कृषि एवं उद्यान विभाग (अनऑफिशियल)
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About कृषि एवं उद्यान विभाग (अनऑफिशियल)
इस चैनल पर कृषि विभाग की योजनाओं सहित खेती बाड़ी से जुड़ी समस्याओं के समाधान का प्रयास किया जाएगा साथ ही आपको खेती बाड़ी में काम आने वाली उन्नत तकनीकियों की जानकारी प्रदान की जाएगी
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                                *मूंगफली की #उन्नत_खेती के लिए पढ़े सारी डिटेल्स:- सफेद लट एवं उन्नत किस्मो की जानकारी* *किसानों से जुड़े सभी ग्रुप्स में आवश्य शेयर करें प्लीज* *हल्की मिट्टी वाले क्षेत्र :* जयपुर,सीकर, दौसा, सवाई माधोपुर एवं अन्य ऐसी ही मिट्टी वाले क्षेत्र में फैलने वाली *किस्म:* - आरजी 382, आरजी 510 उपयोग करें। सेमी स्प्रेडिंग में एचएनजी 10, गिरनार 2, मलिका, एचएनजी 123, आरजी 559-3, सेमी स्प्रेडिंग सूखा झेलने की क्षमता वाली आर जी 425 का उपयोग करें। *भारी_मिट्टी वाले क्षेत्र* :- भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ जिले में जहां स्पेनिश ग्राउंडनट (मूंगफली) को महत्ता दी जाती है, वहां टीजी 37 ए, टीएजी 24, प्रताप मूंगफली 1 और 2 का उपयोग करें । *उत्तरी और #उत्तरी_पश्चिमी राजस्थान का सिंचित क्षेत्र* :- स्प्रेडिंग में आरजी 382 और आरजी 510 और सेमी स्प्रेडिंग में एचएनजी 10, गिरनार 2, एचएनजी 69, एचएनजी 123, आरजी 425, मलिका का उपयोग करें। *नोट* :- गिरनार-2 एवम RG - 510, TG - 37 A का परिणाम दौसा जिले के किसानों ने सराहनीय बताया है। *बीजोपचार* :- बीजों का उपचार करने के लिए 3 ग्राम #थाइराम या #मेंकोजेब 2 ग्राम प्रति किलो या #वीटावेक्स पाउडर 3 ग्राम प्रतिकिलो का इस्तेमाल करें। इससे कॉलर और रूट रोट नामक रोग से बचाव हो सकता है। फफूंद जनित रोगों की रोकथाम के लिये आप ट्राइकोडर्मा वीरीडी 6 ग्राम / किलो बीज के हिसाब से उपचारित करें *सफेद लट* :- सफेद लट से बचाव करने के लिए बुआई से पहले बीजों को #इमीडाक्लोरपीड 600 FS दवाई को 6.5 ML प्रति किलो बीज के हिसाब से मिलाकर बुबाई करें । *खड़ी फसल में सफेद लट से बचाने के लिए क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी या ईमिडाक्लोरोपिड 17.8 एसएल 2 एमएल प्रति लीटर की दर से सिंचाई के साथ दिया जा सकता है। *टिक्का रोग* :- पत्तियों पर गहरे भूरे रंग के धब्बे बन जाते है मैनकोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव करें *पीलिया रोग* :- वर्षात के शीरुआत में फसल पीली पड़ने लग जाती है धीरे धीरे पूरा खेत पिला पड़ जाता है यह लौह तत्व की कमी से होता है इसके लिए 75 ग्राम फेरस सैल्फेट एवम 15 ग्राम साइट्रिक अम्ल को 15 लीटर पानी मे मिलाकर छिड़काव करें *कॉलर रॉट* :- पौधे का निचला हिस्सा काला हो जाता है पौधा सुख जाता है सूखे हुए भाग पर काली फफूंद दिखाई देती है *नियंत्रण:-* बुबाई से पूर्व 1 किलो ट्राइकोडर्मा पाउडर को 10 किलो देशी खाद के साथ बबाई पूर्व खेत मे डालें, फफूंदनाशी दवाओं से #बीजोपचार आवश्य करें मूंगफली के विकास और उसमें केल्सियम और सल्फर की मात्रा के लिए 250 किलो से 500 किलो प्रति हैक्टेयर की दर से जिप्सम का उपयोग करें। *अधिक जानकारी के लिए आप कृषि विभाग में सम्पर्क करें* नोट- ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी हेतु आप नीचे दिए गए *View Channel* पर क्लिक कर हमें *Follow* कर सकते है पिन्टू मीना पहाड़ी सहायक कृषि अधिकारी गंगापुरसिटी
                                
                                    
