
Uttrakhand Socialist Party(UKSP)
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About Uttrakhand Socialist Party(UKSP)
UKSP Founder -Abhishek Singh Rana (9528110528) A Political organisation(UKSO)
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अपनी विशिष्ट और अनोखी संस्कृति खुद में समेटे हुए देवभूमि उत्तराखंड आज अपनी संस्कृति अपनी पहचान को बचाने के लिए जूझ रहा है। बेरोजगारी,पलायन(migration),परिसीमन(delimitation) और अन्य उत्तर भारतीय हिमालयी राज्यों की भांति जनसांख्यिकी परिवर्तन(demographic change) आदि उत्तराखंड के प्रमुख तथा गंभीर मुद्दे हैं। जिस तरह लद्दाख में सोनम वांगचुक जी द्वारा हिमालय की रक्षा तथा लद्दाख को बेरोजगारी और पलायन जैसे समस्याओं से अछूता रखने के लिए 6th शेड्यूल की मांग की जा रही है। तथा जिस तरह हिमाचल के 43% भूभाग पर 5th शेड्यूल लागू है और राज्य में एक मज़बूत भू कानून "हिमाचल प्रदेश टेंडेंसी एंड लैंड रिफॉर्म एक्ट,1972"जो राज्य में जनसांख्यिकी परिवर्तन तथा प्रदेश की संस्कृति और पहचान को बचाने में कारगर है। उत्तराखंड इन सभी समस्याओं का समाधान 'उत्तराखंड एकता मंच' ने पांचवी अनुसूची (5th schedule) के रूप में खोज निकला है जो राज्य की संस्कृति के साथ-साथ मूल निवास,भू कानून, पलायन की समस्याओं में कारगर साबित होगा। इसलिए आज अपनी उत्तराखंडियत को बचाने के लिए हमें अपने अधिकार मांगना होगा। जय उत्तराखंड जय हिंद -UKSO


देर सही, आज न केवल उत्तराखंड की बेटी अंकित भंडारी को बल्कि समूची उत्तराखंडियत को न्याय दिलाने में कानून व्यवस्था कानूनी तौर पर सफल रही लेकिन उत्तराखंडियत को सामाजिक रूप से न्याय उस दिन मिलेगा जब उत्तराखंड से "पुलकित आर्य"(बीजेपी) और अन्य जैसे उग्रवादी तथा उपद्रवी तत्व जड़ से नीस्त-ओ-नाबूद होंगे। ।।जय उत्तराखंड जय हिंद।।


पुलवामा में शहीद वीर जवानों को भावपूर्व श्रद्धांजलि🙏🏻

बीते दिन उत्तराखंड सरकार ने राज्य में एक तथाकथित भू कानून लागू किया। उत्तराखंड को बांटने तथा राज्य की संस्कृति को ख़त्म करने की शपथ ली हुई भाजपा सरकार ने राज्य में भू कानून (लैंड लॉस) को भी नहीं बक्शा धामी सरकार द्वारा लाया गया भू कानून राज्य के केवल 11 जिलों तक ही सीमित है तथा हरिद्वार और उधम सिंह नगर को इस कानून के दायरे से बाहर किया गया है। "एक भूमि दो भू कानून" राज्य में भू कानून को तब लाया गया जब राज्य में यूनिफॉर्म सिविल कोड(UCC) लागू हो चुका है और राज्य की नागरिकता प्राप्त करने के लिए राज्य में केवल एक वर्ष बिताना होगा। ऐसी स्थिति में राज्य में भू कानून लागू करना राज्य के लोगों का ध्यान भटकाने तथा राज्य की भूमि को पिछले दरवाजे से भू माफियाओं के हाथों में देना है।

नमस्कार उत्तराखंड सरकार एक बार फिर उत्तराखंड को एक सशक्त भू कानून देने में असमर्थ रही। पूर्व की भांति ही धामी सरकार ने भी उत्तराखंड को हिमाचल की तर्ज पर एक सशक्त भू कानून देने के बजाय उत्तर प्रदेश ज़मीदारी विनाश और भूमि सुधार अधिनियम को ही संशोधित कर पेश किया है। तथा इस कानून में त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के नक्शे कदमों पर चलते हुए हरिद्वार,उधम सिंह नगर तथा राज्य के सभी नगर निगम, नगर पंचायत, नगर पालिका परिषद, छावनी परिषद को इस कानून के दायरे से बाहर रखा है। इस लूपहोल का प्रयोग करके सरकार वक्त के साथ ग्रामीण क्षेत्रों को नगर पंचायत में परिवर्तित कर स्थानीय लोगों की जमीनों को भू माफिया की हाथों सौंप देगी।