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बात करने का समय 12:00 से शाम को 7:00 प्रतिदिन यह एक होम रिमेडी चैंनल है जिसमें स्वास्थ्य संबंधित घरेलू नुस्खे प्रसारित किए जाते हैं लेकिन एक बात बहुत ध्यान देने योग्य है कि नुस्खा का सत्यापन के बाद ही प्रयोग में लाये जाए प्रसारण करता की कोई जिम्मेदारी नहीं है https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N चैनल ओनर
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*आजमा के देखिये एक बार,* *5 दिन में तोंद कम करने जादुई नुस्खा...* *कोशिश कर के देखें इस मुफ्त के घरेलू नुस्खे का असर...* *●●सामग्री●●* (1). 25 gms- अजवाइन (2). 10 gm- सौंफ (3). 1 चम्मच - आंवला पाउडर (4). 1 चम्मच शहद (5). 250 मिलीलीटर पानी पानी में इन सारी सामग्रियों को उबाल लें, शहद को छोड़ कर। शहद को लास्ट में मिलाना है, अन्यथा नुकसान हो सकता है। जब पानी आधा रह जाये तो इसे छान लें। चर्बी पिघलाने वाला घरेलू ड्रिंक तैयार। इसे रोजाना सुबह खाली पेट लें। और सिर्फ 5 दिन मे आसानी से वजन घटायें। कोशिश तो कर ही सकते हैं न.? https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N

*तुलसी-का-शर्बत* *(तुलसी अमृत)* *स्वास्थ्यवर्धक और स्वादिष्ट पेय* तुलसी की पत्तियों से गुड़ और नीबू के साथ मिलकर स्वादिष्ट पेय तुलसी अमृत बनाया जाता है। यह स्वादिष्ट होने के साथ साथ जुकाम, खांसी, सिरदर्द और पेट के गैस और एसिडिटी रोगों को खतम करता है। पाचन के लिये अच्छा होता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढा़ता है। *आवश्यक सामग्री -* तुलसी की पत्तियां- आधा कप (लगभग 100 पत्तियां) गुड़ - 3/4 कप नीबू - 5 नीबू का रस (मध्यम आकार के नीबू) छोटी इलाइची - 7-8 नग पानी - 10 कप *विधि -* ● तुलसी की पत्तियों लीजिये। ● नीबू का रस निकाल लीजिये। ● तुलसी की पत्तियाँ और इलाइची को नीबू के रस के साथ बारीक पीस लीजिये। ● पानी को गुड़ डालकर उबलने रख दीजिये, पानी में उबाल आने और गुड़ घुलने के बाद गैस बन्द बन्द कर दीजिये। ● पानी जब थोड़ा गरम रह जाय, तब गुड़ घुले पानी में तुलसी और इलाइची का पेस्ट जो नीबू के रस के साथ बानाया है, मिला कर 2 घंटे के लिये ढक कर रख दीजिये। ● अच्छी तरह ठंडा होने के बाद तुलसी का शर्बत छान लीजिये, स्वादिष्ट तुलसी अमृत तैयार है। *● गर्मी के मौसम में ठंडा या नार्मल तापमान पर तुलसी अमृत पीजिये और* *सर्दियों में गरम गरम चाय की तरह से तुलसी अमृत पीजिये।* ● तुलसी अमृत पेय को आप फ्रिज में रखकर 15 दिन तक पी सकते हैं। *श्याम सुंदर अग्रवाल हॉलिस्टिक एस्ट्रो हेल्थ काउंसलर* 8299829590 https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N