                                *कृषि यंत्र हेतु ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 30जून 2025 है* *उसके बाद पोर्टल बंद हो जाएगा किसान साथी जल्द से जल्द अपना आवेदन कर दे* साथ ही इस बार कृषि यंत्र पर अनुदान लॉटरी की बजाय पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा इसलिए जितना लेट आवेदन करोगे उतने ही वरीयता से पिछड़ जाओगे *अतः जल्द से जल्द आवश्यक दस्तावेज लेकर ई मित्र या स्वयं राज किसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर दे* 1. ई साइन जमाबंदी 2. मृदा स्वास्थ्य कार्ड 3. कोटेशन 4. लघु सीमांत प्रमाण पत्र लागू हो तो 5. ट्रैक्टर की RC नोट:- ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी हेतु आप नीचे दिए गए View Chennel पर क्लिक कर Follow करें पिन्टू मीना पहाडी
                                
                                    
                                *📍मूंगफली की उन्नत खेती के लिए विस्तृत जानकारी* मूंगफली की खेती भारत में एक महत्वपूर्ण फसल है, जो न केवल खाद्य तेल के स्रोत के रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह मिट्टी की गुणवत्ता में भी सुधार करती है। इस लेख में, हम मूंगफली की उन्नत खेती के लिए आवश्यक जानकारी प्रदान करेंगे, जिसमें उन्नत किस्मों का चयन, बीजोपचार, सफेद लट से बचाव, और विभिन्न रोगों के नियंत्रण के बारे में चर्चा की जाएगी। *📍उन्नत किस्मों का चयन* मूंगफली की विभिन्न किस्में अलग-अलग मिट्टी और जलवायु परिस्थितियों के लिए उपयुक्त होती हैं। कुछ प्रमुख किस्में निम्नलिखित हैं: - *हल्की मिट्टी वाले क्षेत्र:* आरजी 382, आरजी 510, एचएनजी 10, गिरनार 2, मलिका - *भारी मिट्टी वाले क्षेत्र:* टीजी 37 ए, टीएजी 24, प्रताप मूंगफली 1 और 2 - *उत्तरी और उत्तरी पश्चिमी राजस्थान का सिंचित क्षेत्र:* आरजी 382, आरजी 510, एचएनजी 10, गिरनार 2, एचएनजी 69, एचएनजी 123, आरजी 425, मलिका *📍बीजोपचार* बीजोपचार मूंगफली की फसल को विभिन्न रोगों से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। बीजों का उपचार करने के लिए निम्नलिखित दवाओं में से किसी एक दवाई का उपयोग किया जा सकता है: - *थाइराम:* 3 ग्राम प्रति किलो बीज - *मेंकोजेब:* 2 ग्राम प्रति किलो बीज - *वीटावेक्स पाउडर:* 3 ग्राम प्रति किलो बीज - *ट्राइकोडर्मा वीरीडी:* 6 ग्राम प्रति किलो बीज *📍सफेद लट से बचाव* *सफेद लट मूंगफली की फसल के लिए एक बड़ा खतरा है। इसे नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित दवाओं में से किसी एक दवा का उपयोग किया जाये:* - *इमीडाक्लोरपीड 600 FS:* 6.5 एमएल प्रति किलो बीज - *क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी:* 2 एमएल प्रति लीटर पानी *📍रोग नियंत्रण* मूंगफली की फसल