
MIT Muzaffarpur Official News & Updates
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About MIT Muzaffarpur Official News & Updates
This is the official channel for news of Muzaffarpur Institute of Technology (MIT), Muzaffarpur. Muzaffarpur Institute of Technology (MIT) is indeed a prestigious institution with a rich history. It was established in 1954, and the foundation stone was laid by the then Prime Minister of India. Over the years, MIT Muzaffarpur has played a significant role in providing quality technical education in Bihar and has contributed to the development of skilled engineers and technocrats in the region. The institution has a long-standing tradition of excellence in engineering and continues to be a valuable resource for aspiring students in the field of technology and engineering. www.mitmuzaffarpur.org
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एम आई टी मुजफ्फरपुर चल रहे दो दिवसीय International Conference on Mechanical & Industrial Technologies (ICMIT-2025)" का दिनांक 25-05-2025 को डी सी ई दरभंगा में समापन हुआ। समापन के दौरान एम आई टी के प्राचार्य प्रो. (डॉ०) एम०के० झा० ने सम्मेलन के संयोजक डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव (एसोसिएट प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष, यांत्रिक अभियांत्रिकी विभाग, MIT) , सम्मेलन के आयोजन सचिव डॉ. आलोक रंजन (सहायक प्रोफेसर, MIT) और प्रो. अंकित कुमार (सहायक प्रोफेसर, DCE) हैं। सम्मेलन की तकनीकी कोर समिति में प्रो. मो. इर्शाद आलम, प्रो. विकाश कुमार, प्रो. मनहर कुमार साह, प्रो. इरफान हैदर, डॉ. प्रमोद कुमार, प्रो. शालिनी आनंद, प्रो. हेमंत कुमार चौधरी, प्रो. गुलशन कुमार, डॉ. जिगेश यादव, प्रो. पप्पू कुमार, प्रो. ऋषभ शर्मा ,प्रो. प्रियंका चोपड़ा, आदि के इस कार्य के लिए सराहा । उन्होंने कहा की इस संस्थान में इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन भविष्य में भी संचालन होते रहेगा। प्रारंभिक सत्र के मुख्य अतिथि माननीय विनोद कुमार तिवारी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दरभंगा उन्होंने अपने प्रेरणादायक संबोधन में कहा: "तकनीकी शिक्षा केवल उपकरणों और मशीनों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि समाज के लिए न्याय, नैतिकता और उत्तरदायित्व का मार्गदर्शक भी होनी चाहिए। छात्र यदि ज्ञान के साथ संवेदनशीलता और ईमानदारी को जोड़ लें, तो वे सच्चे राष्ट्र निर्माता बन सकते हैं।" समापन सत्र के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) लक्ष्मीनिवास पांडेय, कुलपति, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय उन्होंने कहा: "प्राचीन भारतीय ज्ञान-विज्ञान और आधुनिक तकनीकी शिक्षा का समन्वय ही भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनाएगा। हमें गुरुकुल और प्रयोगशाला दोनों के मूल्यों को एक साथ लेकर चलना होगा। ICMIT 2025 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।" DCE दरभंगा के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) संदीप तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा: "यह सम्मेलन केवल तकनीकी संवाद नहीं, बल्कि संस्थानों के बीच साझेदारी, छात्रों के लिए मार्गदर्शन और शोध को प्रोत्साहित करने का प्रयास भी है। DCE दरभंगा को गर्व है कि इस ऐतिहासिक आयोजन का समापन इसकी धरती पर हो रहा है। हम इस परंपरा को आगे भी जारी रखेंगे। सभी faculty और MIT के कुछ छात्रों ने दरभंगा तारामंडल का भी आनंद उठाया।