*गर्भावस्था में स्त्रियों का आचरण शिशु के जीवन के मूलभूत सिद्धांत, नीति, संस्कार, चरित्र इत्यादि तय करता है....* गर्भावस्था के तीसरे चौथे माह में गर्भ सुनने लगता है। उसकी कर्णइंद्रियां तैयार हो जाती है। संगीत नैसर्गिक कला है, सृष्टि के कण-कण से संगीत निकलता है। हमने देखा है कि जब शिशु रोता है तो उसकी माता या दादी लोरी गाते हैं। वह तुरंत चुप हो जाता है। स्तुति, प्रार्थना, गीत, भजन आदि सुनकर गर्भस्थ शिशु प्रसन्न हो जाता है। अतः कर्ण इंद्रियों को मधुर संगीत के स्वरों से 'ग्रहण शक्ति' में वृद्धि होती है। जिन बच्चों को गर्भ में संगीत सुनाया जाता है, उनकी अन्य बच्चों की तुलना में ग्रहण क्षमता अधिक होती है। जन्म के बाद भी उनका स्वभाव आनंदित एवं मिलनसार होता है। जीजामाता ने अपने पुत्र शिवाजी को गर्भावस्था में अपने विचारों को लोरी के द्वारा बताया था। उस शिवा ने बड़ा होकर माता की भावनाओं को पूरा किया। अतः गर्भवती माताओं को गर्भावस्था को उत्तम पाठशाला मानकर कला, संगीत, संस्कृत जैसे उत्तम विषय की साधना करनी चाहिए।

*गर्मियों में सौंफ का शर्बत,* *सेहत एवं उदर रोगों के लिए रामबाण है...* पेट की समस्याओं के लिए पिएं एक्सपर्ट का बताया ये सौंफ का शर्बत अगर आपको पेट ठंडा करने के लिए कुछ अच्छी ड्रिंक पीनी है तो सौंफ का शर्बत बहुत अच्छा साबित हो सकता। *गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है...* और इस मौसम में जितना पेट को ठंडा रखा जाए उतना ही अच्छा होता है। गर्मियों के मौसम में अक्सर हम पेट से जुड़ी कई समस्याओं से दो-चार होते हैं। अगर देखा जाए तो ये मौसम कई लोगों को काफी समस्याएं दे देता है। गैस, अपच, उल्टी, दस्त आदि बहुत सारी समस्याएं सिर्फ पेट में गर्मी बढ़ने के कारण हो सकती हैं। ऐसे में क्यों न पेट को ठंडा करने के लिए कोई उपाय कर लिया जाए? *पारम्परिक, प्राकृतिक एवं देसी नुस्खों में पेट को ठंडा करने के लिए सौंफ का शर्बत पीने को कहा गया है...* *इस शर्बत के फायदे के बारे में बताया जाता है कि पेट की गर्मी को शांत करने के लिए ये शर्बत काफी उपयोगी साबित हो सकता है।* *सौंफ के शर्बत से होते हैं ये फायदे-* सौंफ के शर्बत से आप पेट की गर्मी शांत कर सकते हैं सौंफ में फ्लैवोनॉइड्स होते हैं जो सलाइवा का फ्लो ठीक रखते हैं जिससे मुंह नहीं सूखता। ये मुंह की दुर्गंध को भी ठीक करता है। *सौंफ का शर्बत* सौंफ को अक्सर खाना खाने के बाद इस्तेमाल किया जाता है और इसे माउथ फ्रेशनर का काम लिया जाता है, लेकिन यकीन मानिये सौंफ का काम बहुत हद तक मुंह के स्वास्थ्य को ठीक रखना है। ये काफी अरोमैटिक या महकदार होती है और इसलिए ये मुंह की दुर्गंध से काफी अच्छे से लड़ती है। इसे आप दिन में कई बार ऐसे ही खा सकते हैं, लेकिन सौंफ का शर्बत खासतौर पर आपके पेट के लिए होता है जो पेट की कई समस्याओं का इलाज बन सकता है। *पर आखिर ये सौंफ का शर्बत बनाया कैसे जाए?* इसके लिए भी डॉक्टर दीक्षा ने रेसिपी बताई है.! *सामग्री-* 2 चम्मच सौंफ का पाउडर थोड़ी सी मिश्री 2 ग्लास पानी पुदीना, इलाइची (ऑप्शनल) बस इस शर्बत को बनाना इतना ही आसान है। आपको मिश्री अपने स्वादानुसार लेनी होगी। आप इन सभी चीज़ों को अच्छे से मिलाएं और आपकी ड्रिंक तैयार है। अगर आपके पास पहले से ही सौंफ का पाउडर मौजूद है तो इसे पूरा बनाने में आपको सिर्फ 5 मिनट ही लगेंगे! पानी ठंडा लीजिए तो ज्यादा राहत मिलेगी और इसे दोपहर के खाने के बाद गर्मियों में लिया जा सकता है। https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N