विभिन्न रोगों से प्रभावित हो सकती है, जिनमें से कुछ प्रमुख रोग निम्नलिखित हैं: - *टिक्का रोग:* मैनकोजेब 2 ग्राम प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। - *पीलिया रोग:* 75 ग्राम फेरस सल्फेट और 15 ग्राम साइट्रिक एसिड को 15 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। - *कॉलर रॉट:* ट्राइकोडर्मा पाउडर का उपयोग करें और फफूंदनाशी दवाओं से बीजोपचार करें। *📍जिप्सम का उपयोग* मूंगफली के विकास और उसमें केल्सियम और सल्फर की मात्रा के लिए 250 किलो से 500 किलो प्रति हैक्टेयर की दर से जिप्सम का उपयोग करें। *📍अधिक जानकारी के लिए* अधिक जानकारी के लिए आप कृषि विभाग में संपर्क कर सकते हैं नोट :- ऐसी ही महत्वपूर्ण जानकारी हेतु *View Channel पर क्लिक कर हमारे चैनल को *Follow* कर सकते हैं।l पिन्टू मीना पहाड़ी सहायक कृषि अधिकारी गंगापुरसिटी
                                
                                    
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                                *इन कम्पनियों से नही खरीदें खाद हो सकती है आपके साथ ठगी* *📍किसान भाइयों के लिए महत्वपूर्ण सूचना* कृषि विभाग द्वारा कुछ कंपनियों की खाद और उर्वरक की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं। इन कंपनियों के उत्पादों का उपयोग करने से फसलों की उत्पादकता और गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। *📍इन कंपनियों से सावधान रहें* कृषि विभाग द्वारा जारी लिस्ट में शामिल कंपनियों से निर्मित खाद और उर्वरक नहीं खरीदने की सलाह दी गई है। इन कंपनियों के उत्पादों की गुणवत्ता संदिग्ध हो सकती है। *📍सुझाव* - *विश्वसनीय स्रोत से खरीदें*: खाद और उर्वरक को विश्वसनीय स्रोत से खरीदें जैसे कि कृषि विभाग द्वारा अनुमोदित दुकानें या ऑनलाइन प्लेटफॉर्म। - *उत्पाद की जांच करें*: उत्पाद की जांच करें और गुणवत्ता प्रमाण पत्र की मांग करें। - *किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें*: यदि आपको कोई संदेह है, तो किसी विशेषज्ञ से परामर्श लें। *📍आपकी फसलों की सुरक्षा के लिए* आपकी फसलों की सुरक्षा और उत्पादकता के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप उच्च गुणवत्ता वाले खाद और उर्वरक का उपयोग करें। संदिग्ध कंपनियों के उत्पादों से बचें और विश्वसनीय स्रोत से खरीदारी करें। *ऐसी महत्वपूर्ण जानकारी हेतु आप VIEW CHENNEL पर क्लिक कर फॉलो करें
                                
                                    
                                *आप शेयर करने में कमी मत छोड़ो मैं आपको जानकारी देने में कमी नही छोडूंगा*
                                    