बिहार की तकनीकी शिक्षा को वैश्विक मंच पर स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत "International Conference on Mechanical & Industrial Technologies (ICMIT-2025)" का भव्य शुभारंभ MIT मुज़फ्फरपुर में हुआ। यह दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन DCE दरभंगा, MIT मुज़फ्फरपुर, और ISTE (नई दिल्ली) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया जा रहा है। समापन समारोह 25 मई को DCE दरभंगा में आयोजित होगा। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुई। सभी अतिथियों को MIT और DCE की ओर से स्मृति-चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। समारोह का उद्घाटन बिहार सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कृष्ण कुमार मंटू ने किया। अपने प्रेरणादायक संबोधन में उन्होंने कहा, "तकनीकी नवाचार ही भारत को आत्मनिर्भर बनाएगा। सरकार तकनीकी संस्थानों को हरसंभव सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।" उन्होंने बिहार के युवाओं को स्टार्टअप्स की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, इसके साथ ही उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे अपने स्टार्टअप आइडिया के आवेदन सरकार को भेजें — ऐसे विचारों को प्राथमिकता दी जाएगी और आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने यह घोषणा की कि हर पंचायत में ई-लाइब्रेरी और राज्य के सभी कॉलेजों में Wi-Fi की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। श्री कृष्ण कुमार मंटू ने कहा कि "जीवन सीखने की चीज़ है" और उनका उद्देश्य बिहार के युवाओं को तकनीकी शिक्षा में इतना सक्षम बनाना है कि वे देश और विदेश में राज्य का नाम रोशन कर सकें। उन्होंने कहा कि युवाओं में विशेष ऊर्जा होती है, जिसे सकारात्मक दिशा में लगाने की आवश्यकता है। उन्होंने बेटियों की शिक्षा पर विशेष बल देते हुए युवाओं से डायवर्जन से बचकर लक्ष्य पर केंद्रित रहने का संदेश दिया। प्राचार्य प्रो. (डॉ.) एम. के. झा (MIT मुज़फ्फरपुर) ने कहा, "ICMIT-2025 बिहार की तकनीकी शिक्षा को वैश्विक मंच से जोड़ने की दिशा में मील का पत्थर है।" प्रो. एम. के. झा ने संस्थान की गौरवशाली उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और राज्य सरकार द्वारा तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। वहीं प्रो. संदीप तिवारी (प्राचार्य, DCE दरभंगा) ने इस आयोजन को दोनों संस्थानों के बीच अकादमिक समन्वय को नई ऊर्जा देने वाला बताया और MIT और DCE के छात्रों को मिलकर परियोजनाओं पर काम करने और समस्याओं के समाधान के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाने का सुझाव दिया। प्रो. तिवारी ने Mechanical Engineering को सभी क्षेत्रों के विकास की नींव बताया और छात्रों को चुनौतियों से न डरने, बल्कि उनमें अवसर खोजने की प्रेरणा दी। उन्होंने Pulak Mohan द्वारा विकसित 3D प्रिंटेड हार्ट स्टंट का उल्लेख करते हुए कहा कि मेडिकल, रोबोटिक्स और टेक्नोलॉजी का संगम Mechanical क्षेत्र की ही देन है। सम्मेलन में देश-विदेश के विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे: • प्रो. यू. सी. राय, पूर्व निदेशक, NIT पटना: "संस्थागत नवाचार ही तकनीकी संस्थानों की असली पहचान है।"प्रो. यू. सी. राय ने Mechanical और Industrial Engineering को “परंपरा और परिवर्तन” के दो स्तंभ बताते हुए औद्योगिक क्रांति के चारों चरणों (1.0 से 4.0) का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल और भौतिक दुनिया का संगम आज के उद्योग का मूल है। • प्रो. विवेकानंद सिंह, कुलपति, पूर्णिया विश्वविद्यालय: "तकनीकी शिक्षा के साथ सामाजिक जिम्मेदारी भी जरूरी है।"