*क्या आप इनमें से किसी भी समस्या से परेशान हो तो मुझसे जरूर सम्पर्क करें क्योंकि हो सकता है कि आपकी समस्या का निवारण बगैर किसी दवाई के ही हो जाये...* 1- शुगर (मधुमेह) 2- ब्लड प्रेशर (हाई/लो) 3- हृदय रोग 4- कोलेस्ट्रॉल 5- दमा (अस्थमा) 6- लकवा (पैरालिसिस) 7- स्वाइन फ्लू 8- थाइराॅयड 9- माइग्रेन 10- थकान 11- अर्थराइटिस 12- गठिया 13- जोड़ों का दर्द 14- कमर में दर्द 15- बदन दर्द 16- एकाग्रता की कमी 17- मोटापा 18- त्वचा/चर्म रोग 19- सोराइसिस 20- बवासीर 21- एसिडिटी 22- श्वसन सम्बन्धी 23- पाचन सम्बंधित 24- लीवर से जुडी कोई भी परेशानी 25- अनिद्रा 26- अनीमिया (खून की कमी) 27- मानसिक तनाव 28- खांसी 29- साईनस 30- पेट में गैस बनना 31- पैरो-हाथो मे जलन 32- आखों से संबंधित 33- स्वेद प्रदर (सफेद या गाढ़ा द्रव) 34- अनियमित मासिक धर्म 35- बांझपन 36- नपुंसकता 37- पथरी 38- एलर्जी 39- किसी भी प्रकार का नशा 40- बच्चेदानी में रसोली 41- कैंसर 42- भूख न लगना 43- नसों की बलौकेज 44- टी बी/ क्षयरोग 45- दांतों की कोई भी समस्या 46- फाइलेरिया 47- सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस 48 - फ्रोज़न शोल्डर 49 - टेनिस एल्बो 50 - डिप्रेशन https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N

*नोनी, किसी भी प्रकार के कैंसर को खत्म करने में कैसे मदद करता है.?* *कैंसर एक सेलुलर खराबी है।* *(प्लीज़ इसे हल्के में मत लेना क्योंकि नोनी दुनियां का सर्वश्रेष्ठ कैंसर किलर माना गया है और ये भारत में आसानी से उपलब्ध है।)* कैंसर से पीड़ित होने पर, मानव शरीर सामान्य सेलुलर नियंत्रण खो देता है, जिसके परिणामस्वरूप घातक कोशिका की अनियमित वृद्धि होती है। इन कैंसर कोशिकाओं में भेदभाव की कमी होती है और वे स्थानीय ऊतकों को बुलाते हैं, कहीं और यात्रा करते हैं, और मेटास्टेसाइज करते हैं। रोग स्वयं एक कोशिका से शुरू होता है जो उत्परिवर्तित या परिवर्तित होता है। असामान्य कोशिका मानव शरीर की रक्षा प्रणाली के प्रयासों के बावजूद कोशिका की प्रजनन प्रक्रिया के माध्यम से उस उत्परिवर्तन को बनाए रखती है, जो असामान्य कोशिकाओं को खत्म करने की कोशिश करती है। ये उत्परिवर्तित कोशिकाएं (असामान्य डीएनए के परिणामस्वरूप) तब शरीर के माध्यम से यात्रा करती हैं, शरीर के एक या अधिक अंगों में निवास स्थापित करती हैं। अब एक सौ से अधिक प्रकार के कैंसर हैं जो मानव शरीर के भीतर मौजूद हो सकते हैं। चूंकि कैंसर कई प्रकार के होते हैं, प्रत्येक का अपना असामान्य डीएनए और अलग-अलग लक्षण और प्रभाव होते हैं, इसलिए इस संक्षिप्त समीक्षा में उन सभी को कवर करना असंभव है। सबसे आम लक्षण जो हम देखते हैं वह था ऊर्जा की हानि। कई अलग-अलग प्रकार के कैंसर में त्वचा की मलिनकिरण, और गैर-उपचार घावों, त्वचा के नीचे पता लगाने योग्य गांठ, ऊंचा तापमान और वजन घटाने जैसी असामान्यताएं, जो अक्सर कई अन्य लक्षणों और लक्षणों से जुड़ी होती हैं। अधिकांश प्रकार के कैंसर सूक्ष्म रूप से शुरू होते हैं और