                                *ऐसी जानकारी हर किसान के पास ग्रुपो के माध्यम से पहुँचनी चाहिए* *📍नए फल बगीचों की स्थापना पर कृषि विभाग का अनुदान* कृषि विभाग नए फल बगीचों की स्थापना के लिए अनुदान प्रदान कर रहा है। यह अनुदान विभिन्न श्रेणियों के कृषकों के लिए अलग-अलग दरों पर उपलब्ध है। *📍अनुदान की दरें* - *अधिक मूल्य वाली एवं सामान्य अन्तराल वाली फसलों पर*: निर्धारित इकाई लागत का 40 प्रतिशत अनुदान देय है। - *सघन बागवानी फलोद्यान के लिए*: निर्धारित इकाई लागत का 40 प्रतिशत अनुदान देय है। - *अनुसूचित जनजाति क्षेत्र हेतु*: सभी प्रकार के बगीचा स्थापना पर 40 प्रतिशत अनुदान देय है। - *SC, ST, लघु, सीमान्त कृषकों को*: 25 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान देय है। *📍अनुदान हेतु पात्रता* - *न्यूनतम क्षेत्रफल*: 0.4 हेक्टेयर (अनुसूचित जाति/जनजाति के कृषकों व जनजातीय क्षेत्रों के लिए 0.2 हेक्टेयर) - *अधिकतम क्षेत्रफल*: 2 हेक्टेयर *📍आवेदन के समय आवश्यक दस्तावेज* - *भूस्वामित्व प्रमाण-पत्र*: 6 माह से अधिक पुराना नहीं होना चाहिए। - *आवेदन पत्र*: ड्रिप संयंत्र स्थापना हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा। *📍अनुदान प्राप्ति हेतु प्रक्रिया* 1. *आवेदन*: कृषक नजदीकी ई-मित्र केन्द्र पर जाकर अथवा स्वयं के स्तर पर राजकिसान साथी पोर्टल पर जनआधार नम्बर के माध्यम से आवेदन कर सकेगा। 2. *प्रशासनिक स्वीकृति*: आवेदन के बाद फल बगीचा स्थापना हेतु चयनित कृषकों की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जायेगी। *📍अन्य महत्वपूर्ण बिंदु* - *ड्रिप संयंत्र*: बगीचों में ड्रिप संयंत्र लगाना अनिवार्य रहेगा। - *पौधों की खरीद*: फल बगीचों की स्थापना हेतु एन.एच.बी. एक्रिडेटेड नर्सरी/राजहंस नर्सरी/राजकीय उपक्रम/कृषि विश्वविद्यालयों/ कृषि महाविद्यालयों / अर्धराजकीय, भारत सरकार की संस्थाएँ / अनुसंधान केन्द्र / फार्म अथवा अन्य किसी राजकीय संस्था से पौधे खरीद कर बगीचा लगाने पर अनुदान देय होगा। - *अनुदेश राशि*: सीधे कृषक के बैंक खाते में जाएगी। 🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱🌱〽️ आप ऐसी जानकारी के लिए नीचे दिए गए *Chennel* पर क्लिक कर *Follow* करें पिन्टू मीना पहाड़ी सहायक कृषि अधिकारी गंगापुरसिटी
                                
                                    
                                *बरसात के जल को एकत्रित कर सिंचाई करने पर सरकार दे रही है अनुदान* फार्म पौण्ड पर सरकार किसान को दे रही है 1 लाख 35 हजार रुपये तक का अनुदान *उद्देश्य*:- किसान भाइयो बरसात के पानी को एकत्रित कर फव्वारा एवं ड्रिप संयंत्र के साथ यदि खेती में काम लेंगे तो बेहद कम पानी मे बड़े क्षेत्र में सिंचाई की जा सकती है *अनुदान*:- ST, SC, लघु सीमांत किसानों को कच्चे फार्म पौण्ड पर कृषि विभाग राजस्थान 73500 एवं प्लास्टिक लाइन फार्म पौण्ड पर 1,35,000/ रु तक अनुदान देय है अन्य कृषकों को कच्चे पर 63,000 एवं प्लास्टिक लाइन पर 1,20,000 रुपये तक अनुदान देय है नियम:- ● इसके लिए किसान के पास 0.3 हैक्टेयर भूमि का एक जगह होना जरूरी है ● जिस खसरे में फार्म पौण्ड बनाना है उसका नक्शा / ट्रेस जरूरी है ● जमीन की जमाबंदी, आधार कार्ड, जनाधार कार्ड को लेकर *राज किसान साथी पोर्टल पर आवेदन करें* नोट:- अधिक जानकारी हेतु नजदीकी कृषि कार्यालय में संपर्क करें ऐसी ही महत्वपूर्ण एवं उपयोगी जानकारी के लिए हमारे व्हाट्सऐप चैनल से जुड़ें इसके लिए आप *View Chennel पर क्लिक कर Follow पर क्लिक करें* पिन्टू मीना पहाड़ी सहायक कृषि अधिकारी गंगापुरसिटी