
मुकेश कुमार सुवालका राजीव वादी
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वो दूर अपना गांव है जहां पेड़ों का घना छांव है गांव की बात ही कुछ और होती है, हर नजारा सुकून देती है।

पेंडेमिक ट्रीटी का सच देश का ठेका W.H.0 के हाथों में सौंपा जा चुका है........ पेंडेमिक ट्रीटी के बारे में जानिये...... एक और अत्यंत आवश्यक मुद्दा ध्यान में लाना चाहता हूं , 20 मई को 124 देशों ने पेंडमिक ट्रीटी पर साइन कर दिए हैं जिसमें #भारत भी शामिल है। 11 देशों ने ना पक्ष में वोट डाला ना विपक्ष में । इसके अनुसार अब कोई भी बीमारी फैलाई जाएगी और उस स्थिति में देश का कंट्रोल who के हाथों में चला जाएगा । #WHO सिर्फ नाम का संगठन है । असल में इसका मालिक बिलगेट्स सहित अन्य 12 शीर्षस्थ इलुमिनाती लोग है । बिलगेट्स अपने शैतानी केमिकलों के लिए पूरी दुनिया में विरोध झेलता आया है । इन केमिकलों को वह टीको के रूप में देता है । इस पेंडेमिक ट्रीटी के अनुसार महामारी जैसी बीमारी फैलने के दौरान जनता के शरीर की किसी भी प्रकार की जांच करने का अधिकार सरकार ( WHO की टीम ) को होगा । उसे कानूनी रूप से जनता उसका विरोध नहीं कर सकती और वो कोई भी दवा या वैक्सीन हमारे शरीर में लगा सकती है । अब महामारी के दौरान भारत का संविधान नहीं, #विश्व_स्वास्थ्य_संगठन की महामारी संधि का कानून चलेगा। बहुत कड़वा है पर भारत का संविधान अब निरस्त ही समझिए! इस संधि के तहत भारतीय संविधान के #आर्टिकल_19 और 21 के तहत आम जनता के मौलिक अधिकार को छलनी-छलनी कर दिया जाएगा। सामाजिक न्याय के लिए लड़ने वाले लोग इसी मौलिक अधिकार को बचाने के लिए 5 साल से चिल्ला रहे थे किंतु आज इंसानरूपी #स्वार्थी_भेड़ों के कारण हम यह लड़ाई लगभग हार चुके है।😢 हां एक बात का विश्वास प्रबल हो गया है कि निर्दोष जनता जब-जब बेवजह कुचली जाती है तो कुचलने वाला ही अपने वंश, परिवार और सहयोगियों समेत मारा जाता हैं। हिरण्यकश्यप, रावण, कंस, दुर्योधन इसके सटीक उदाहरण हैं। आने वाले कुछ बरसों में भी यही होने जा रहा है। हम उसे नहीं रोक सकते । इसलिए लिए उसे देश की पुलिस और मिलिट्री की पूरी सहायता मिलेगी । मतलब विरोध करने वाले को पुलिस पकड़ के वैक्सीन या दवा देगी और जेल में भी डाल देगी । अगर किसी भीड़ ने इसका विरोध किया तो मिलिट्री को खड़ा किया जाएगा । लेकिन देश के हर इंसान के शरीर में एक केमिकल डाला जरूर जाएगा वैक्सीन के रूप में , इलाज के नाम पर । इसके परिणाम घातक हैं । हम सभी खतरे में हैं । हम सभी सामान्य जन साधारण मेडिकल कर्मचारियों से तो लड़ के अपने शरीर को बचा सकते हैं । लेकिन पुलिस से लड़ना असंभव है। मैं उस समय से इसका विरोध कर रहा हूँ , जबसे करोना फैला । लेकिन वैक्सीन नहीं बनी थी । लेकिन मुझे पता था करोना सिर्फ इसलिए फैलाया गया है ताकि उसके बहाने वैक्सीन लगाई जा सके । वैक्सीन ही असली उद्देश्य है । कोरोना तो सिर्फ एक बहाना है । जिसके नाम पर वैक्सीन लगाई जा सके । वैक्सीन का विरोध परम् आदरणीय श्री राजीव दीक्षित जी ने बहुत पहले किया था । बिल गेट्स ने राजस्थान में 2009 में पोलियो की वैक्सीन का ट्रायल किया था । जिससे कई बच्चों को पोलियो हुआ था । लेकिन सरकारें इनकी गुलाम है । वह इन सब दुष्परिणामो पर कुछ नहीं बोलती । हमारे DNA में परिवर्तन करने का हथियार है वैक्सीन। जैसा कि मैने ओर कई लोगों ने इसका विरोध किया था कि इससे खून के थक्के बनेंगे । अटैक आएगा । वहीं हो रहा है । 4 साल के बच्चे से लेकर बूढ़े तक मर रहे हैं । ये अब वैक्सीन के साइडिफेक्ट है । वैक्सीन का उद्देश्य पृथ्वी से 550 करोड़ इंसानों को मारना और बाकी बचे 50 करोड़ को गुलाम बना कर जिंदा रखना है । इसके साथ ही साथ बिल गेट्स और रोथ्सचाइल्ड की डिजिटल करेंसी और RFID चिप तथा स्मार्ट सिटी जैसी कई योजना हैं । मुस्लिमों को यही लोग सरकार से कानूनी सहायता दिलवाते हैं ताकि सबका ध्यान उलझा रहे और ये अपने शैतानी इरादे पूरे करते रहे । पिछले 300 सालों से यही लोग हमारा सबसे ज्यादा नुकसान करते आए हैं । और इनकी 300 सालों की मेहनत आज आंबेडकरवाद या अन्य रूपों में फलीभूत हो रही है। जल्दी की कोई वायरस फैलाया जाएगा इसका कोई उपाय अत्यंत आवश्यक है। Sonu Singh Yogguru Er Ashutosh Arya Manoj Abhigyan Puneet Singh Parihar II Sourav Jain Jain Gurpreet Singg Ilyaas Makhdoom मनोज राष्ट्रवादी यादव HK Kabawat Gaurav Srivastav राहुल मालवीया Chanakya Tiwari गोलू शाण्डिल्य Pran Chadha Kanupriya नन्द किशोर भट्ट कृष्णा शिवहरे यशवंत सिंह सुखबीर बिचपड़ी रक्षक ही भक्षक है Rakesh K. Pali Verma अनुरोध शर्मा अनिल जैन अनानास सेब अंगूर आम अमित सिन्हा अंकित कश्यप फर्जी आईडी Sweety Saini Renu Saini Renu Joshi Dev N Dev Dharmendar Yadav Dharmendra Raja Har Pal Shishpal Shishpal Rahul Pal Pal Raghbandra Pal Raghvendra Yadav Mukul Chaturvedi जोरावर सिंह चौहान Raju Yadav Er Sunil Kumar Lavkush Shukla Ravinder Saini इंजीनियर नितिन पांडेय एडवोकेट प्रदीप निर्मोही Manish Sharma Purushottam Lal Chetan Lohana Shekhar Suman

यह नौटंकी हर छह महीने में आती और जाती रहेगी, इसलिए ऐसी खबरें सुनने की आदत डाल लेनी चाहिए। वर्ष 2024 में नवंबर-दिसंबर में भी मीडिया में खबरें आने लगी थीं, लेकिन अचानक सब गायब हो गए। इसलिए डरिये, पर बीमारी से नहीं, बल्कि अफवाह से!! जागरूकता ही असली ताकत होती है किसी से भी लड़ने की।