सहजयोग समाचार–कोटा सामूहिकता द्वारा संचालित
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जय श्री माताजी परम् पूज्य श्री माताजी की असीम अनुकम्पा और आशीर्वाद में कोटा (राज) सामूहिकता द्वारा संचालित *सहजयोग समाचार* (डिजिटल सहज पुस्तिका) में आप सभी सहजी भाई-बहिनों का स्वागत है। सहजयोग समाचार (डिजिटल सहज पुस्तिका) के द्वारा प्रकाशित की जाने वाली *विभिन्न मौलिक श्रृंखलाओं* के द्वारा आपको श्री माताजी और सहजयोग के विभिन्न आयामों (ट्रीटमेंट, चमत्कार, अनुभव,मुख्य समाचार आदि) की जानकारी और सभी आवश्यक सूचनाएं प्राप्त होती रहती है। *वर्तमान में सहजयोग समाचार के द्वारा प्रकाशित की जा रही प्रमुख मौलिक श्रृंखलाएं* *सहज के दैवीय अनुभव* *परम् पावनी मां की अनुस्मृतियां* *श्री निर्मल विद्या* *यादों के झरोखे से* *श्री निर्मल ज्ञान* इन प्रकाशित की जा रही रचनाओं को अपने नॉन सहजी मित्रो अथवा अपने सहजी भाई बहिनों के साथ आगे फारवर्ड करके आप उनको सहज के विभिन्न आयामों से परिचित करवा सकते है और इसके द्वारा उनको सहज में स्थापित होने की सहायता प्रदान कर प्रचार प्रसार में अपना योगदान दे सकते हैं। कोटा सहजयोग सामूहिकता द्वारा संचालित सहजयोग समाचार (डिजिटल सहज पुस्तिका) अभी *व्हाट्सएप*, *इंस्टाग्राम* और *फेसबुक* पर उपलब्ध है। आप सभी से निवेदन है इसे व्हाट्सएप पर फॉलो कीजिए साथ ही इससे अपने परिचित सहजी भाई बहिनों और नए साधकों को जोड़िए और डिजिटल प्रचार प्रसार के इस कार्य को आगे बढ़ाइए। जय श्री माताजी
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*आत्मसाक्षात्कार के पश्चात उनकी अति गंभीर स्वास्थ्य समस्या ठीक हो गई।* जय श्री माताजी मिलिए हमारे कोटा के नए सहजी परिवार श्री नीरज सोनी और श्रीमती तृप्ति सोनी से। नीरज भैया वर्तमान में कोटा के कुन्हाड़ी क्षेत्र में निवास करते है और एक फार्मा कंपनी में कार्यरत है। नीरज भैया को विगत वर्ष बेहद ही गंभीर लकवे का अटैक हुआ और इसके परिणामस्वरूप भैया पूरे एक वर्ष तक बिस्तर पर रहे। लकवे में सुधार के पश्चात उसके साइड इफ़ेक्ट के रूप में भैय्या *इंसोमेनिया – (नींद नही आने की गंभीर बीमारी)* से पीड़ित हो गए। भैया अभी पिछले अनेकों माह से ठीक तरीके से सो नहीं पाए थे। भैया हमारे कोटा के सहजी भाई श्री लोकेश खंडेलवाल के पूर्व परिचित थे। लोकेश भैया द्वारा उनको सहज योग की संक्षिप्त जानकारी प्रदान की गई। एक अति अभूतपूर्व संयोग के रूप में नीरज सोनी भैय्या का निवास हमारे कोटा के एक और प्रिय सहजी भाई श्री अनिल विजय के बिलकुल ही समीप था। श्री नीरज सोनी और उनकी धर्मपत्नी आत्मसाक्षात्कार हेतु श्री अनिल विजय भैया के घर पहुंचे वहां पर उनको परम पूज्य श्री माताजी की कृपा से आत्मसाक्षात्कार की प्राप्ति हुई। आत्मसाक्षात्कार प्राप्ति के पश्चात प्रथम दिवस ही नीरज सोनी भैया को अत्यंत ही गहरी निद्रा प्राप्त हुई और उन्होंने 12 घंटे की निद्रा का आनंद अनेकों माह के पश्चात उठाया। इसके पश्चात ही श्री अनिल विजय भैया और सरिता भाभी के द्वारा उनको सहज ध्यान और जल क्रिया की जानकारी प्रदान की गई। आज नीरज भैया और भाभी लगातार दो माह से नियमित ध्यान और जल क्रिया का अभ्यास कर रहे है। प्रत्येक साप्ताहिक ध्यान केंद्र पर सामूहिक हो रहे है, और आज ही भैया के द्वारा बताया गया है कि अब वह जब भी सोनें की इच्छा मात्र करते है तत्क्षण उनको गहरी निद्रा आ जाती है और वह अपने अंदर भी आनंद और स्वस्थता का अनुभव कर रहे है। भैया और भाभी इस परम कृपा हेतु परम् पूज्य श्री माताजी को अनेक धन्यवाद समर्पित कर रहे है। जय श्री माताजी

