
Sandeep Yadav
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राष्ट्रीय मीडिया एवं संचार प्रभारी - भारत जोड़ो अभियान, प्रवक्ता - जय किसान आंदोलन
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आंदोलन किया तो… बिना जांच के नौकरी खत्म। UP सरकार बिजली विभाग का निजीकरण चाहती है — और विरोध करने वाले कर्मचारियों पर कड़े नियम थोप रही है। जो सरकार अपने ही कर्मचारियों की बात सुनने को तैयार नहीं, और आंदोलन को दबाने के लिए नियम बदल देती है — वो असंवेदनशील नहीं तो और क्या है?


"लोगों को ये बात हज़म नहीं हो रही — कि विदेश मंत्री ने आतंकियों पर कार्रवाई से पहले पाकिस्तान को सूचना क्यों दी" – वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष

1965 में अमेरिका ने धमकी दी — "अगर युद्ध नहीं रोका तो गेहूं भेजना बंद कर देंगे" तब भारत को आज़ाद हुए मात्र 18 साल हुए थे, भारत कमजोर था। अनाज की घोर कमी थी। लेकिन शास्त्री जी ने झुकने से इनकार कर दिया। पत्नी से कहा, "आज खाना मत बनाना, देखना है मेरे बच्चे भूखे रह सकते हैं या नहीं" फिर देशवासियों से अपील की — "सप्ताह में एक बार खाना छोड़ो, देश बचाने के लिए" यहीं से शुरू हुई हरित क्रांति, और कुछ ही वर्षों में भारत अनाज का बड़ा निर्यातक बन गया। 1971 में अमेरिका ने धमकी दी — "हमारा सातवां बेड़ा तैयार है।" इंदिरा गांधी ने जवाब दिया — "चाहे सातवां हो या सत्तरवां, भारत किसी से नहीं डरता।" पाकिस्तान टुकड़े-टुकड़े हो गया, और दुनिया का भूगोल बदल गया। 1974 में परमाणु परीक्षण के बाद भी अमेरिका ने रोकने की कोशिश की, लेकिन भारत नहीं रुका। 75 वर्षों तक किसी देश ने हमें दबाया नहीं... और आज? अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप पूरी दुनिया को गर्व से बता रहे हैं — "मैंने ट्रेड डील का हवाला देकर भारत-पाक युद्ध रोका।" और हमारी सरकार? अमेरिका के खिलाफ एक शब्द बोलने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रही। 140 करोड़ लोगों का यह देश, जिसका इतिहास गर्व और आत्मसम्मान से भरा है — क्या यह इतिहास हम अपने बच्चों को सुना पाएंगे?

नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पुंछ में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए जवानों के परिजनों से मुलाकात की। उनके दुःख को साझा किया और संवेदना जताई। इन परिवारों को सलाम — जंग के सबसे गहरे ज़ख्म यही घर सहते हैं। संकट की इस घड़ी में हम आपके साथ खड़े हैं।

🔴 बड़ा खुलासा! सुरक्षा बलों को संदेह है कि 22 अप्रैल, 2025 के पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले तीन आतंकवादी पिछले 18 महीनों से सक्रिय हैं और 3 बड़े हमलों में शामिल रहे हैं: 🔺 डेरा की गली, पुंछ (दिसंबर 2023) ➡ 4 सैनिक शहीद, 3 घायल 🔺 गंगनगीर, गंदेरबल (अक्टूबर 2024) ➡ 6 गैर-स्थानीय नागरिक और एक डॉक्टर की हत्या 🔺 गुलमर्ग (अक्टूबर 2024) ➡ 2 सैनिक और 2 कुलियों की निर्मम हत्या


"उनमें वीरांगना का भाव नहीं था, जोश नहीं था, जज़्बा नहीं था... इसलिए मारे गए " — ये बयान हरियाणा से BJP के राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने पहलगाम हमले में पीड़ित महिलाओं को लेकर दिया है जिनके सुहाग बिछड़ गए, मांग का सिंदूर मिट गया… अब उन्हें ही कमज़ोर, डरपोक, "वीरता से खाली" बताया जा रहा है।

शर्मनाक! निर्भया जैसी दरिंदगी ने फिर इंसानियत को रुला दिया। मध्यप्रदेश के खंडवा में 45 साल की आदिवासी महिला के साथ गैंगरेप हुआ। दरिंदों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दीं। जिसके बाद तड़प-तड़पकर महिला ने दम तोड़ दिया।

जहाँ इंसानियत हो... वहां हर रुकावट आसान हो जाती है। पुणे में एक हिंदू जोड़ा शादी की खुशियों में डूबा था, तभी तेज बारिश ने मंडप भीगा दिया। सब घबरा गए, लेकिन पास ही शादी कर रहा मुस्लिम जोड़ा आगे आया और अपना मंच उन्हें दे दिया।

7 साल का इंतज़ार… युवा फिर भी बेरोजगार 2018 के बाद यूपी में एक भी नियमित शिक्षक भर्ती नहीं आई। इस बीच हज़ारों अभ्यर्थी ओवरएज हो चुके हैं। अब ये युवा कड़कड़ाती गर्मी में प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। सोचिए उन युवाओं का क्या हाल होगा जिनके कंधों पर बहन की शादी और बूढ़े मां-बाप की ज़िम्मेदारी है?

देशभर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी में सिर्फ़ 4% प्रोफेसर OBC हैं, जबकि OBC की आबादी 52% है! ये आंकड़े दिखाते हैं कि OBC वर्ग को उनके हक़ से कैसे वंचित रखा गया। स्पष्ट है — सामाजिक न्याय का रास्ता जातिगत जनगणना से होकर ही जाता है।
