोती के सर्व आभरण धराये जाते हैं. श्रीमस्तक पर खसखसी रंग की छज्जेदार पाग के ऊपर सिरपैंच, क़तरा एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं. श्रीकर्ण में एक जोड़ी मोती के कर्णफूल धराये जाते हैं. श्वेत पुष्पों एवं तुलसी की दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं वहीँ दो मालाजी हमेल की भांति भी धरायी जाती है. श्रीहस्त में तीन कमल की कमलछड़ी, गंगा जमुनी के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं. पट ऊष्णकाल का गोटी हक़ीक की छोटी आती है.   

व्रज – आषाढ़ कृष्ण पंचमी Monday, 16 June 2025 सुआ पंखी मलमल पर लाल छापा की परधनी एवं श्रीमस्तक पर गोल पाग पर गोल चन्द्रिका के श्रृंगार 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 Facebook Page: https://m.facebook.com/Shreenathjinitydarshan/ Instagram Account https://instagram.com/shreenathji__nity_darshan YouTube channel https://youtube.com/@shreenathji_nitya_darshan?si=Q-O_OOLKDovsuK2S WhatsApp channel https://whatsapp.com/channel/0029Va9SrMw3AzNUdJyRmS2V 🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸 राजभोग दर्शन – कीर्तन – (राग : सारंग) सोहत लाल के परदनी अति झीनी।। तापर एक अधिक छबि उपजत जलसुत पांति बनी कटी छीनी।।1।। उज्जवल पाग श्याम शिर शोभित अलकावली मधुप मधुपीनी।। ‘कुंभनदास' प्रभु गोवरधनधर चपल नयन युवतीन बस कीनी।।2।। साज – आज श्रीजी में सुआ पंखी मलमल पर लाल छापा से सुसज्जित पिछवाई धरायी जाती है. गादी, तकिया एवं चरणचौकी पर सफ़ेद बिछावट की जाती है. वस्त्र – आज श्रीजी को सुआ पंखी मलमल पर लाल छापा की परधनी धरायी जाती है. श्रृंगार – आज प्रभु को छोटा (कमर तक) ऊष्णकालीन हल्का श्रृंगार धराया जाता है. मोती के आभरण धराये जाते हैं. श्रीमस्तक पर सुआ पंखी पर लाल छापा की गोल पाग के ऊपर सिरपैंच, गोल चंद्रिका एवं बायीं ओर शीशफूल धराये जाते हैं. श्रीकर्ण में एक जोड़ी मोती के कर्णफूल धराये जाते हैं. श्वेत पुष्पों की कलात्मक थागवाली दो सुन्दर मालाजी धरायी जाती हैं वहीँ एक श्वेत एवं एक कमल के पुष्पों की माला हमेल की भांति धरायी जाती हैं. श्रीहस्त में तीन कमल की कमलछड़ी, झीनें लहरियाँ के वेणुजी एवं एक वेत्रजी धराये जाते हैं. पट ऊष्णकाल का व गोटी छोटी हकीक की आती है.