केवल नियमित चिकित्सा जांच और विशिष्ट परीक्षण होने पर ही इसका ठीक से निदान किया जा सकता है। जितनी जल्दी एक कैंसर का पता लगाया जाता है और उसका इलाज किया जाता है, उतना ही बेहतर परिणाम होता है। कैंसर पर नोनी का प्रभाव सबसे अधिक संभावना इस तथ्य से संबंधित है कि नोनी और कैंसर दोनों सेलुलर स्तर पर काम करते हैं। यह आगे माना जाता है कि नोनी सेलुलर संरचना को बढ़ाता है जबकि कैंसर निश्चित रूप से इसे नष्ट कर देता है। नोनी के प्रमुख घटकों में से एक, प्रोज़ीरोनिन, गॉल्गी तंत्र और रेटिकुलोएन्डोथेलियम द्वारा शरीर के भीतर "बीमार" कोशिकाओं को भेजा जाता है। ये रुग्ण कोशिकाएँ प्रोज़िरोनीन (Proxeronine) और एक एंजाइम प्रोज़ीरोनाईनेज़ (Proxeroninease) को आकर्षित करती हैं। ज़ेरोनिन, एक सेलुलर इम्युनिटी बढ़ाने वाला बनाता है। मोरिंडा सिट्रिफोलिया की कैंसर से लड़ने की क्षमताओं को मान्य करने के लिए प्रयोगशालाओं में कई अन्य अध्ययन किए गए हैं। ऐसे ही एक अध्ययन में, चार जापानी वैज्ञानिकों ने मोरिंडा सिट्रिफ़ोलिया में पाए जाने वाले डैमनाकैंथल नामक पदार्थ के साथ आरएएस कोशिकाओं (कोशिकाएं जो कई घातक वृद्धि के अग्रदूत हैं) को इंजेक्ट किया। उन्होंने देखा कि इंजेक्शन ने आरएएस कोशिकाओं को पुनरुत्पादन से काफी हद तक रोक दिया। प्रोज़ीरोनाइन (Proxeronine) और डैमनाकेन्थाल (Damnacanthal), मोरिंडा सिट्रिफ़ोलिया के भीतर ऐसे पदार्थ हैं जिन्हें कैंसर रोधी एजेंट माना जाता है। इसके अलावा, शोध से पता चला है कि नोनी शरीर के अन्य कैंसर से लड़ने वाले तत्वों जैसे नाइट्रिक ऑक्साइड, इंटरल्यूकिन्स, इंटरफेरॉन, ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर, लिपोपॉलीसेकेराइड और प्राकृतिक हत्यारे कोशिकाओं के उत्पादन को प्रोत्साहित करने में मदद करता है। कुछ लोगों का मानना है कि मोरिंडा सिट्रिफोलिया कैंसर के शुरूआती चरण के दौरान एक निवारक और सुरक्षात्मक कार्रवाई कर सकता है, जो कि कैंसर के गठन का पहला चरण है। रॉकफोर्ड में यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनोइस कॉलेज ऑफ मेडिसिन में मियां-यिंग वांग, एमडी द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि जिन चूहों को एक सप्ताह के लिए 10 प्रतिशत नोनी का घोल दिया गया था और फिर डीएमबीए, एक ज्ञात कैंसर पैदा करने वाले एजेंट के साथ इंजेक्शन लगाया गया था, उनमें महत्वपूर्ण रूप से कमी थी। डीएमबीए इंजेक्शन वाले चूहों की तुलना में कम डीएनए एडक्ट मार्कर (असामान्य डीएनए के लिए एक परीक्षण) केवल पानी खिलाया जाता है। डीएनए एडक्ट मार्करों की संख्या जितनी कम होगी, कैंसर से लड़ने के लिए उतनी ही अधिक सुरक्षा होगी। नोनी-खिलाए गए चूहों में नोनी के बिना पानी से भरे चूहों की तुलना में फेफड़ों में 50 प्रतिशत कम डीएनए मार्कर थे... दिल में 60 प्रतिशत कम मार्कर, यकृत में 70 प्रतिशत कम और गुर्दे में 90 प्रतिशत कम थे। इसलिए नोनी ने कैंसर से सबसे ज्यादा सुरक्षा किडनी (90 प्रतिशत) और सबसे कम सुरक्षा फेफड़ों (50 प्रतिशत) को दी। *नोनी किसी भी पद्धति में चल रहे उपचार के हर प्रकार के साइड इफेक्ट्स को कम करता है एवं उन दवाइयों की एफिकेसी को बढ़ाने में मदद भी करता है।* https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N