*सहज के दैवीय अनुभव* दो मजबूत हाथ मुझे उठा कर बाथरूम की ओर ले गये....... ( सहजयोगी वी0एन0फड़के की पुस्तक से साभार) जब मेरे पिता हॉस्पिटल में थे तो मैं उनके दोनों हाथ पकड़ कर उनको वाइब्रेशन्स देता था और उनके साथ काफी देर तक बात किया करता था। मैंने उनको डेढ़ से दो महीने तक ये वाइब्रेशन्स दिये। उनकी शारीरिक परेशानियों की देखभाल मेरी पत्नी और मेरी बहन करती थीं जैसे उनको बेड पैन देना, उनकी सफाई वगैरह करना आदि। उनकी श्रीमाताजी पर बहुत अधिक आस्था थी। उनकी जेब में हमेशा श्रीमाताजी की फोटो पड़ी रहती थी और जब भी उनको कुछ परेशानी होती थी तो वह श्रीमाता जी के चरणों में गिर जाया करते थे। एक दिन जब मैं अपने पिता से मिलने के लिये हॉस्पिटल गया तो उन्होंने मुझसे कहा कि गजानन कल मेरे साथ एक अजीब सी घटना घटी जो किसी चमत्कार से कम नहीं है। मैंने उनसे पूछा कि चमत्कार क्या है? तब उन्होंने मुझको पूरी बात बतानी शुरू की। उन्होंने कहा कि कल रात के डेढ़ या दो बजे के समय मैं टॉइलेट जाना चाहता था। मैने वार्ड ब्यॉय और किसी और को भी पुकारा लेकिन किसी ने भी मेरी आवाज को नहीं सुना। इसके बाद मैंने सोचा कि अब जो कुछ भी होना होगा होने दो और मैं अपने बेड पर चुपचाप सो गया और मैंने श्रीमाताजी से प्रार्थना की कि माँ अब तो आप ही मेरी सहायता कर सकती हैं। इतना कहने के बाद मैं सो गया। इसके कुछ ही देर के बाद दो मजबूत हाथों ने मुझे उठा लिया और मुझे लेकर बाथरूम की ओर ले गये। मेरे बाथरूम का उपयोग करने के तुरंत बाद उन्ही दो अदृश्य हाथों ने फिर से मुझे उठा लिया और मेरे बिस्तर तक पंहुचा दिया। ये हाथ किसी महिला के से प्रतीत हो रहे थे। मुझे केवल इतना ही याद है। बाद में जब मैंने याद करने का प्रयास किया कि ये हाथ किसके हो सकते थे? मुझे तुरंत याद आया कि ये हाथ तो श्रीमाताजी के ही थे और उन्होंने ही मेरी सहायता की थी। इस घटना के बाद उनकी आस्था श्रीमाता जी पर और भी अधिक बढ़ गई। सहज परिवार के सभी आवश्यक समाचार और गतिविधियों की जानकारी हेतु कोटा सामूहिकता द्वारा संचालित *सहजयोग समाचार (डिजिटल सहज पत्रिका)* को आप भी लिंक पर क्लिक कर व्हाट्सएप पर फॉलो कर सकते है। https://whatsapp.com/channel/0029Va9JA6q7j6fzW47in30O
*यादों के झरोखे से* जय श्री माताजी भारत के पूर्व रक्षामंत्री, पूर्व भाजपा अध्यक्ष और देश के सुप्रसिद्ध राजनेता श्री लालकृष्ण आडवाणी श्री माताजी के जन्मदिवस के अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए। एक पुराना दुर्लभ वीडियो। सभी के साथ अवश्य साझा कीजिए। सहज परिवार के सभी आवश्यक समाचार और गतिविधियों की जानकारी हेतु कोटा सामूहिकता द्वारा संचालित *सहजयोग समाचार (डिजिटल सहज पत्रिका)* को आप भी लिंक पर क्लिक कर व्हाट्सएप पर फॉलो कर सकते है। https://whatsapp.com/channel/0029Va9JA6q7j6fzW47in30O
*प्रयागराज कुंभ में चल रहे सहज आत्मसाक्षात्कार कार्यक्रम के कुछ सुंदर दृश्य।* सभी के साथ अवश्य साझा करें। सहज परिवार के सभी आवश्यक समाचार और गतिविधियों की जानकारी हेतु कोटा सामूहिकता द्वारा संचालित *सहजयोग समाचार (डिजिटल सहज पत्रिका)* को आप भी लिंक पर क्लिक कर व्हाट्सएप पर फॉलो कर सकते है। https://whatsapp.com/channel/0029Va9JA6q7j6fzW47in30O