
प्राचीन शिव मंदिर
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About प्राचीन शिव मंदिर
मुझे शिव से नहीं शिव मैं मिलना है
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श्री हरी श्री अर्धनारीश्वर स्वरूप शिव भगवान के प्राचीन मंदिरों में से एक है हर-हर महादेव! श्री गोमेश्वर महादेव मंदिर की यह अद्भुत जानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद। वास्तव में, शिव जी और माता शक्ति की कृपा से हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है। गोमती नदी के मध्य स्थित यह मंदिर अपनी पौराणिक महिमा और आस्था के लिए प्रसिद्ध है। भोलेनाथ की कृपा हम सभी पर बनी रहे, और उनका आशीर्वाद हम सबको शक्ति, शांति और समृद्धि प्रदान करे। शिव भगवान और मां शक्ति को कोटि कोटि प्रणाम शंभू की कृपा हम सब पर बनी रहे!! ॐ नमः शिवाय!

https://youtube.com/@vishamjaybadal007?si=r9FdhBNPzezL2o07 https://whatsapp.com/channel/0029VaZfvNHFHWq1gNV9Ti11 https://www.facebook.com/profile.php?id=61559173199793&mibextid=ZbWKwL शिव भक्तों के लिए ये चैनल बनाया है इसमें देश के प्राचीन शिव मंदिर ओर उनसे छोड़ी मान्यताएं आपको बताते है ओर साथ में शिवलिंग के दर्शन कराते है !! और जहां भी जरूरत होती है और बाबा हमें आदेश देते है उनको करने का तू आपके सहयोग से जो करते है !!

श्री हरी श्री अर्धनारीश्वर स्वरूप शिव भगवान के प्राचीन मंदिरों में से एक है हर-हर महादेव! श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर, लखनऊ, श्रद्धा और आस्था का एक दिव्य केंद्र है। यह पवित्र स्थल भगवान शिव के अर्धनारीश्वर स्वरूप की उपासना के लिए प्रसिद्ध है। लक्ष्मण जी द्वारा यहाँ आराधना किए जाने की पौराणिक कथा इस मंदिर की महिमा को और भी बढ़ा देती है। राजा हिरण्यधनु द्वारा निर्मित इस भव्य मंदिर के शिखर पर स्थित 23 स्वर्ण कलश इसकी गरिमा को दर्शाते हैं। गोमती नदी के तट पर स्थित यह मंदिर भक्तों की मनोकामनाएँ पूर्ण करने वाला माना जाता है। भगवान शिव और माता शक्ति की कृपा से सभी पर सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहे। ॐ नमः शिवाय!

श्री हरी श्री अर्धनारीश्वर स्वरूप शिव भगवान के प्राचीन मंदिरों में से एक है श्री हर-हर महादेव! श्री कोनेश्वर महादेव मंदिर का यह पौराणिक और दिव्य इतिहास अद्भुत है। भगवान शिव की महिमा और उनकी अलौकिक लीलाओं का वर्णन हमें यह विश्वास दिलाता है कि वे अपने भक्तों की भक्ति और श्रद्धा से प्रसन्न होकर स्वयं उनकी रक्षा करते हैं। कौण्डिन्य ऋषि के आश्रम और लक्ष्मण जी के इस स्थान पर रुकने की कथा से यह मंदिर और भी अधिक पवित्र और ऐतिहासिक हो जाता है। भगवान शिव का स्वयं अपनी इच्छानुसार कोने में विराजमान होना उनकी अद्वितीय शक्ति और चेतनता को दर्शाता है। शिव की कृपा हम सभी पर बनी रहे, और उनकी भक्ति में हम सदैव लीन रहें। ॐ नमः शिवाय!