*मुंह से बदबू आना* जायफल 10gm जावित्री 10gm मरवा के फूल 10gm तुलसी के पत्ते 10gm केशर 500mg गुड 100gm गुड को छोड़ सभी को पीस कर पाउडर कर ले फिर गुड को मिला कर चना बराबर गोली बना ले , एक एक गोली सुबह दोपहर शाम चूसे कुछ दिन में ही मुंह की बदबू जाती रहेगी । https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N

*जानिये मानसिक तनाव से मुक्ति के उपाय.....* *व्यक्तिगत सलाह लेने के लिए कॉल कर सकते हैं* 8299829590 https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N भागदौड़ भरी लाइफ के कारण आजकल कोई किसी न किसी चीज को लेकर परेशान है। ज्यादा सोचने, टेंशन लेने, तनाव, स्ट्रेस के कारण दिमाग पर बुरा असर पड़ता है, जिससे आप डिप्रैशन या माइग्रेन के शिकार भी हो सकते हैं। इतना ही स्ट्रेस या तनाव का असग आपके मूड़ पर भी पड़ता है और आप चिड़चिड़े और गुस्सैल हो जाते हैं। कुछ लोग स्ट्रेस होने पर शॉपिंग करते है या कुछ खा लेते हैं लेकिन हर कोई तो ऐसा नहीं कर सकता। ऐसे में क्यूं न कुछ ऐसे टिप्स अपनाये जायें, जिससे आपका तनाव भी मिनटों में छूमंतर हो जाए और आपको कोई परेशानी भी न झेलनी पड़े। आज हम आपको कुछ ऐसे ही आसान से टिप्स देंगे, जिससे आपकी सारी टेंशन और स्ट्रेस मिनटों में दूर हो जाएगा। ➡️. मेडीटेशन.... स्ट्रेस, तनाव, और टेंशन को दूर करने के लिए यह सबसे अच्छा उपाय है। इसे करने के लिए हमेशा शांत जगह चुने और वहां बैठकर ओउम् का जाप करें। आप चाहें तो कुछ पॉजिटिव भी सोच सकते हैं। रोजाना मेडीटेशन करने से आप न सिर्फ तनाव से दूर रहेंगे बल्कि यह आपको सेहतमंद भी रखेगा। ➡️. गहरी सांस लें.... जब भी आपको तनाव, टेंशन या स्ट्रेस हो तो ब्रेक लेकर अपनी सांस पर ध्यान दें। अपनी आंखों को बंद करके एक हाथ को नाभी पर रखें और दूसरे हाथ से नाक के एक छिद्र को बंद कर लें। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और दोबारा सांस लेकर उसे फिर धीरे-धीरे छोड़ दें। इससे आपका सारा स्ट्रेस गायब हो जाएगा। ➡️. अपने पर ध्यान देना.... अपने स्ट्रेस को एक साइड रखकर सबसे पहले अपने आप से यह पूछें कि ऐसे परेशान होने से क्या होगा? इसके अलावा अपने व्यवहार पर भी ध्यान दें और अगर उसमें कोई कमी नजर आए तो उसे सुधारने की कोशिश करें। इसके अलावा आप अपने स्ट्रेस को दूर करने के लिए अपना पसंदीदा खाना भी खा सकते हैं। जब भी आप खुद को एंजॉय करते हैं तब अपने सेंस पर फोकस करें। *लोगों के साथ समय बिताना....