इस प्रकार के आयोजनों को साझा सोच और समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। • डॉ. प्रताप सिंह काकासाहेब देसाई, अध्यक्ष, ISTE, नई दिल्ली: "तकनीक बिना नवाचार के सामाजिक पाप है।"उन्होंने नई शिक्षा नीति में समावेशी विकास और नवाचार को शिक्षा का केंद्र बिंदु बताते हुए कहा कि देश में ज्ञान और सूचना के बीच की खाई को पाटने की आवश्यकता है। • प्रभात कुमार सिन्हा, चेयरमैन, ICC बिहार: "इंडस्ट्री-इंस्टीट्यूट समन्वय से ही युवाओं को रोजगार मिलेगा।" • प्रीतम कुमार सिन्हा, सलाहकार, सेंटर ऑफ स्मार्ट गवर्नेंस, कर्नाटक सरकार: "डिजिटल गवर्नेंस में भारत को वैश्विक मानक स्थापित करने की जरूरत है।" श्री सिन्हा ने ग्राउंड लेवल समस्याओं के समाधान हेतु मल्टीडिसिप्लिनरी रिसर्च की आवश्यकता बताई और छात्रों को जमीनी विषयों पर अनुसंधान के लिए प्रेरित किया। • ज्ञानेंद्र शरण, निदेशक, इंफोटेक: "AI और ऑटोमेशन में युवाओं की भागीदारी ज़रूरी है।" सम्मेलन की मुख्य उपलब्धियाँ: • कुल 275 शोध-पत्र प्राप्त, जिनमें से 177 चयनित। • सर्वाधिक भागीदारी बिहार (24%) और उत्तर प्रदेश (20%) से। • अमेरिका, चेक गणराज्य, दक्षिण अफ्रीका, चिली, UAE सहित 6 देशों से अंतरराष्ट्रीय शोध-पत्र। • कुल शोध-पत्रों में से 94% भारत से, 6% विदेश से। • विविध कीनोट व्याख्यानों में स्टार्टअप, नवाचार, AI, ऑटोमेशन और शिक्षण की आधुनिक विधियाँ प्रमुख विषय रहे। सम्मेलन के माध्यम से तकनीकी शिक्षा, नवाचार, और इंडस्ट्री के बीच एक सशक्त संवाद स्थापित हुआ है।समापन समारोह कल DCE दरभंगा में आयोजित होगा, जिसमें उत्कृष्ट शोधकर्ताओं को सम्मानित किया जाएगा।बिहार अब तकनीकी नवाचार के मानचित्र पर एक नई पहचान बना रहा है — ICMIT-2025 इसका जीवंत प्रमाण है। इस कॉन्फ्रेंस के दौरान देश विदेशों के एक्सपर्ट द्वारा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मध्यम से विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन हुआ जिसमें ऑनलाइन माध्यम से डॉ. शेखर राकुर्ती, यूएसए डॉ. वेलाफी मसोमी, दक्षिण अफ्रीका डॉ. अजय कुमार, मणिपाल विश्वविद्यालय जयपुर ने विशेषज्ञ वार्ता किया और ऑफलाइन माध्यम से डॉ. आलोक कुमार दास, आईआईटी धनबाद डॉ. अमिताव मंडल, आईआईटी धनबाद डॉ. मानबेंद्र पाठक, आईआईटी पटना डॉ. कुलदीप कुमार सक्सेना, एलपीयू पंजाब डॉ. हिमांशु पाठक, आईआईटी मंडी डॉ. राज कुमार साहू, एनआईटी रायपुर डॉ. ओम प्रकाश, एनआईटी पटना ने विशेषज्ञ वार्ता किया। कुल 177 शोध पत्रों में से लगभग 125 शोध पत्रों का आज पेपर प्रेजेंटेशन हुआ, शेष शोध पत्रों का प्रेजेंटेशन कल दिनांक 25/05/2025 को DCE दरभंगा में होगा। इस आयोजन के संयोजक डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव हैं, जो लगातार तीन वर्षों से विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में शामिल हैं। उनके नेतृत्व में इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को वैज्ञानिक गुणवत्ता और वैश्विक स्तर की पहचान प्राप्त हुई है। आयोजन सचिव डॉ. आलोक रंजन (सहायक प्रोफेसर, MIT मुज़फ्फरपुर) और प्रो. अंकित कुमार (सहायक प्रोफेसर, DCE दरभंगा) ने सम्मिलित रूप से कार्यक्रम का सफल संचालन किया। यांत्रिकी विभाग के सभी तकनीकी कोर सदस्य * प्रो. इरशाद आलम * प्रो. मनहर कुमार साह * प्रो. इरफ़ान हैदर * डॉ. प्रमोद कुमार * प्रो. शालिनी आनंद * प्रो. प्रियंका चोपड़ा * प्रो. हेमन्त कुमार चौधरी * प्रो. गुलशन कुमार * डॉ. जिगेश यादव * प्रो. पप्पू कुमार * प्रो. विकाश कुमार * प्रो. ऋषभ शर्मा इस सम्मेलन में उत्कृष्ट योगदान रहा।