* अक्सर तनाव या स्ट्रेस होने पर आप अकेला रहना पसंद करते है लेकिन इससे आपकी समस्या और भी बढ़ सकती है। इसलिए लोगों से बातचीत करें। अपनी फैमिली और फ्रैंड्स के साथ समय बिताएं। ऐसा करने से आपको हल्का महसूस होगा और एक ताकत अंदर से आएगी जो आपको कुछ नया करने या सोचने की शक्ति प्रदान करेगा। इससे आपको अपनी समस्या का हल भी मिल सकता है। ➡️. ठन्डे पानी से नहाये.... तनाव दूर भगाने का यह मेरा सबसे कारगर हथियार है। मुझे जब भी तनाव घेरता है तब मैं तनाव से निकलने के लिए ठन्डे पानी से नहाता हूँ। आपको जब भी तनाव घेरे आप ठन्डे पानी से नहाये और जमकर नहाये। जब ठन्डे पानी की धारा हमारे शरीर में पड़ती है तो हमारा शरीर हमारे तनाव के लेवल को कम कर देता है और हमारे अंदर तनाव को कम करने के हारमोंस प्रोड्यूस हो जाते है। ➡️. गहरी नींद ले.... गहरी नींद लेना तनाव दूर करने का सबसे उपयुक्त तरीका होता है। आप खुद इसे आजमा के देख ले. जब हम गहरी नींद लेते है तो तब हमें काफी relax मिलता है और हम बेहतर महसूस करते है। आप जब भी तनाव महसूस हो आप एक अच्छी सी नींद ले। वैसे एक दिन में हर व्यक्ति को 7 से 8 घंटे की नींद अवश्य लेनी चाहिए। आज हर व्यक्ति खुद को सफलता के लिए तैयार कर रहा है। अपनी लाइफ को बेहतर बनाने में लगा हुआ है। एक विद्यार्थी जहाँ अपनी परीक्षा में अच्छा करना चाहता है वही एक बिजनेसमेन अपने बिजनेस में मुनाफा कमाना चाहता है। हम सब लोग एक बेहतर जीवन के लिए तैयारी करने में लगे हुए है। लेकिन सफलता की इस दौड़ में कब हम लोग तनाव की चपेट में आ जाते है पता ही नहीं चलता। माता – पिता को अपने बच्चो के भविष्य की फ़िक्र है तो एक युवा को अपने कैरियर की। कोई अपनी रिलेशनशिप से संतुष्ट नहीं तो कोई अपनी जॉब से परेशान है। यानि कहने का अर्थ यह है कि अधिकतर लोग आज अपना जीवन टेंशन में बिता रहे है। लोगो के पास सारी सुख – सुविधा होने के बाद भी वे परेशान है। तनाव के अधिक बढ़ जाने से लोगो को कई प्रकार के मन के रोग हो रहे है जिसमे चिन्ता, हिस्टीरिया, डिप्रेशन, पैनिक और डिसऑर्डर आदि शामिल है। *तनाव का मतलब क्या है...* तनाव शरीर की वह स्थिति होती है जब हमारी लाइफ में अचानक कोई बदलाव हो जाता है जिससे हमारे शरीर में भावनात्मक और शारीरिक प्रतिक्रिया होती है। जब हमारे मस्तिष्क को अच्छी तरह से आराम नहीं मिल पाता है तो हमारा माइंड थक जाता है और थका हुआ माइंड हमें स्ट्रेस या तनाव की ओर ले जाता है। इस कारण से यह तनाव हमारे शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक कार्यप्रणाली को गड़बड़ा देती है और हमारे कई हार्मोन्स को बढ़ा देते है। तनाव के अधिक बढ़ जाने से व्यक्ति डिप्रेशन में चले जाता है। *तनाव में रहने के लक्षण क्या हैं.....* वैसे तो तनाव के कई सारे लक्षण होते है लेकिन यहाँ हम आपको कुछ प्रमुख लक्षण बता रहे है जो किसी व्यक्ति के तनाव में होने की स्थिति को दर्शाता है... ➡️. नींद का गायब रहना ➡️. पाचन क्रिया का धीमा हो जाना ➡️. रक्त संचार का ठीक न होना ➡️. वजन घट जाना ➡️. दिल का तेजी से धड़कते रहना ➡️. अचानक ब्लड प्रेशर बढ़ जाना ➡️. थकान महसूस करना ➡️. मन का उदास रहना ➡️ . सांसे अचानक तेज होना https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N

*1 माह तक मखाना खाने से होंगे ये 7 अद्भुत चमत्कार...* 1. अगर आप जल्द से जल्द डायबिटीज को खत्म करना चाहते है और सेहत में चमत्कारिक लाभ पाना चाहते हैं, तो प्रतिदिन सुबह 1 माह तक खाली पेट चार मखाने खाएं। इन मखाने के चार दानों का सेवन करके आप शुगर से हमेशा के लिए निजात पा सकते है। 2. मखाने के सेवन से शरीर में इंसुलिन बनने लगता है तथा शुगर की मात्रा कम होकर डायबिटीज से निजात मिल सकती है। 3. मखाना जहां तनाव दूर होता है, वहीं अनिद्रा की समस्या भी दूर करता है। यदि आप नींद न आने की समस्या से ग्रसित हैं तो रात को सोने से पहले दूध के साथ मखानों का सेवन करें और कुछ ही दिनों में नींद और पौरुष दोनों में फर्क नजर आ जाएगा। 4. मखाना शुगर रोगियों की तरह ही दिल के लिए भी फायदेमंद है। यह हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों में फायदेमंद है। मखाने के सेवन से दिल स्वस्थ रहता है और पाचन क्रिया अच्छी होती है। 5. फूल मखाने में मीठा बहुत कम होता है अत: यह स्प्लीन (प्लीहा या तिल्ली) को डिटॉक्सीफाइ करता है। यह किडनी को मजबूत बनाने तथा ब्लड को बेहतर रखने में उपयोगी है। इसका 1 माह तक नियमित सेवन करने से शरीर को लाभ होगा। 6. फूल मखाने में एस्ट्रोजन गुण होने के कारण यह दस्त में राहत देकर भूख में सुधार करने के लिए बहुत फायदेमंद है। 7. मखाना एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण यह पाचन में सुधार करता है, इसका उपयोग सभी लोग कर सकते हैं, क्योंकि इसके सेवन से खाना आसानी से पच जाता है। *श्याम सुंदर अग्रवाल हॉलीस्टिक एस्ट्रो हेल्थ काउंसिलऱ* 8299829590 https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N

*उच्च बीपी को नियंत्रित करने के लिए खाने के लिए खाद्य पदार्थ...* *(1) लहसुन उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए प्राकृतिक दवा है।* *लहसुन..?* लहसुन में एक सक्रिय पदार्थ है जिसे एलिसिन कहा जाता है जिसे एलिसिन कहा जाता है जिसे रक्तचाप के स्तर को कम करने के लिए पाया गया एक सक्रिय पदार्थ होता है। हालांकि, लहसुन को कच्चे रूप में खाया जाना चाहिए, आदर्श रूप से कुचल। खाना पकाने के दौरान एलिसिन नष्ट हो गया है। लहसुन के अलावा, उच्च रक्तचाप वाले लोगों को खीरे और सेब साइडर सिरका से भी लाभ हो सकता है। ककड़ी एक प्राकृतिक मूत्रवर्धक है जो धमनियों में दबाव कम करती है। यह शरीर को हाइड्रेटेड भी रखता है। सिरका, इस बीच, शरीर को क्षारीय करके रक्तचाप को कम कर देता है। *(2) नमक को न जोड़ें* समुद्री नमक उदाहरण के लिए गुर्दे अधिक पानी पकड़ते हैं। अधिक पानी ले जाने से रक्तचाप का स्तर बढ़ जाता है। अतः प्रयास करें कि कम से कम नमक खायें और अगर खायें भी तो सेंधा नमक ही खायें। *(3) नियमित शारीरिक गतिविधि* कम से कम 30 से 60 मिनट। *(4) ऐप्पल साइडर विंगर:* सिरका शरीर को क्षीण करता है और आपके रक्तचाप को कम करता है। *(5) कॉफी से बचें* कॉफी भी एक बुरा विचार है, क्योंकि यह रक्तचाप को बढ़ाता है। कॉफी में कैफीन को धमनी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हार्मोन को अवरुद्ध करने के लिए कहा जाता है। कैफीन भी अधिक एड्रेनालाईन की रिहाई को संकेत देता है, जो कि एक ज्ञात रक्तचाप राइजर भी है। *(6) ककड़ी:* 2 सप्ताह के लिए हर दिन 2 ताजा ककड़ी खाएं। https://whatsapp.com/channel/0029VaY8gyE7dmejCRTiwP3N